Jabalpur News: ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में 4 बमों का लॉट फेल, दो मैनेजर सस्पेंड, जबलपुर को 35 करोड़ का मिला था ऑर्डर
रक्षा उत्पादन में अग्रणी एमपी के जबलपुर की ऑर्डिनेंस खमरिया फैक्ट्री में बमों के 4 लॉट फेल होने से दिल्ली मंत्रालय तक हडकंप मचा है। 35 करोड़ के वर्क ऑर्डर वाले इन बमों के मामले में दो वर्क मैनेजर सस्पेंड हो गए।
एमपी के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में बने बमों लॉट फेल होने पर जमकर बबाल मचा हैं। यह फैक्ट्री देश में एक से बढ़कर एक रक्षा उत्पादनों में शुमार है। इस मामले को लेकर कर्मचारी यूनियनों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। जिसका हल्ला डिफेन्स मिनिस्ट्री तक हुआ, तो दो JWM पर निलंबन की गाज गिरने की खबर है। बताया गया कि कनिष्ठ कार्य प्रबंधकों के सस्पेंशन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस पर भी कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इस मामले में जिम्मेदार बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई होना चाहिए।
मौजूदा वित्तीय वर्ष में मप्र की आयुध निर्माणी खमरिया फैक्ट्री जबलपुर को 35 करोड़ रुपए का वर्क ऑर्डर मिला था। जिसके तहत 84 एमएम, 551 और 751 बमों का एक निर्धारित अवधि में निर्माण होना था। जब इन बमों का निर्माण हुआ तो इसमें से चार लाट रिजेक्ट होने का दावा कर्मचारी यूनियनों ने किया। बताया गया है कि इन मापदंडों के अनुरूप बमों का निर्माण निर्धारित था, वह परीक्षण में खरे नहीं उतरे। यूनियनों ने अपनी कई मांगों के साथ इस मुद्दे को भी उछाला और मंत्रालय स्तर तक मामला पहुंच गया। शुरू में प्रबंधन यूनियनों के दावों को सिरे खारिज कर रहा था। लेकिन डिफेन्स मिनिस्ट्री तक आरोपों का हल्ला होने के बाद हड़कंप मच गया। प्रबंधन ने अब निर्माण सेक्शन के दो जूनियर वर्क मैनेजर को सस्पेंड किया हैं।
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आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले इसी फैक्ट्री से बने बमों की खेप स्वीडन भी रवाना हुई थी। हालाँकि उन बमों का प्रकार अलग था और टेस्टिंग में पूरी तरह से खरे उतरे थे। ताजा मामले में 35 करोड़ के आर्डर वाले बमों के लाट रिजेक्ट होने से फैक्ट्री प्रबंधन विवादों में घिरता जा रहा है। कर्मचारी संगठनों के नेता अरुण दुबे का कहना है कि प्रबंधन के बड़े अफसरों ने खुद को बचाने निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई की है। संगठन की मांग है कि आयुध निर्माण में जिम्मेदारी नीचे से लेकर ऊपर तक होती है, लिहाजा उन अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई हो, जिनकी देखरेख में बमों का लाट फेल हुआ।