Jabalpur News: बिजली कनेक्शन के पहले घूसखोरी का कनेक्शन, 13 हजार नकद लेते जूनियर इंजीनियर ट्रैप
सरकारी विभागों में पदस्थ अफसर-बाबुओं को मोटी तनख्वाह मिलती हैं, उसके बाबजूद उनका पेट नहीं भर रहा। एमपी के जबलपुर में बिजली विभाग में पदस्थ फिर एक जूनियर इंजीनियर 13 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया।
एमपी के जबलपुर में बिजली कनेक्शन की लेट-लतीफी से कई उपभोक्ता शायद इसलिए जूझ रहे है, क्योकि वह संबंधित विभाग के अफसरों की ज़ेब गर्म नहीं कर पा रहे। इसका खुलासा 13 हजार रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़े एक जूनियर इंजीनियर के मामले से हुआ। एक किसान परमानेंट कनेक्शन के लिए पिछले दो साल से चक्कर काट रहा था। संबंधित बिजली विभाग के अधिकारी रिश्वत की डिमांड पूरी न होने पर टाल-मटोल कर रहे थे।
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जबलपुर लोकायुक्त पुलिस की पिछले कुछ महीनों से धुँआधार कार्रवाई जारी है। ताजा मामले में बिजली विभाग का एक जूनियर इंजीनियर ट्रैप हुआ हैं। आरोपी लक्ष्मी नारायण पाटिल दक्षिण संभाग सहायक अभियंता कार्यालय में पदस्थ हैं। तिलवारा निवासी किसान मूलचंद पटेल 5 एचपी के परमानेंट कनेक्शन के लिए पिछले दो सालों से भटक रहा था। उसका कहना है कि कनेक्शन के लिए वह पहले दो बार आवेदन दे चुका था। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों से भी कई बार मदद की गुहार लगाईं। लेकिन कही भी सुनवाई नहीं हुई। तीसरी बार फिर उसने बिजली दफ्तर में कनेक्शन के लिए आवेदन दिया। जिसका निराकरण करने अधिकारी महीनों से टाल-मटोल करते आ रहे थे। बाद में कार्यालय में पदस्थ इंजीनियर लक्ष्मी नारायण पाटिल कनेक्शन करने के लिए तैयार तो हुए, लेकिन वह रिश्वत की मांग करने लगे।
कई परेशानियों से जूझ रहे पीड़ित गरीब किसान ने इस मामले की शिकायत लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की। जिसका परीक्षण कराया गया, जिसमें शिकायत सही पाई गई। बाद में लोकायुक्त पुलिस ने टीम गठित कर रिश्वतखोर इंजीनियर को पकड़ने जाल बिछाया, जिसमें वह फंस गया। शिकायतकर्ता किसान ने जैसे ही 13 हजार रुपए नकद रिश्वत की राशि पाटिल को दी, लोकायुक्त पुलिस ने उसे दबोंच लिया। कार्रवाई करने पहुंची टीम ने शिकायत से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए है। साथ ही अब विधि अनुसार आगे की कार्रवाई की जा रही हैं।
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