ग़जब है ! यहाँ ‘यूनिवर्सिटी का बलिदान दिवस’ मनाने रजिस्ट्रार ने जारी कर दिया आदेश
जबलपुर यूनिवर्सिटी का नामकरण ‘वीरांगना रानी दुर्गावती’ के नाम से किया गया था। 24 जून को वीरांगना रानीदुर्गावती का बलिदान दिवस मनाया जाता है।
जबलपुर, 23 जून: क्या किसी 'यूनिवर्सिटी का बलिदान दिवस' मनाया जा सकता है? इस बात पर आपको भले ही यकीन न हो रहा हो, लेकिन ऐसा जबलपुर रानीदुर्गावती यूनिवर्सिटी के एक आदेश से हुआ है। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर से जारी अजीबों-गरीब आदेश की कॉपी जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो हडकंप मच गया। बाद में विश्वविद्यालय ने गलती में सुधार करते हुए नया आदेश जारी किया।
जबलपुर यूनिवर्सिटी का नामकरण 'वीरांगना रानी दुर्गावती' के नाम से किया गया था। 24 जून को वीरांगना रानीदुर्गावती का बलिदान दिवस मनाया जाता है। इसी तारतम्य में हर साल इस दिन यूनिवर्सिटी में भी वीरांगना को श्रद्धांजलि दने कार्यक्रम आयोजित होता है। विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा कार्यक्रम संबंधित आदेश तो जारी किया, लेकिन उसकी इबारत पढ़कर हर कोई हैरान रह गया। आदेश में पहली लाइन की शुरुआत ही गलत थी। थोड़ी देर में जब उसकी प्रति सोशल मीडिया में वायरल हुई, तो हडकंप मच गया। जिस कर्मचारी ने यह आदेश टाइप किया था, उसका पता लगाया गया। फिर आनन-फानन में आदेश में टाइप पहली लाइन में जब सुधार हुआ, तब कही जाकर पूरे स्टाफ ने राहत की सांस ली।
जारी
हुआ
था
यह
आदेश
यूनिवर्सिटी
के
रजिस्ट्रार
ब्रजेश
सिंह
के
हस्ताक्षर
से
जारी
आदेश
में
लिखा
गया
था
कि
'रानी
दुर्गावती
विश्वविद्यालय
के
बलिदान
दिवस'
पर
विश्वविद्यालय
के
समस्त
शिक्षकों,
अधिकारियों
कर्मचारियों
के
साथ
ही
छात्रों
की
उपस्थिति
में
प्रातः
9:30
बजे
रानी
दुर्गावती
की
प्रतिमा
के
समक्ष
पुष्पांजलि
कार्यक्रम
आयोजित
है।
कार्यक्रम
के
अधक्ष
कुलपति
कपिल
देव
मिश्र
को
बनाया
गया
था।
लेकिन
जब
इस
पर
हंगामा
मचा
तो
आदेश
में
सुधार
करवाया
गया।
वही
छात्र
संगठनों
ने
आरोप
लगाया
कि
विश्वविद्यालय
प्रबंधन
किसी
भी
मामले
में
गंभीर
नहीं
है।
यहाँ
ऐसी
लापरवाही
के
किस्से
आम
है।
बगैर
पढ़े
दस्तावेजों
आदेशों
पर
अफसर
आँख
मूंदकर
साइन
कर
रहे
है।
उन्हें
विश्वविद्यालय
की
गरिमा
का
जरा
भी
ख्याल
नहीं
है।