EOW: क्या एआरटीओ संतोष पॉल सस्पेंड ! करोड़पति अफसर की बेशर्मी...बोला छापा तो एक प्रक्रिया है
जबलपुर, 23 अगस्त: आय से 650 गुना ज्यादा संपत्ति के मामले में घिरे जबलपुर एआरटीओ संतोष पॉल पर आखिरकार कार्रवाई का कोड़ा चल ही गया। ARTO के करोड़ों के आलीशान बंगले पर EOW ने छापा मारा था, जहां से संतोष पॉल की संपत्ति के दस्तावेज समेत नकदी और गोल्ड बरामद किया गया था। भ्रष्टाचार के आरोपों में कुख्यात रहा यह अफसर अभी भी जुगाड़ कर रहा था, कि यह उसी कुर्सी पर बना रहे। लेकिन सरकार ने शहर में ही संभागीय उप परिवहन आयुक्त में अटैच कर दिया है।
अभी भी बेशर्म, छापा तो एक प्रक्रिया
दस साल परिवहन विभाग में कई जिलों में नौकरी करके ARTO बना संतोष पॉल शान से कह रहा है कि उसे ईओडब्ल्यू के छापे से कोई फर्क नहीं पड़ता। इसकी सेटिंगबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसने अपना चिकना-चुपड़ा इंटरव्यू देने का एक ठिकाना ढूंढ लिया। जिसमें सर..सर...जी..जी के संबोधन वाले इस इंटरव्यू में संतोष बेख़ौफ़ है और कह रहा है कि छापा तो एक प्रक्रिया है।
राज्य सरकार ने किया तबादला
इसके रसूक और प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार को छापे के बाद पद से हटाने की कार्रवाई में हफ़्ते भर का समय लग गया। मंगलवार को ARTO के पद से हटाते हुए संतोष पॉल को संभागीय उप परिवहन आयुक्त कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। जितेन्द्र शर्मा को जबलपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इस आदेश के बाद इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि विभाग ने संतोष पॉल के का इंतजाम भी जबलपुर में ही किया। लोगों का कहना है कि ऐसे भ्रष्ट अफसर जिसकी जांच अभी पूरी नहीं हुई, उसे भोपाल में अटैच किया जाना चाहिए था।
लग्जरी लाइफ का हर इंतजाम
ईओडब्ल्यू की रेड के बाद करोड़ों के आलीशान बंगले के अलावा हजारों वर्ग फुट के आधा दर्जन मकान और कई एकड़ में फॉर्म हॉउस का पता चला है। जबलपुर शहर में ही कई दुकाने भी है। इसके साथ ही देश के कई बड़े शहरों में और भी प्रॉपर्टी होने के आरोप लग रहे है। जिसके बारे में EOW पतासाजी कर रही है। ख़ास बात यह है कि संतोष पॉल के दो लड़के है, उनकी लाइफ स्टाइल भी लग्जरी ही रही। महंगी दुपहिया गाड़ियों का, एक बेटा खूब शौक़ीन रहा। उसका काला चिट्ठा भी खुलने की तैयारी है।
जॉय स्कूल संचालक से जुड़े इस अफसर के तार ?
बताया जा रहा है कि छापे से पहले उसी दिन संतोष पॉल ने घर का बहुत सा सामान दूसरी जगह ठिकाने लगा दिया। सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू के छापे की संतोष को भनक लग चुकी थी। जिसके बाद क्लर्क पत्नी रेखा पॉल और उसके बेटे ने काफी सामान गाड़ियों में लोड करवाकर दूसरी जगहों पर भिजवाया। ईओडब्ल्यू ने जॉय स्कूल पहुंचकर जांच भी की थी, लेकिन वहां से जांच टीम को ज्यादा कुछ सफलता नहीं मिली। आरोप लगाए जा रहे है कि भ्रष्टाचार से दौलत समेटने वाले संतोष की गैंग में जॉय स्कूल का संचालक बड़ी भूमिका निभाता था। सूत्र तो यह भी बताते है कि जॉय स्कूल की बसों समेत उसके रिश्तेदारों के वाहनों का काला पीला संतोष की कलम से ही हुआ।
संतोष के लिए वसूली करने वालों की गैंग
धीरज कुकरेजा और अन्य एक व्यक्ति के द्वारा ही संतोष पॉल के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगाए गए थे। छापे के बाद संतोष कहता है कि वह धीरज कुकरेजा को जानता तक नहीं है। वही धीरज कुकरेजा ने यह भी आरोप लगाए है कि ARTO ने पद पर रहते हुए अवैध कमाई के लिए एक गैंग बना रखी थी। जो दफ्तर से लेकर हाईवे और अन्य जगहों तक फैली थी। संतोष के लिए वसूली करने वाला एक शख्स तो उसके घर में अभी भी नौकरी कर रहा है।
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