जिम्बाब्वे: राष्ट्रपति मुगाबे का खेल खत्म करने जनता उतरेगी सड़कों पर, सेना ने सरकार को दिया 48 घंटे का अल्टिमेटम
हरारे। जिम्बाब्वे में सियासी उठापठक लगातार तेज हो रही है। सेना के बाद जिम्बाब्वे के लोग भी राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के विरोध में खड़े हो गए हैं। राष्ट्रपति मुगाबे को पद से बर्खास्त करने के लिए शनिवार को जिम्बाब्वे में हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है। जिम्बाब्वे पुलिस ने लोगों को राष्ट्रपति के खिलाफ रैली करने की अनुमति भी दे दी है।
जिम्बाब्वे की जनता अपने 93 वर्षीय राष्ट्रपति को पद छोड़ने के लिए दबाव डालेंगी और इसमें सेना का भी समर्थन मिलेगा। सेना द्वारा तख्तापलट करने और राष्ट्रपति को हिरासत में लेने के बाद जिम्बाब्वे में पहली बार जनता की भी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इससे अब स्पष्ट हो गया है कि सेना को पहले से ही पता था कि उन्हें जनता का समर्थन मिलेगा।
इससे पहले शुक्रवार को जिम्बाब्वे के जनरल ने राष्ट्रपति मुगाबे के साथ मिटिंग कर उनसे पद छोड़ने के लिए कहा गया था। जिसके बाद मुगाबे ने जनरल से टाइम मांगते हुए अपने इस्तीफे से इनकार कर दिया था। सूत्रों की मानें तो सेना अगले 48 घंटों में रॉबर्ट मुगाबे जबरदस्ती पद से बर्खास्त कर सकती है।
जिम्बाब्वे में करीब 4 दशक से राष्ट्रपति पद पर काबिज रॉबर्ट मुगाबे के पास सत्ता छोड़ने के अलावा कुछ खास रास्ते दिखाई नहीं दे रहे हैं, क्योंकि उनके अधिकतर नजदीकी अधिकारियों और नेताओं को भी सेना ने नजरबंद कर दिया है।
बता दें कि शनिवार को मुगाबे के खिलाफ इस मार्च में जिम्बाब्वे की कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी। इस मार्च में सेवानिवृत्त सैनिक और ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ आजादी की लड़ाई में भाग लेने वाले कई फ्रीडम फाइटर मुगाबे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। मार्च से पहले शुक्रवार शाम को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जिम्बाब्वे के अनुभवी नेता और नेशनल लिबरेशन वॉर वेटरन्स एसोसिएशन के चेयरमैन क्रिस मुट्सवंग्वा ने कहा कि राष्ट्रपति को अब और सत्ता में रहने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज नहीं तो कल हमें मुगाबे और उनके सहयोगियों का खेल खत्म करना ही होगा।
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