रूसः जहाँ आलीशान ज़िंदगी बिता रहे हैं दुनिया के मोस्ट वांटेड रईस हैकर
महंगी गाड़ियां, खर्चीले शौक और रूसी सुरक्षा एजेंसियों के साथ काम करते हुए कैसे बीतती है रूसी हैकरों की ज़िंदगी, पढ़िए इस रिपोर्ट में.
अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की साइबर अपराधियों वाली मोस्ट वांटेड लिस्ट पर नज़र डालें तो आपको ज़्यादातर रूसी नाम मिलेंगे. इनमें से कुछ लोगों को कथित रूप से सरकार के लिए काम करते हुए मामूली तनख़्वाह मिलती है.
वहीं, कुछ लोग ऑनलाइन चोरी और रैंसमवेयर हमलों से मोटी कमाई करते हैं. अगर ये लोग रूस से बाहर निकलें तो इन्हें गिरफ़्तार किया जाएगा लेकिन रूस में इन्हें खुली छूट मिली हुई है.
इन अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश में मुझे एक बिल्ली दिखाई पड़ती है जो किसी घर से फेंके गए मांस के लोथड़े को चाट रही है. लेकिन लोथड़ा घर से फेंके जाने से पहले ही कंकाल की शक्ल ले चुका था. उसमें अब बिल्ली के लिए कुछ भी शेष नहीं.
इस बिल्ली को देखते हुए मेरे मन में ख्याल आता है कि शायद "हम अपना समय ख़राब कर रहे हैं."
क्योंकि इस माहौल को देख लगता नहीं कि मॉस्को के पूर्व में 700 किलोमीटर दूर स्थित इस पुराने इलाके में एक कथित करोड़पति साइबर अपराधी का कोई सुराग मिलेगा.
लेकिन अपने कैमरामैन और दुभाषिये के साथ मैं कोशिश करता रहा.
मॉस्को से 700 किलोमीटर दूर
मैंने एक घर के दरवाज़े पर दस्तक दी तो एक युवा ने दरवाजा खोला और एक महिला ने उत्सुकतावश किनारे से झांककर देखा.
मैंने इस युवा से आइगर टुराशेव के बारे में पूछा तो उसने कहा...
"आइगर टुराशेव? नहीं, मैं इस नाम को नहीं पहचानता,"
इस पर हमने पूछा कि "ये पता उनके परिवार के नाम पर रजिस्टर्ड है, आप कौन हैं?"
इसके बाद कुछ देर तक दोस्ताना बातचीत हुई. और फिर हमने उन्हें बताया कि हम बीबीसी संवाददाता हैं. ये सुनते ही वहां का माहौल बदल गया.
इस युवा व्यक्ति ने तुरंत कहा, "मैं आपको नहीं बताऊंगा कि वह कहां है और आपको उसे तलाश करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. आपको यहां नहीं आना चाहिए था."
जब रात भर सताता रहा जान जाने का डर
उस रात मैं ठीक से सो नहीं सका...पूरी रात मेरे मन में सुरक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों की ओर से दी गयीं सलाह-मशविरे याद आते रहे.
कुछ लोगों ने कहा था कि मोस्ट वांटेड साइबर अपराधियों को उनके ही देश में तलाशना काफ़ी जोख़िम भरा काम है.
मुझे बताया गया था कि "उनके पास हथियारबंद गार्ड होंगे" और आपको मारकर किसी गड्ढे में दफना दिया जाएगा. कुछ लोगों ने कहा था कि कोई समस्या नहीं होगी, ये सिर्फ कंप्यूटर के उस्ताद हैं.
लेकिन सभी ने ये कहा कि हम उनके क़रीब नहीं पहुंच पाएंगे.
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अमेरिका ने दी प्रसिद्धि
दो साल पहले एक प्रेस वार्ता में एफबीआई ने रूसी हैकिंग ग्रुप इविल कॉर्प के नौ सदस्यों को नामज़द किया था.
इसमें आइगर टुराशेव और इस गैंग के कथित नेता मैक्सिम याकुबेट्स पर 40 से ज़्यादा देशों में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा की रकम चुराने और ऐंठने का आरोप लगाया गया था.
इनके पीड़ितों में छोटे व्यवसायों से लेकर गार्मिन जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां, दानदाता संस्थाएं और स्कूल तक शामिल हैं. और ये सिर्फ वो नाम हैं जिनके बारे में हमें पता है.
अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक़, ये लोग इंटरनेट की मदद से बैंक लूटने वाले अपराधी हैं जो रैंसमवेयर और हैकिंग से पैसा चुराते हैं.
एफबीआई की इस घोषणा ने तब 32 साल के रहे मैक्सिम याकुबेट्स को भरपूर प्रसिद्धि दी.
ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी से प्राप्त इस गैंग की वीडियो फुटेज़ में मैक्सिम समेत अन्य कस्टम लैंबॉर्गिनी चलाते, खूब सारे कैश के साथ मुस्कराते और शेर के पालतू बच्चे के साथ खेलते हुए दिखते हैं.
एफबीआई इन दो लोगों के ख़िलाफ़ जो अभियोग लेकर आई है और इसमें काफ़ी सालों की मेहनत लगी है. इसमें गैंग के पूर्व सदस्यों के साथ इंटरव्यू और साइबर फॉरेंसिक का इस्तेमाल शामिल है.
कुछ जानकारियां साल 2010 के दौर की हैं जब रूसी पुलिस अमेरिकी पुलिस के साथ जानकारियां साझा करती थी.
अब वो दिन गुज़र चुके हैं. अब रूसी सरकार लगातार अपने नागरिकों के ख़िलाफ़ हैकिंग के आरोपों का खंडन करती है.
सिर्फ इतना ही नहीं है कि हैकरों को अपना काम करते रहने की आज़ादी है, बल्कि उन्हें सुरक्षा एजेंसियों की ओर से काम पर भी रखा जाता है.
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मैक्सिम याकुबेट्स की शाही शादी
मैक्सिम याकुबेट्स को लेकर हमारी तलाश एक गोल्फ कोर्स से शुरू हुई जो कि मास्को से दो घंटे की दूरी पर स्थित है.
साल 2017 में इस जगह पर एक काफ़ी खर्चीली शादी हुई थी.
रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी को इस शादी का वीडियो मिला था जिसे काफ़ी शेयर किया गया था.
इसे शादियों के वीडियो बनाने वाली कंपनी द्वारा तैयार किया गया था. हालांकि, इस वीडियो में याकुबेट्स का चेहरा नहीं दिखाया गया था. लेकिन एक शानदार लाइट शो में प्रसिद्ध रूसी संगीतकार के लाइव म्युजिक पर वह डांस करते देखे जा सकते हैं.
वेडिंग प्लानर नटालिया ने याकुबेट्स की शादी से जुड़ी कोई सटीक जानकारी तो नहीं दी लेकिन उन्होंने कुछ ख़ास जगहों को दिखाया जिसमें झील के किनारे स्थित एक पहाड़ों को काटकर बनाई गई इमारत शामिल थी.
उन्होंने कहा, "ये हमारा विशेष कमरा है. नए जोड़े रोमांस या तस्वीरें खिंचाने के लिए इसमें जाना पसंद करते हैं."
जब मुझे ये जगह दिखाई जा रही थी तब मैं अपने दिमाग में सोच रहा था कि इस जगह पर इतने शाही अंदाज़ में शादी करने पर जितना खर्च होने का आकलन मुझे दिया गया था, असल खर्च उससे कहीं ज़्यादा आया होगा. मुझे ढाई लाख डॉलर का आकलन दिया गया था. लेकिन शादी में आने वाला खर्च पांच या छह लाख डॉलर के क़रीब रहा होगा.
हमें ये जानकारी नहीं है कि इस शादी पर किसने खर्च किया होगा. लेकिन अगर याकुबेट्स ने इस शादी का खर्च उठाया है तो ये संकेत देता है कि वह कितनी शाही जीवनशैली जीते हैं.
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कैसी ज़िंदगी जीते हैं आइगर टुराशेव
चालीस वर्षीय आइगर टुराशेव भी नज़रों से बचकर रहने वाले लोगों में शामिल नहीं हैं.
मेरे साथी बीबीसी रूसी सेवा के सायबर रिपोर्टर ऑन्ड्री जखारोव को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी में उनके नाम पर तीन कंपनियां पंजीकृत मिलीं.
इन सभी कंपनियों के दफ़्तर मॉस्को के प्रतिष्ठित फेडरेशन टॉवर में हैं जो कि मॉस्को के वित्तीय ज़िले में स्थित एक चमकती-दमकती बहुमंजिला इमारत हैं.
इस इमारत की रिसेप्शनिस्ट से जब इन कंपनियों के नंबर मांगे गए तो वह काफ़ी परेशानी में दिखी क्योंकि उसे इन कंपनियों के नाम पर कोई फोन नंबर नहीं मिले. बस फर्म के नाम के साथ एक मोबाइल नंबर मिला.
हमने फोन मिलाया और इंतज़ार किया.
लगभग पांच मिनट तक फ्रेंक सिनात्रा के एक गाने की रिंगटोन बजती है. और फिर कोई फोन उठाता है.
फोन के उस पार से ऐसी आवाज़ें आती हैं कि जैसे फोन उठाने वाला व्यक्ति किसी शोर-शराबे से भरी सड़क पर मौजूद हो.
लेकिन जैसे ही शख़्स को पता चलता है कि हम पत्रकार हैं...वैसे ही फोन काट दिया जाता है.
ऑन्ड्री ने बताया था कि टुराशेव रूस में किसी मामले में लंबित नहीं है. इस वजह से वह इस महंगी इमारत में ऑफिस ले सकते हैं.
उनके लिए वित्तीय क्षेत्रों की कंपनियों के बीच काम करना ज़्यादा सुविधाजनक है क्योंकि इन कंपनियों में से कुछ कंपनियां क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन में कारोबार करती हैं.
और इविल कॉर्प ने कथित रूप से पीड़ितों से रैंसमवेयर हमलों में बिटकॉइन हासिल किए हैं. ख़बरों के मुताबिक़, एक मामले में एक करोड़ डॉलर कीमत के बिटकॉइन भी हासिल किए गए हैं.
बिटकॉइन विश्लेषक चेन एनालिसिस की रिसर्च को इस्तेमाल कर तैयार की गयी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, फेडरेशन टॉवर में कई ऐसी क्रिप्टो कंपनियां स्थित हैं जो कि साइबर अपराधियों के लिए एटीएम मशीन की तरह काम करती हैं.
हमने टुराशेव और इविल कॉर्प के एक अन्य सदस्य डेनिस गुसेव के नाम पर दर्ज दो अन्य पतों तक पहुँचने का प्रयास किया. और फोन एवं ईमेल के ज़रिए काफ़ी प्रयास किए लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
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जब युकाबेट्स के पिता से हुई मुलाक़ात
ऑन्ड्री और मैंने मैक्सिम याकुबेट्स का ऑफिस तलाशने में काफ़ी वक़्त लगाया.
वह अपनी माँ की कंपनी में एक निदेशक हुआ करता था लेकिन इस समय उसके नाम पर कोई कारोबार रजिस्टर्ड नहीं है और न ही किसी कारोबारी का नाम दर्ज है.
हालाँकि, हमें कुछ पते मिले. इस बात की संभावना थी कि शायद वह अभी भी इन पतों पर रहते हों.
ऐसे में हम एक रात इनमें से एक पते पर पहुंचे.
हमने दरवाजा खटखटाया तो इंटरकॉम पर हमारी बात हुई.
जब हमने उन्हें अपने बारे में बताया कि हम कहां से हैं तो दूसरी ओर मौजूद शख़्स हंसने लगे.
उन्होंने कहा, "मैक्सिम युकाबेट्स यहां नहीं है. वह शायद 15 सालों से यहां है. मैं उनका पिता हूं."
इसके बाद मैक्सिम याकूबेट्स के पिता हमें चौंकाते हुए बाहर आए और हमें कैमरे पर 20 मिनट लंबा इंटरव्यू दिया.
इसमें उन्होंने अपने बेटे के ख़िलाफ़ आरोप लगाने के लिए अमेरिकी अधिकारियों की जमकर निंदा की.
इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि हम उनके बयान को प्रकाशित करें.
इसके बाद उन्होंने हमें बताया कि अमेरिका द्वारा उनके बेटे की गिरफ़्तारी में मददगार साबित होने वाली जानकारी देने पर 50 लाख डॉलर के ईनाम ने उनके परिवार का जीवन दूभर कर दिया है. और वह हर दम अपने ऊपर हमला होने के डर के साथ जीवन जीते हैं.
उन्होंने कहा, "अमेरिकियों ने हमारे परिवार, हमारे परिचितों और रिश्तेदारों के लिए समस्या पैदा कर दी है. इसका क्या मकसद है? अमेरिकी न्याय प्रणाली भी सोवियत न्याय प्रणाली जैसी हो गयी है. उनसे पूछताछ नहीं की गयी. ऐसी किसी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया जिसके आधार पर उनके गुनाह साबित होते हों."
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनका बेटा एक साइबर अपराधी है. जब मैंने उनसे पूछा कि वह इतने अमीर कैसे हो गए तो उन्होंने कहा कि मैं शादी में होने वाले खर्च की राशि को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा हूं. और सभी आलीशान कारें किराए की थीं.
मैक्सिम की तनख्वाह औसत तनख्वाह से ज़्यादा है क्योंकि "वह काम करता है और उसके बदले में उसे पैसे मिलते हैं. उसके पास एक नौकरी है."
मैंने पूछा कि "वह क्या काम करते हैं?"
इस पर उन्होंने कहा, "मैं आपको ये क्यों बताऊं" "क्या ये हमारी निजी ज़िंदगियों से जुड़ा सवाल नहीं है?"
उन्होंने कहा कि उनके बेटे के ख़िलाफ़ अमेरिकी एजेंसी की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद से उनका संपर्क टूट गया और इस वजह से वह हमारी अपने बेटे से मुलाकात नहीं करा सकते.
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क्या पश्चिमी देश इस चुनौती के लिए तैयार हैं?
पश्चिमी देश जैसे-जैसे साइबर हमलों का सामना करने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं, वैसे-वैसे रूसी नागरिकों की वह सूची लंबी होती जा रही है जिस पर साइबर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं.
और याकुबेट्स एवं तुराशेव इस सूची में शामिल हैं.
ऐसे मामलों में रूसी लोग और संस्थाओं पर दूसरे देशों के मुकाबले ज़्यादा आरोप और प्रतिबंध लगे हैं.
इस तरह के आरोप लगाने की प्रक्रिया हैकरों को विदेश यात्रा करने से प्रतिबंधित करती है. वहीं, प्रतिबंध उनकी विदेश में स्थित किसी भी संपत्ति को फ्रीज़ कर देता है.
इसके साथ ही वह पश्चिमी देशों की किसी भी कंपनी के साथ व्यापार नहीं कर सकते.
पिछले साल यूरोपीय संघ ने अमेरिका की राह पर चलते हुए साइबर प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए हैं. और ये मुख्यतः उन रूसी नागरिकों के लिए हैं जिनके नाम इस सूची में शामिल हैं.
बताया जाता है कि इस लिस्ट में शामिल तमाम लोगों के सीधे संबंध रूसी सत्ता से हैं ताकि जासूसी, क्षमता और दबाव डालने के लिए हैकिंग की जा सके.
हालांकि, सभी देश एक दूसरे पर हैंकिग करते हैं. लेकिन अमेरिका, यूरोपीय संघ और उसके सहयोगी दावा करते हैं कि कुछ रूसी हमले सीमा रेखा लांघ देते हैं.
कुछ लोगों पर पॉवर ग्रिड को हैक कर यूक्रेन में व्यापक स्तर पर बिजली गुल करने का आरोप है. वहीं, कुछ लोगों पर ब्रिटेन में सैलिसबरी कांड के बाद रासायनिक हथियारों के परीक्षण केंद्र को हैक करने का आरोप है.
रूसी सरकार इन सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए इन्हें पश्चिमी देशों का पागलपन या रूसोफोबिया (रूस के ख़िलाफ़ पैदा किए जाने वाला डर) करार देती है.
चूंकि, देशों के बीच में हैकिंग को लेकर नियम तय नहीं हैं, ऐसे में हमने अपनी जांच को उन लोगों पर केंद्रित रखा जिन पर लाभ के लिए हैकिंग करने और अपराधी होने का आरोप है.
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क्या सायबर प्रतिबंध प्रभावी हैं?
तो क्या अपराधी हैकरों के ख़िलाफ़ साइबर प्रतिबंध प्रभावी हैं?
याकूबेट्स के पिता से बात करके लगा कि उनका असर होता है, कम से कम उन्हें गुस्सा तो आया.
हालांकि, इविल कॉर्प पर इसका असर पड़ता हुआ नहीं दिख रहा है.
साइबर-सिक्योरिटी शोधार्थी दावा करते हैं कि इस दल के सदस्य अभी भी बड़े ठिकानों पर निशाना साध रहे हैं जिनमें से ज़्यादातर पश्चिमी देशों से जुड़े हैं.
कुछ पुराने हैकरों और शोधार्थियों के मुताबिक़, रूसी हैकिंग का एक नियम सबसे मुख्य है.
और वो ये है कि वो हैकर जो सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, जिसे चाहें उसे हैक कर सकते हैं. बस ध्यान रखना है कि वह ऐसी जगह न हो जो पूर्व में सोवियत रूस में शामिल रही हो या जहां रूसी भाषा बोलने वाली आबादी रहती हो.
और ऐसा लगता है कि ये नियम काम करता है. क्योंकि सायबर शोधार्थियों ने कई सालों तक देखा है कि ऐसे देशों में कम हमले होते हैं. और उन्होंने ऐसे मालवेयर भी देखे हैं जो कि रूसी भाषा इस्तेमाल करने वाले कंप्यूटर को अपना शिकार बनाने से बचते हैं.
रूस के चुनिंदा स्वतंत्र मीडिया समूहों में से एक मेदुज़ा में काम करने वालीं एक इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टर लिलिया यापारोवा कहती हैं कि जांच एजेंसियों के लिए ये नियम काफ़ी फायदेमंद है.
क्योंकि वह इन हैकरों के उस अनुभव और योग्यताओं का इस्तेमाल कर सकते हैं जो इन्होंने अपने लिए काम करते हुए हासिल किया है.
वह कहती हैं, "एफएसबी के लिए हैकरों को अपने साथ जोड़ना उन्हें जेल में डालने से ज़्यादा अहम है. मेरे एक सूत्र, जो कि पूर्व एफएसबी ऑफिसर हैं, ने बताया कि उन्होंने व्यक्ति रूप से इविल कॉर्प से कुछ लोगों को काम पर रखने की कोशिश की."
अमेरिका का दावा है कि मैक्सिम याकुबेट्स समेत अन्य हैकरों, जिनमें इवजेनि बोगाचेव जिनके सर पर 30 लाख डॉलर का इनाम है, ने सीधे ख़ुफिया एजेंसियों के लिए काम किया है.
ये कोई संयोग नहीं है कि याकुबेट्स के शादी वाले वीडियो में दिख रहे उनके ससुर एफएसबी के एक पूर्व उच्चाधिकारी हैं.
हमने इस संबंध में रूसी सरकार से पूछा कि रूस में हैकर इस तरह खुलेआम किस तरह अपना काम कर रहे हैं. इस पर हमें उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है.
इस बार जब जो बाइडन के साथ जेनेवा समिट के दौरान व्लादिमीर पुतिन से इस बारे में पूछा गया था तो उन्होंने इस बात का खंडन किया था कि बड़े हमले रूसी क्षेत्र से किए जाते हैं और ये भी दावा किया कि सबसे ज़्यादा साइबर हमले अमेरिका में शुरु होते हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि वह अमेरिका साथ मिलकर स्थिति ठीक करने की दिशा में काम करेंगे. .
इविल कॉर्प का उदय
•साल 2009 में इविल कॉर्प के बारे में जानकारी मिलती है कि उसने कथित रूप से Cridex, Dridex, Bugat और Zeus मालवेयर की मदद से बैंकिंग लॉग इन से जुड़ी जानकारी और ख़ातों से पैसे निकाले हैं.
•साल 2012 में इविल कॉर्प के सदस्यों के ख़िलाफ़ नेब्रास्का में एक अभियोग लाया जाता है जिसमें उनके ऑनलाइन नामों का ज़िक्र है क्योंकि उनकी पहचान गुप्त थी. (याकुबेट्स कथित रूप से एक्वा के नाम से जाने जाते हैं.)
•साल 2017 में इविल कॉर्प के ख़िलाफ़ रेंसमवेयर सेवा देने का आरोप लगाया जाता है जिसकी मदद से कोई भी बिटपेमर देकर उनका रैन्समवेयर इस्तेमाल कर सकता है.
•साल 2019 में याकुबेटस, टुराशेव समेत सात अन्य लोगों के ख़िलाफ़ अभियोग लाया गया और प्रतिबंध लगाए गए. याकुबेट्स की गिरफ़्तारी में मददगार साबित होने वाली जानकारी देने पर 5 मिलियन डॉलर की ईनामी राशि की घोषणा की गयी.
•साल 2019 से इविल कॉर्प कथित रूप से अन्य ब्रांड और रैंसमवेयर के नए संस्करणों जैसे डॉपलपेमर, ग्रीफ़, वेस्टेडलॉकर, हेडेस, फीनिक्स और मकाव आदि से काम कर रहा है.
बीते छह महीनों में अमेरिका और उसके सहयोगियों ने साइबर-प्रतिबंधों से आगे बढ़कर एक ज़्यादा आक्रामक रणनीति पर काम करना शुरू किया है.
उन्होंने साइबर-अपराधियों के दलों पर पलटकर हमला करना शुरू कर दिया है. और कई दलों को तात्कालिक रूप के लिए ही सही सफलता पूर्वक ऑफलाइन कर दिया है. आरइविल और डार्क साइड ने फोरम पर बताया है कि वह कानूनी कार्रवाई की वजह से सक्रिय नहीं हैं.
दो मौकों पर अमेरिका के सरकारी हैकरों ने चुराए गए कई मिलियन बिटकॉइन बरामद करने में सफलता पाई है.
इंटरपोल और अमेरिकी न्याय विभाग के साझा ऑपरेशन में कुछ कथित हैकरों को दक्षिण कोरिया, कुवैत, रोमानिया और यूक्रेन में गिरफ़्तार भी किया गया है.
हालांकि, सायबर सुरक्षा शोधार्थी कहते हैं कि और ज़्यादा समूह अस्तित्व में आ रहे हैं और अब हर हफ़्ते हमले हो रहे हैं. और ये तब तक होता रहेगा जब तक हैकर रूस में खुलकर अपना काम करते रहेंगे.
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