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क्‍यों अहम है रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन का भारत दौरा

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नई दिल्‍ली। चार अक्‍टूबर को रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर राजधानी दिल्‍ली पहुंच रहे हैं। पूरी दुनिया की नजरें पुतिन के इस भारत दौरे पर टिकी हैं। यूं तो पुतिन भारत, 19वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने आ रहे हैं लेकिन उनके इस दौरे पर दोनों देशों के बीच कई बिलियन डॉलर वाली एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम की डील साइन होने वाली है। रूस के इस सबसे एडवांस्‍ड एयर डिफेंस सिस्‍टम की डील की वजह से पुतिन का भारत दौरा 'टॉक ऑफ द टाउन' बन गया है। एस-400 रूस कस सबसे एडवांस्‍ड और सबसे शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्‍टम है। अमेरिका की ओर से साफ कर दिया है कि कोई भी देश अगर रूस के साथ मिलिट्री डील करता है तो फिर से प्रतिबंधों के दायरे में लाया जा सकता है। अमेरिकी कानून काटसा की वजह से भारत भी कड़े प्रतिबंधों के दायरे में आ गया है। ये भी पढ़ें-मिसाइल डील पर अमेरिका की तरफ से आई भारत पर प्रतिबंधों की धमकी

ब्रिक्‍स के तीन बड़े देशों पर अमेरिकी दबाव

ब्रिक्‍स के तीन बड़े देशों पर अमेरिकी दबाव

सितंबर में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने काट्सा यानी काउंटरिंग अमेरिकाज एडवरसरीज थ्रू सैंक्‍शंस एक्‍ट साइन किया था। इस एक्‍ट के तहत ही पिछले दिनों चीन पर अमेरिका ने कुछ कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। एक्‍ट में उन देशों और व्‍यक्तियों पर प्रतिबंधों का प्रावधान है जो काटसा का उल्‍लंघन करेंगे। सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि क्‍या भारत, अमेरिका को नाराज करके रूस से यह डिफेंस सिस्‍टम खरीदेगा? अभी तक चीन की ओर से रूस और भारत के बीच बढ़ते भाईचारे को लेकर कोई भी विरोध नहीं जताया गया है। माना जा रहा है कि अमेरिका अपनी धौंस दिखाकर ब्रिक्‍स प्‍लेटफॉर्म के सामने चुनौती पेश करना चाहता है। ब्रिक्‍स में रूस, चीन और भारत तीन बड़े देश हैं और अमेरिका ने रूस और चीन पर अपना दबाव कायम करने की रणनीति में अभी तक कोई खास सफलता हासिल नहीं की है।

मोदी और ट्रंप की इमेज का सवाल

मोदी और ट्रंप की इमेज का सवाल

भारत पर बढ़ते अमेरिकी दबाव की वजह से पुतिन का भारत दौरा कहीं ज्‍यादा अहम हो गया है। कहा जा रहा है कि भारत इस डील को साइन करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अगर भारत अमेरिका की धमकी के बाद भी इस डील के साथ जाता है तो फिर रूस के साथ करीबी बढ़ जाएगी। लेकिन अगर भारत, अमेरिकी दबाव में झुक गया तो फिर अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर जो इमेज भारत की बनी है उसमें नुकसान होगा और साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्‍व को कमजोर नेतृत्‍व आंका जाएगा। वहीं अमेरिका भी अजीब सी दुविधा में है। अगर भारत पर अम‍ेरिकी प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो फिर भारत उससे दूर हो जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो फिर चीन के खिलाफ रणनीतिक युद्ध और पाकिस्‍तान पर दबाव बनाने में व्‍हाइट हाउस कमजोर पड़ सकता है। अगर अमेरिका प्रतिबंध नहीं लगाता है तो फिर राष्‍ट्रपति ट्रंप को सिर्फ बातें करने वाला नेता माना जाएगा।

राष्‍ट्रपति पुतिन की देखरेख में होगी डील

राष्‍ट्रपति पुतिन की देखरेख में होगी डील

विदेश नीति मामलों में पुतिन के सलाहकार यूरी उषाकोव ने इस बात की पुष्टि की है कि राष्‍ट्रपति की देखरेख में एस-400 एयर डिफेंस सिस्‍टम की डील साइन होगी। रूस की सरकार की तरफ से पहला मौका है जब इस डील को लेकर आधिकारिक तौर पर पुष्टि की गई। साल 2012 में उषाकोव को पुतिन का सलाहकार नियुक्‍त किया गया था। वह साल 1998 में रूसी राजदूत के तौर पर अमेरिका पहुंचे और 10 वर्षों तक उनकी राजदूत के तौर पर वॉशिंगटन में तैनात रहे। अमेरिका और रूस के बीच इस समय तनातनी जारी है और इस तनातनी की वजह से ही एस-400 डील पर सबकी नजरें टिकी हैं।

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English summary
The world will keep a close watch on India this week as Russian President Vladimir Putin is set to visit New Delhi on Thursday, October 4, for a two-day visit for the annual India-Russia summit.
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