तुर्की में इतने भूकंप क्यों आते हैं? इस वजह से हो चुके हैं मानव इतिहास के सबसे बड़े हादसे
तुर्की की एक प्रसिद्ध कहावत है...”कोगराफ्या कदरदिर”। इसका अर्थ है कि भूगोल एक नियति है। यह कहावत पूरी तरह से भूकंप के प्रति तुर्की की प्रवृत्ति का वर्णन करता है।
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तुर्की, सीरिया और लेबनान में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 मापी गई है। भूकंप से दक्षिण पूर्व तुर्की और सीरिया में भारी नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं। तुर्की में अब तक 53 लोगों के मारे जाने की भी खबर है। वहीं, सीरिया में भी अब तक 42 लोगों की जानें गई हैं। मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
तुर्की में कई फॉन्ट लाइनों का हुआ निर्माण
तुर्की की एक प्रसिद्ध कहावत है..."कोगराफ्या कदरदिर"। इसका अर्थ है कि भूगोल एक नियति है। यह कहावत पूरी तरह से भूकंप के प्रति तुर्की की प्रवृत्ति का वर्णन करता है। बता दें कि तुर्की कई सक्रिय फॉल्ट लाइनों पर स्थित है। डेमिरेन न्यूज एजेंसी के मुताबिक तुर्की में आधिकारिक तौर पर 485 फॉल्ट लाइनें हैं। हालांकि पिछले एक दशक में 120 से भी अधिक नए फॉल्ट लाइन बन गए हैं। इस कारण भूकंप की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
तुर्की में बढ़ती जा रही भूकंप की घटनाएं
तुर्की के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक तुर्की में 2020 में 33000 हजार से अधिक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इनमें से 333 से अधिक भूकंप के झटकों की तीव्रता 4.0 रिक्टर स्केल से अधिक थी। 2020 में तुर्की में 33 हजार भूकंप आए थे। 2021 में यह आंकड़ा लगभग 24 हजार था। अगर दो दशक पहले की बात करें तो यह आंकड़ा हजार से भी कम का था। 1990 से लेकर 2000 तक मात्र 1999 में 2000 से अधिक बार तुर्की में भूकंप के झटके महसूस किए गए, अन्यथा हर बार इसकी संख्या 1000 से कम ही रही।
अनातोलियन टेक्नोटिक प्लेट पर स्थित है तुर्की
आपको बता दें कि अधिकांश तुर्की अनातोलियन टेक्टोनिक प्लेट पर स्थित है। यह प्लेट यूरेशियन, अरबियन और अफ्रीकी प्लेटों के बीच स्थित है। जैसे ही इन प्लेटों में दबाव बढ़ता है इसका असर अनातोलियन टेक्नोटिक प्लेट पर पड़ता है। इस प्रकार तुर्की पर बाकी जगहों की तुलना में अधिक भूकंप का सामना करता है। तुर्की में सबसे अधिक विनाशकारी फॉल्ट लाइन का नाम नॉर्थ अनातोलियन फॉल्ट लाइन (NAF) है। इस जगह पर अनातोलियन और यूरेशियन प्लेट्स आपस में मिलती हैं। ये जगह इस्तांबुल कहलाता है।
भयानक भूकंपों की वजह बना NAF
NAF ने पूरे मानव इतिहास में सबसे भयानक भूकंप उतपन्न किए हैं। प्रमुख उत्तरी अनातोलियन फॉल्ट लाइन के कारण 17 अगस्त 1999 में इस्तांबुल के पास काफी शक्तिशाली भूकंप आया था। इसमें 17,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। ठीक 3 महीने के बाद 12 नवंबर को एक और भूकंप आया जिसमें 845 लोग मारे गए। 3 साल पहले भी जनवरी 2020 में तुर्की में भयानक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस दौरान तुर्की में 40 से अधिक लोग मारे गए थे। अक्टूबर 2020 में एक बार फिर से तुर्की ने भूकंप का सामना किया जिसमें 114 लोग मारे गए।
क्यों आते हैं भूकंप?
धरती के भीतर मुख्य तौर पर 7 प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर इन प्लेटों का टकराना है। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
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