ब्राज़ील में संसद पर हमले का ट्रंप कनेक्शन क्या है?
ब्राज़ील की संसद, राष्ट्रपति भवन और सर्वोच्च न्यायालय पर प्रदर्शनकारियों के हमले के तार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से क्यों जोड़े जा रहे हैं.
ब्राज़ील की राजधानी ब्राज़ीलिया में बीते रविवार संसद, राष्ट्रपति भवन और सर्वोच्च न्यायालय पर हुए प्रदर्शनकारियों के हमले की तस्वीरें दो साल पहले अमेरिकी संसद पर हुए हमले की याद दिलाती हैं.
यही नहीं, इन दोनों घटनाओं के बीच गहरे संबंध भी हैं.
पिछले साल अक्तूबर महीने में राष्ट्रपति चुनाव के पहले चरण के बाद ट्रंप प्रशासन में व्हाइट हाउस रणनीतिकार रहे स्टीव बैनन के पॉडकास्ट पर एक मेहमान ने कहा था 'ये पूरा मामला ठीक नहीं दिखता."
इस वक़्त तक चुनाव में कुछ भी स्पष्ट नहीं था.
लेकिन इसके बाद भी बैनन कई हफ़्तों तक चुनावों में धांधली की आधारहीन अफ़वाहों को फैलाते रहे.
बैनन अपने पॉडकास्ट के कई एपिसोड्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स के ज़रिए अपने मेहमानों के साथ चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते रहे.
यही नहीं, उन्होंने ब्राज़ीलियन स्प्रिंग हैशटैग को प्रमोट किया.
इस सिलसिले में एक मौका ऐसा भी आया जब बोलसोनारो ने हार स्वीकार करने के संकेत दिए. लेकिन इसके बाद भी बैनन विरोधी आवाज़ों को बढ़ावा देते रहे.
स्टीव बैनन वह शख़्स हैं जिन्होंने साल 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान नतीजों पर सवाल उठाने के लिए इसी रणनीति का इस्तेमाल किया था.
इसके बाद अमेरिका में 6 जनवरी, 2021 को हुई घटना की तरह लोगों का एक विशाल समूह झूठी ख़बरों और अप्रमाणित अफ़वाहों से क्रोधित होकर अपने राजनीतिक उद्देश्यों के साथ सरकारी इमारतों की खिड़कियां तोड़कर उनमें घुस गया.
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'जो ज़रूरी हो करें'
अमेरिकी संसद पर हुए हमले से एक दिन पहले बैनन ने अपने पॉडकास्ट पर कहा था - 'कल सब कुछ तबाह होने वाला है.'
अमेरिका की एक अदालत ने उन्हें संसदीय समिति के सामने पेश होने का आदेश नहीं मानने पर चार महीने की सज़ा सुनाई है. लेकिन अपील लंबित होने की वजह से वह इस समय जेल से बाहर हैं.
https://twitter.com/Bencjacobs/status/1612170675896156163
इस समिति ने अमेरिकी संसद पर हमले की जांच की थी.
डोनाल्ड ट्रंप की अफ़वाहें फैलाने वाले दूसरे सलाहकारों की तरह बैनन रविवार को ब्राज़ील से आती तस्वीरें और वीडियो देखते हुए भी पछतावा करते नहीं दिखे.
उन्होंने अपनी सोशल मीडिया साइट पर लिखा, 'लूला ने ये चुनाव धांधली से जीता था और ब्राज़ीली लोग ये बात जानते हैं."
इसके साथ ही उन्होंने ब्राज़ील की सरकारी इमारतों में जबरन घुसने वालों को "स्वतंत्रता सेनानी" क़रार दिया.
साल 2020 के बाद ट्रंप समर्थित 'स्टॉप द स्टील' आंदोलन में उभरने वाले नेता एली एलेक्ज़ेंडर ने लोगों को प्रेरित करते हुए लिखा - 'जो ज़रूरी हो, किया जाए.'
उन्होंने दावा किया कि ब्राज़ील में उनके कुछ लोग हैं.
बोलसोनारो समर्थक इंटरनेट पर अस्तित्व संकट और वामपंथी टेकओवर जैसा नैरेटिव गढ़ रहे हैं. ये बिलकुल वैसा ही है जिसके चलते दंगाई दो साल पहले वॉशिंगटन पहुंचे थे.
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अमेरिकी और ब्राज़ीली घटना में संबंध
बोलसोनारो और ट्रंप के आंदोलन के बीच कनेक्शन है, ये बताने के लिए बीते नवंबर में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और बोलसोनारो के बेटे की ट्रंप के फ़्लोरिडा वाले रिज़ॉर्ट में हुई मुलाक़ात का हवाला दिया जा रहा है.
वॉशिंगटन पोस्ट और दूसरे समाचार संस्थानों की रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस ट्रिप में इक्वार्डो बोलसोनारो ने बैनन और ट्रंप के सलाहकार जेसन मिलर से भी बात की थी.
साल 2020 में अमेरिका में हुए चुनाव की तरह ही ब्राज़ील में हुए चुनाव के आलोचकों ने वोटिंग प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ब्राज़ील में हुए चुनाव के दौरान इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों पर संदेह जताया है.
https://twitter.com/jsrailton/status/1612177518718603272?
रविवार को दंगाई जो बैनर दिखा रहे थे उसमें अंग्रेज़ी और पुर्तगाली में लिखा था - वी वांट सोर्स कोड. वो दरअसल उन अफ़वाहों का हवाला दे रहे थे कि चुनाव में इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ की गई थी ताकि बोलसोनारो को हराया जा सके.
बीबीसी के एक विश्लेषण के मुताबिक़, बड़ी संख्या में ब्राज़ील के वैसे लोगों के ट्विटर अकाउंट चुनाव के बाद और एलन मस्क के ट्विटर ख़रीदने के बाद बहाल कर दिए गए जिनमें चुनाव को नकारने को लेकर अफ़वाहें फैलाई जा रही थीं. पहले इन अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा था.
एलन मस्क ने बिना कोई ब्योरा और प्रमाण दिए इशारा किया था कि ब्राज़ील में ट्विटर के कुछ कर्मचारी ''राजनीतिक रूप से पक्षपाती नज़रिया'' रखते हैं.
अमेरिका में ट्रंप के कुछ विरोधियों ने ब्राज़ील में मौजूदा अशांति के लिए पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो को ज़िम्मेदार ठहराया.
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद और कैपिटल दंगे की जांच करने वाली कमेटी के सदस्य जेमी रस्किन ने अपने ट्वीट में ब्राज़ील में विरोध प्रदर्शन करने वालों के बारे में कहा, ये ''फ़ासिस्ट लोग छह जनवरी के ट्रंप के दंगे की तरह ही'' आचरण कर रहे हैं.
बीबीसी ने प्रतिक्रिया के लिए बैनन और एलेक्ज़ेंडर से संपर्क करने की कोशिश की है.
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