क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कोरियाई देशों की शिखर वार्ता से भारत को क्या हासिल?

27 अप्रैल 2018 को उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच शिखर वार्ता हुई. इसमें उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के नेता मून जे इन ने हिस्सा लिया. दोनों देशों ने कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त करने का संकल्प लिया. उत्तर और दक्षिण कोरिया की बातचीत का भारत पर क्या कुछ असर पड़ेगा, एक नज़रिया.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
कोरियाई देशों की शिखर वार्ता से भारत को क्या हासिल?

27 अप्रैल 2018 को उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच शिखर वार्ता हुई. इसमें उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के नेता मून जे इन ने हिस्सा लिया. दोनों देशों ने कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त करने का संकल्प लिया.

इस प्रक्रिया की आगे की दिशा बहुत हद तक किंम जोंग उन और अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की अगली मुलाक़ात पर निर्भर करेगी. हालांकि, उत्तर और दक्षिण कोरिया के नेताओं की मुलाक़ात के दौरान कामयाब शुरुआत ज़रूर हुई है.

भारत भी कोरियाई प्रायद्वीप की घटनाओं को दिलचस्पी के साथ देख रहा है.

भारत ने हमेशा उत्तर कोरिया के निरस्त्रीकरण के लिए शांतिपूर्ण और कूटनीतिक तरीकों का समर्थन किया है और मौजूदा घटनाक्रम भारत के लिए संतोष की वजह होगा.

एक तरह से ये भारत की नैतिक जीत है. एक ऐसा रास्ता जिसका भारत बरसों से समर्थन करता रहा है, संबंधित देशों ने उसे ही अपनाया है और इस दिशा में अहम शुरुआत भी हुई है.

भारत पर क्या असर?

हालांकि, ये मानना होगा कि इन घटनाओं और उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों से मुक्त होने का भारत पर कोई सीधा प्रभाव नहीं होगा.

भारत की भूराजनीतिक स्थिति और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उसके शक्ति संतुलन पर आधारभूत रुप से कोई असर नहीं होगा.

भारत हाल में अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ चार देशों के नेटवर्क का हिस्सा बना है. ये नेटवर्क आने वाले सालों में कमोबेश ऐसा ही रहेगा. उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों से लैस रहे या फिर परमाणु हथियार विहीन रहे, इस बात से इस नेटवर्क की बुनियादी स्थिति और चीन के साथ इसके रिश्तों पर पर असर नहीं होगा

हालांकि, क्षेत्रीय तौर पर भारत एक उभरती हुई शक्ति है और वो चाहेगा कि उत्तर कोरिया के निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़े.

हाल के महीनों में अमरीका और उत्तर कोरिया के नेताओं के बीच हुई तीखी बयानबाज़ी की वजह से क्षेत्रीय राजनीति ख़ासी अप्रत्याशित रही है. हकीकत में हाल में कई मौके ऐसे आए जबकि दोनों देश सैन्य संघर्ष के काफी करीब आ गए.

भारत के लिए ऐसी स्थिति मनचाही नहीं थी. भारत चाहता है कि क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनी रहे जिससे उसकी उभरती राजनीतिक और रणनीति स्थिति आने वाले दशकों में और मजबूत हो सके. अगर ऐसा हुआ तो क्षेत्रीय राजनीति में भारत को अहम दर्ज़ा और भूमिका मिलेगी.

रणनीतिक हितों पर असर

अगर कोरियाई प्रायद्वीप में किसी तरह की अस्थिरता या फिर व्यवधान की स्थिति बनती है तो इससे भारत के राजनीतिक और रणनीतिक हितों पर ख़राब असर होगा.

भारत के आर्थिक हित भी क्षेत्र में शांति की अपेक्षा करते हैं. बीते एक दशक के दौरान भारत क्षेत्रीय देशों के साथ दोपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार बढ़ाने में कामयाब रहा है.

'पूर्व की ओर देखो' नीति के जरिए भारत ने क्षेत्र के देशों के साथ आर्थिक आदान-प्रदान को अहम गति दी है.

कोरियाई प्रायद्वीप के इर्द गिर्द सैन्य संघर्ष से यकीनन इस प्रक्रिया को झटका लगेगा. फिलहाल क्षेत्र में भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेज़ गति से बढ़ रही है और भारत चाहेगा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे जिससे भारत मौजूदा ट्रेंड का ज़्यादा फायदा ले सके.

अगर उत्तर कोरिया परमाणु हथियार मुक्त हो जाए तो भारत को एक और लाभ होगा.

वास्तविकता में वैश्विक परमाणु अप्रसार से जुड़ी संस्था वक्त के साथ भारत की परमाणविक क्षमता को अपवाद के तौर पर मान्यता देने लगी हैं. इसकी वजह भारत का जिम्मेदारी भरा रवैया है.

हालांकि, अगर ज़्यादा देश परमाणु हथियार हासिल कर लेते हैं तो परमाणु अप्रसार पर नज़र रखने वालों पर नैतिक और राजनीतिक दबाव बन जाएगा कि वो भारत को अपवाद की तरह देखने को लेकर दोबारा सोचें.

वास्तविकता में ये आशंका है कि कई और देश परमाणु बम बना सकते हैं और भारत के मामले को सामने रखते हुए वैधता की मांग कर सकते हैं.

ऐसी स्थिति भारत के परमाणु हथियार बनाए रखने की इच्छा के माकूल नहीं होगी.

एक बार उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों को छोड़ देता है तो यकीकन भारत पर से दबाव घटेगा.

कोरियाई देशों की शिखर वार्ता के नतीजों से भारत खुश और संतुष्ट होगा.

ज़मीन पर भले ही इस बातचीत के नतीजे की भारत के लिए ज़्यादा अहमियत न दिखती हो लेकिन अपरोक्ष रूप से भारत के लिए इनके निश्चित ही कई सकारात्मक परिणाम होंगे.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
What does India achieve from the summit of the Korean countries?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X