व्हाइट हाउस में हो रही शैतानों के देवता की पूजा? 170 साल पुरानी 'राक्षस' की तस्वीर पर US में बवाल
अमेरिका के एक वर्ग में QAnon काफी ज्यादा फैला हुआ है और आपको जानकर हैरानी होगी, कि अमेरिका में QAnon थ्योरी पर विश्वास करने वाले लोगों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।
White House Satan: क्या अमेरिका के सबसे सुरक्षित मकान में शैतान रहते हैं? इन दिनों सोशल मीडिया नेटवर्क्स पर ऐसे दावे किए जा रहे हैं, कि व्हाइट हाउस में शैतानों का निवास है। दरअसल, व्हाइट हाउस में 2022 क्रिसमस को लेकर तैयारियां शुरू हो गईं हैं और व्हाइट हाउस को सजाया जा रहा है, जिसकी तस्वीरें आम लोगों के बीच पहुंच रही हैं। लेकिन, इन तस्वीरों को लेकर दावा किया जा रहा है, कि राष्ट्रपति जो बाइडेन जान-बूझकर शैतानों की तस्वीर व्हाइट हाउस में लगवा रहे हैं।
व्हाइट हाउस को लेकर बड़ा दावा
ऑनलाइन शेयर की गई तस्वीरों को लेकर दावा किया जा रहा है, कि व्हाइट हाउस में शैतानों की तरह दिखने वाली तस्वीरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन, हमारी तहकीकात में पता चला, कि ये दावा पूरी तरह से गलत है। व्हाइट हाउस ने सोने का पानी चढ़ा हुआ जो शीशा लगाया है, वो असल में व्हाइट हाउस म्यूजियम में है और अलग अलग राष्ट्रपतियों के कार्यकाल के दौरान उस तस्वीर को व्हाइट हाउस में प्रदर्शत किया गया है। लिहाजा, ये दावा गलत है, कि जो बाइडेन जानबूझकर शैतान की तरह दिखने वाली तस्वीरों को व्हाइट हाउस की सजावट में इस्तेमाल कर रहे हैं। दरअसल, व्हाइट हाउस को लेकर कई तरह के ट्वीट्स किए जा रहे हैं और 29 नवंबर को एक ट्वीट में कहा गया है, कि क्रिसमस की सजावट के दौरान व्हाइट हाउस में बैफोमेट तस्वीर को लगाया गया है।
ईसाइयों से साजिश का दावा
वहीं, ऐसे ही दावे फेसबुक पर भी किए जा रहे हैं और 28 नवंबर को पोस्ट किए गये एक चेतावनी भरे संदेश में गया है, कि "मैं आपके बारे में जानता हूँ, लेकिन मैं बैफोमेट की भावना की पूजा नहीं करता! ईसाई जागो! यह एक साजिश की थ्योरी ही नहीं है, बल्कि व्हाइट हाउस शैतान के लिए प्रतिदिन काम करने वाले लोगों से भरा हुआ है!" इसी तरह के दावे टिकटॉक और एलेक्स जोन्स के इन्फोवार्स से जुड़े टॉक शो के एक सेगमेंट में भी किए गये हैं। टिकटॉक पर दावा किया गया है, कि "लोगों ने इस दर्पण पर ध्यान दिया और इसे जूम इन करना शुरू कर दिया, और क्या वहां दर्पण पर बैफोमेट का सिर है? और क्रिसमस की सजावट में बैफोमेट के सिर का इस्तेमल किया गया है"।
बैफोमेट, शैतानों का देवता?
आपको बता दें कि, बैफोमेट को शैतानों का देवता माना जाता है, जिसकी पूजा करने का आरोप नाइट्स टेम्पलर पर लगाया गया था। बैफोमेट की तस्वीर को कल्पना के आधार पर फ्रांस के एक तांत्रिक एपीपस लेवी ने 1854 में एक बकरी के सिर, पैर और एक पंख वाले इंसान के आकृति के तौर पर बनाया था और उसके बाद से ही बैफोमेट की ये तस्वीर शैतानों के देवता का प्रतीक बन गई। ईसाइयों के देश में अगर सरकार के खिलाफ किसी भी तरह का प्रदर्शन होता है, या फिर अलग अलग विरोधों के दौरान शैतानी प्रतीक के तौर पर बैफोमेट की तस्वीर का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, व्हाइट हाइस में इस वक्त क्रिसमस को लेकर सजावट चल रही है, जिसमें बैफोमेट की तस्वीर को भी लगाया गया है और अमेरिका में QAnon थ्योरी में विश्वास रखने वाले लोगों का आरोप है, कि व्हाइट हाउस में जान-बूझकर शैतान के देवता की तस्वीर को लगाया गया है।
क्या है अमेरिका का QAnon थ्योरी?
अमेरिका के एक वर्ग में QAnon काफी ज्यादा फैला हुआ है और आपको जानकर हैरानी होगी, कि अमेरिका में QAnon थ्योरी पर विश्वास करने वाले लोगों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। क्यूएनएन ग्रुप दरअसल ऐसे लोगों का समूह है, जो एक खास तरह की षडणयंत्रकारी विचार (कॉन्सपिरेसी थ्योरी) में यकीन रखते हैं। इस समूह के बारे में लॉकडाउन के दौरान काफी जानकारी आई थी। क्यूएनन विश्वास के मुताबिक, दुनिया दरअसल जैसी दिख रही है वैसी है नहीं और वर्तमान व्यवस्था बहुत ही खराब है जिसे बचाने के जरूरत है। इस थ्योरी के मानने वालों के मुताबिक दुनिया को पीडोफाइल लोगों का एक समूह चला रहा है। पीडोफाइल ऐसे लोगों को कहते हैं जो बच्चों के साथ यौन शोषण करते हैं और बाल यौन शोषण की गतिविधियों में लिप्त रहते हैं। QAnon थ्योरी में विश्वास करने वाले लोग पीडोफाइल को शैतान मानते हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों में QAnon थ्योरी काफी ज्यादा फैला हुआ है और उनका मानना है, कि शैतानी शक्तियों ने साजिश के तहत डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता से हटाया, ताकि अमेरिका से ईसाइयों को खत्म किया जा सके।
खतरनाक होता जा रहा है QAnon सिद्धांत
QAnon सिद्धांत पर विश्वास करने वाले लोगों का मानना है, कि दुनिया ऐसे ही यौनविकृत पीडोफाइल लोगों के हाथों में चली गई है। इसमें बड़े-बड़े लोग, यानि राष्ट्राध्यक्ष तक शामिल हैं। डोनाल्ड ट्रंप इन सभी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं यही वजह है कि पीडोफाइल लोगों का समूह मिलकर ट्रंप को रोकना चाहता है ताकि वे लोग बिना रोक-टोक अपनी गतिविधियां चला सकें। क्यूएनन का ये भी मानना है कि अगर ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति न बने तो पीडोफाइल लोगों की ताकत बहुत बढ़ जाएगी। क्यूएनन विचारधारा को मानने वाले तो लंबे समय से हैं, लेकिन ये 2017 के बाद से इस विचारधारा में विश्वास करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है और ऐसे लोग अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बारे में अनाप-शनाप तथ्य फैलाते रहते हैं और अभी भी ऐसा ही किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है, कि व्हाइट हाउस की सजावट में जो बाइडेन ने जान-बूझकर शैतानों के देवता बैफोमेट की तस्वीर को लगाया है।
व्हाइट हाउस में कहां से आई ये तस्वीर?
द व्हाइट हाउस हिस्टोरिकल एसोसिएशन में कम्युनिकेशन के सहायक उपाध्यक्ष जेसिका फ्रेडरिक्स ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि, "ये दर्पण 1790 में बनाया गया था और 1946 में व्हाइट हाउस को दान कर दिया गया था।" उन्होंने कहा कि, राष्ट्रपति परिवारों ने दशकों से इस दर्पण का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि, "ऐसा प्रतीत होता है कि, इसे 1961 के आसपास स्टेट डाइनिंग रूम में प्रदर्शित किया गया था, जब जॉन केनेडी राष्ट्रपति हुआ करते थे।" फ्रेडरिक्स ने 13 दिसंबर, 1961 के आर्काइव फोटो की ओर इशारा करते हुए कहा, जिसमें सोने का शीशा दिखाया गया है। वहीं, इसकी तस्वीर पिछले कुछ सालों में पहली बार 28 नवंबर को अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन ने एक ट्वीट में शेयर की थी और इसके बाद ही शैतान की पूजा की चर्चा तेज हो गई। हालांकि, एएफपी की रिपोर्ट में कहा गया है, कि डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में भी इस तस्वीर को सजावट के दौरान लगाया गया था।
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