‘इस्लामोफोबिया’ के चलते अमेरिका में 10 लोगों की हत्या! आरोपी अहमद को 'मानसिक बीमार' बताने में जुटा परिवार
अमेरिका सुपरमार्केट फायरिंग मामले में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। आरोपी का नाम अहमद है और उसके परिवार ने बेहद चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
वाशिंगटन: अमेरिका के कोलोराडो के बोल्डर स्थिति सुपर मार्केट में गोलीबारी कर 10 लोगों को मौत के घाट उतारने वाले हमलावर की पहचान हो गई है। आरोपी का नाम अहमद अल अलीवी अलीसा है। पुलिस ने आरोपी को तमाम सबूतों के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है। फायरिंग करते वक्त आरोपी अहमद भी घायल हो गया था, लिहाजा अमेरिकी पुलिस ने उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया है। आरोपी अहमद को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। आरोपी को परिवार जहां उसे अब मानसिक बीमार बता रहा है वहीं आरोपी के फेसबुक पोस्ट 'इस्लामोफोबिया' की तरफ इशारे कर रहे हैं।
10 लोगों की बेरहमी से हत्या
रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी अहमद अल अलीवी अलीसा ने ही किंग सुपर ग्रॉसरी स्टोर मार्केट में गोलियां बरसाई थी, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई है। वहीं आरोपी के भाई ने पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज करवाते हुए कहा है कि आरोपी का चरित्र पहले से ही हिंसक है और वो अकसर लड़ाई झगड़े में उलझा रहता था। पुलिस की जांच के मुकाबिक आरोपी अहमद अल अलीवी अलीसा एक राइफल के साथ सुपर मार्केट पहुंचा था और फिर एक के बाद एक फायरिंग करने लगा। इसके साथ ही उसने फायरिंग के दौरान अपने कपड़े उतार दिए थे और फिर उसे स्वात टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
सीरिया में जन्मा था आरोपी
आरोपी अहमद के परिवार वालों के मुताबिक उसका जन्म सीरिया में हुआ था और बाद में वो कोलोराडो आ गया था। हालांकि, आरोपी अहमद ने 10 लोगों की गोली मारकर हत्या क्यों की है, इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस के मुताबिक जब आरोपी को गिरफ्तार किया गया उस वक्त वो जोर जोर से अपनी अम्मी को पुकारने लगा था। रिपोर्ट के मुताबिक जब आरोपी ने सुपर मार्केट में गोलीबारी की थी उस वक्त वहां काफी ज्यादा भीड़ थी और इस हमले में एक पुलिस अधिकारी भी मारा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक इतना ही पता चल पाया है कि हमलावर अकेला ही था और उसके पास एआर-15 सेमी-ऑटोमैटिक राइफल था, जिससे वो लगातार गोलियां बरसा रहा था।
परिवार ने बताया मानसिक बीमार
रिपोर्ट के मुताबिक 10 लोगों को मौत के घाट उतारने वाले आरोपी को बचाने के लिए उसके परिवार ने उसे मानसिक तौर पर बीमार बताना शुरू कर दिया है। अमेरिकी पुलिस के मुताबिक, आरोपी अहमद के परिवार ने पुलिस के सामने बयान दिया है कि 'शूटिंग की ये वारदात किसी और उद्येश्य से नहीं की गई है बल्कि अहमद मानसिक तौर पर बीमार है। वो अकसर अपने घर में बोलता रहता था कि कुछ लोग उसका पीछा कर रहे हैं। एक बार रेस्टोरेंट में खाना खाते वक्त भी उसने कहा था कि बाहर से कुछ लोग उसे घूरकर देख रहे हैं, जबकि वहां कोई नहीं था।' आरोपी के भाई ने पुलिस के सामने बयान दिया है कि आरोपी को हाईस्कूल में चिढ़ाया जाता था जिसकी वजह से वो एंटी सोशल हो गया था।
हिंसक स्वभाव का है आरोपी अहमद
कोर्ट डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक एक बार आरोपी अहमद ने अपने साथ पढ़ने वाले के मुंह पर मुक्का मारकर नाक तोड़ दिया था। जिसके बाद कोर्ट की तरफ से उसे सजा भी सुनाई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक अहमद ने साथ पढ़ने वाले छात्र को इतना मारा था कि उसका सिर फट गया था, नाक टूट गया था जिसके बाद अहमद को 2 महीने के लिए सुधार गृह भेजा गया था। (तस्वीर सौजन्य- DAILY BEAST)
फेसबुक पोस्ट में इस्लामोफोबिया
आरोपी अहमद की गिरफ्तारी के बाद उसका फेसबुक पेज डिलिट कर दिया गया है। लेकिन, पुलिसिया रिपोर्ट के मुताबिक उसने अपने फेसबुक पेज में इस्लामोफोबिया के ऊपर एक पोस्ट लिखा था। जिसमें उसने लिखा था कि 'यहां सब इस्लामोफोबिया के शिकार हैं और इन्हें मेरे फोन को हैक करना बंद करना चाहिए और मुझे सामान्य जिंदगी जीने दो'। ये फेसबुक पोस्ट आरोपी अहमद ने जुलाई 2019 में की थी। इसके अलावा भी आरोपी अहमद ने एक फेसबुक पोस्ट में अपने स्कूल दोस्त पर फोन को हैक करने, पीछा करने, कॉमेंट करने और झूठी अफवाह फैलाने के इल्जाम लगाए थे। हालांकि, जांच में पता चला था कि उसका फोन ना हैक हुआ था और ना ही उसके खिलाफ कोई अफवाह फैलाई गई थी। इसके साथ ही उनसे फेसबुक पर डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले का विरोध किया था जिसमें उन्होंने अमेरिका में मुस्लिम शरणार्थियों के आने पर रोक लगाई थी साथ ही उसने समलैंगिंक शादी और गर्भपात का विरोध किया था।
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