पहले ही दस्तखत में President Joe Biden ने पलटे डोनाल्ड ट्रंप के ये फैसले
राष्ट्रपति बनते ही Joe Biden ने पलटे डोनाल्ड ट्रंप के कई फैसले, जलवायु परिवर्तन से लेकर नस्लभेद के मामले शामिल
US President Joe Biden signed orders first day in office: अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण लेते ही जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप के कई अहम फैसलों को पलटने का आदेश दिया है। जो बाइडेन ने सत्ता संभालते ही व्हाइट हाउस में पहले ही दिन सीधे ओवल ऑफिस में कामकाज संभाला और एक्शन में आ गए हैं। जो बाइडेन ने पदभार ग्रहण करने के फौरन बाद पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका के फिर से शामिल होने पर हामी भर दी है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका के हटने की प्रक्रिया को भी रोक लगा दी है। जो बाइडेन की टीम ने कहा है कि इन आदेशों पर हस्ताक्षर ट्रंप द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई करने के लिए किया गया है। इन आदेशों पर हस्ताक्षर के बाद जो बाइडेन ने कहा कि हमारे पास वक्त बर्बाद करने के लिए समय नहीं है। आइए जानें जो बाइडेन ने किन-किन आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं...।
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- जलवायु परिवर्तन (Climate change)- जो बाइडेन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के जलवायु परिवर्तन से जुड़े फैसले को बदल दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फैसला लिया है कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय पेरिस जलवायु समझौते (International Paris Climate Agreement) में अमेरिका दोबारा शामिल होगा। जिसके लिए जो बाइडेन ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर भी किए हैं। बाइडेन के प्रशासन ने संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा जो औपचारिक रूप से पेरिस जलवायु समझौते को फिर से शुरू करने के लिए 30-दिवसीय प्रक्रिया को चालू करता है।
- जो बाइडेन ने टेक्सास में तटीय रिफाइनरियों में Alberta तेल रेत को जोड़ने वाले कीस्टोन एक्सएल पाइपलाइन को भी खत्म कर दिया है। कहा जा रहा है कि ये एक ऐसा कदम है जिससे अमेरिका और कनाडा में तनाव हो सकता है।
- नस्लीय समानता को आगे बढ़ाना (Advancing Racial Equity)- जो बाइडने ने नस्लभेद को खत्म करने की ओर कदम उठाए हैं। जो बाइडने ने संघीय एजेंसियों को नस्लीय समानता को प्राथमिकता देने और व्यवस्थित नस्लवाद को मजबूत करने वाली नीतियों की समीक्षा करने का आदेश दिया है। बाइडेन ने ट्रंप के एक आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें गैरसैंजेंस को जनगणना से बाहर करने की मांग की गई थी।
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग के मुताबिक बाइडेन प्रशासन ने सभी एजेंसियों को हाल के अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपनाने के लिए सभी कानूनी कदम उठाने का आदेश दिया है, जिसमें स्पष्ट किया जाएगा कि एलजीबीटीक्यू लोगों के साथ कार्यस्थल पर भेदभाव ना हो।
- आर्थिक मदद: समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक जो बाइडेन अगले महीने कांग्रेस के सामने आम लोगों को बड़े स्तर पर आर्थिक मदद करने के लिए "बिल्ड बैक बेटर रिकवरी प्लान" (Build Back Better Recovery Plan) पैकेज की मांग करेंगे। ये पैकेड $ 1.9 ट्रिलियन का होगा, जो खासकर कोविड-19 महामारी की वजह से हुई आर्थिक तंगी के लिए होगा। ये एक प्रोत्साहन पैकेज होगा।
-कोरोना को लेकर फैसला: जो बाइडेन ने कोरोनोवायरस महामारी पर तत्काल ध्यान केंद्रित करते हुए कुछ अहम फैसले किए हैं। जिसमें मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य है। बाइडेन के इस आदेश के बाद अमेरिका में 100 दिनों के लिए मास्क पहनना जरूरी हो गया है। जो बाइडेन ने महामारी की वजह से आर्थिक पतन से जूझ रहे लोगों की सहायता करने के लिए federal eviction freeze को बढ़ा दिया है। , वायरस के लिए एक राष्ट्रीय प्रतिक्रिया का समन्वय करने के लिए एक नया संघीय कार्यालय बनाने का आदेश दिया गया है। वहीं वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और रक्षा के लिए व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद निदेशालय को बहाल किया गया है।
-विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने के फैसले पर रोक: जो बाइडेन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका के हटने की प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने WHO द्वारा कोरोना महामारी को लेकर किए गए कई कार्यों पर सवाल उठाए थे और फंडिंग भी रोक दी थी। बाइडने प्रशासन COVAX गठबंधन में भी शामिल होना चाहता है। COVAX गठबंधन विश्व स्वास्थ्य संगठन और दो अन्य समूहों द्वारा लीड किया जा रहा है, जिसका मकसद गरीब देशों के लिए कोविद -19 टीकों की अधिक पहुंच को सुरक्षित करना है।
-मुस्लिम देशों पर लगा बैन हटा: राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कुछ मुस्लिमों देशों पर लगे बैन को हटा लिया है। साल 2017 में डोनाल्ड ट्रंप ने सात मुस्लिम बहुल देशों पर बैन लगाया था।
- इसके अलावा जो बाइडेन ने बॉर्डर पर दीवार बनाने के फैसले को भी रोका है और उनकी फंडिंग भी रोक दी है। वहीं स्टूडेंट लोन की किस्त वापसी को सितंबर तक टाल दिया गया। इसके साथ ही जो बाइडेन ने संघीय कर्मचारियों को एक नैतिक प्रतिज्ञा लेने का भी आदेश दिया है, जिसमें न्याय विभाग की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई जाए।