अमेरिका में समलैंगिक विवाह कानून को मिली मंजूरी, रिपब्लिकन सांसदों का भी मिला समर्थन, जो बाइडन ने जताई खुशी
अब इस बिल को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के पास हस्ताक्षर करने के लिए भेजा गया है। राष्ट्रपति बाइडेन के हस्ताक्षर के बाद इस बिल को कानूनी मान्यता मिल जाएगी।
अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने गुरुवार को समलैंगिक विवाह और अंतरजातीय विवाह के लिए कानून बनाने की मंजूदी दे दी है। अब इस बिल को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के पास हस्ताक्षर करने के लिए भेजा गया है। राष्ट्रपति बाइडेन के हस्ताक्षर के बाद इस बिल को कानूनी मान्यता मिल जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बिल को हाउस से 258 बनाम 169 वोट से पारित किया गया। गौरतलब है कि इस बिल पर 39 रिपब्लिकन सांसद ने भी सहमति जताई है।
बाइडेन ने जताई खुशी
बीते सप्ताह अमेरिकी सिनेट से बिल पारित की गई थी। इस बिल के समर्थन में 61 वोट पड़े थे, जब्कि 36 लोगों ने बिल का विरोध किया था। यूएस हाउस से इस बिल को पास होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 'लव इज लव' कहते हुए खुशी जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस ने आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बाइडेन ने कहा, 'आज कांग्रेस ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया कि अमेरिकियों को उस व्यक्ति से शादी करने का अधिकार है, जिसे वे प्यार करते हैं।'
LGBTQI समुदाय के लोगों को मिलेगी मानसिक शांति
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने आगे कहा, 'इस बिल के पारित होने से लाखों LGBTQI और अंतरजातीय जोड़ों को मानसिक शांति मिलेगी। अब उन अधिकारों और सुरक्षा की गारंटी दी गई है, जिनके वे और उनके बच्चे हकदार हैं।' बाइडेन ने कहा, 'आज मैं और मेरी पत्नी जिल उन साहसी जोड़ों और प्रतिबद्ध वकीलों के बारे में सोच रहे हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रव्यापी विवाह समानता को सुरक्षित करने के लिए दशकों तक लड़ाईयां लड़ी हैं।' बाइडन ने यह भी कहा कि हमें LGBTQI + अमेरिकियों और सभी अमेरिकियों के लिए पूर्ण समानता के लिए लड़ना कभी बंद नहीं करना चाहिए।
गर्भपात का कानून पलटा गया
इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1973 के रो बनाम वेड के फैसले को पलटने के बाद समलैंगिक विवाह की रक्षा करने वाले कानून पर वोटिंग ने देश में ध्यान आकर्षित किया। जून में सुप्रीम कोर्ट ने 49 साल पुराने फैसले को पलटते हुए कहा था कि अब गर्भपात संघीय संवैधानिक अधिकार नहीं है। रो बनाम वेड के फैसले को पलटने के बाद न्यायमूर्ति क्लेरेंस थॉमस ने अदालत से 2015 के ओबेर्गफेल बनाम होजेस के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। इस फैसले के तहत देश में समलैंगिक विवाह को मान्यता दी गई थी।
नैन्सी पेलोसी ने बताया ऐतिहासिक
वहीं, अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने यूएस हाउस में इस बिल के पारित होने को ऐतिहासिक बताया है। पेलोसी ने कहा कि वह मैरेज एक्ट के सम्मान के लिए इस बिल के समर्थन में मजबूती के साथ खड़ी हैं। यह हर अमेरिकी की गरिमा और समानता की रक्षा के लिए डेमोक्रेट्स की लड़ाई में एक ऐतिहासिक कदम है। पेलोसी ने कहा कि यह बिल कानून बनने के बाद विवाह समानता को बनाए रखेगा। नैन्सी पेलोसी ने कहा, ' जो कट्टरपंथी समूह सेम-सैक्स मैरेज के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उनके खिलाफ हमें खड़ा होना होगा। इस बिल के पारित होने से जो कट्टरपंथी समूह सैम-सैक्स मैरेज के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उन्हें रोकने में मदद मिलेगी। बता दें कि समलैंगिकता अमेरिका में दशकों से बड़ा मुद्दा रहा है।
भारत में समलैंगिक विवाह को नहीं मिली है मान्यता
समलैंगिक शादी से जुड़े अधिकारों के लेकर दुनियाभर में 3 तरह के देश हैं। कुछ देशों में यह पूरी तरह बैन हैं तो कहीं पर इसे मान्यता मिली हुई है। तीसरी कैटगरी में वे देश आते हैं जहां समलैंगिक संबंधों की इजाजत दी है, लेकिन समलैंगिक शादी की अनुमति नहीं है। आपको बता दें कि 32 देशों में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता मिली हुई है। वहीं, दुनिया के 120 देशों में समलैंगिकता को अपराध नहीं माना गया है। भारत भी इसी श्रेणी का देश है जहां हां समलैंगिक संबंधों को इजाजत है लेकिन समलैंगिक शादी की नहीं है। दुनिया के 13 देश ऐसे हैं जहां समलैंगिक संबंध बनाने पर मौत की सजा का कानून है।
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