रातों रात दोगुनी हो गई इस देश की जनसंख्या, संयुक्त राष्ट्र भी आंकड़े देख हुआ हैरान
पापुआ न्यू गिनी दुनिया के सबसे खतरनाक और हिंसक राष्ट्रों में से एक है, जिसके बड़े क्षेत्र में आदिवासी गिरोहों का शासन है। इस देश में घरेलू हिंसा और ब्लात्कार की दर सबसे अधिक है।
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पापुआ न्यू गिनी की जनसंख्या रातों रात लगभग दोगुनी हो जाने से हर कोई हैरान है। दरअसल पापुआ न्यू गिनी की जनसंख्या आधिकारिक तौर पर 90 लाख 40 हजार है लेकिन संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने कहा है कि यह आंकड़ा सही नहीं है और यह एक करोड़ सत्तर लाख तक हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र से जुड़े अधिकारी भी इस आंकड़े से हैरान हैं। फिलहाल पापुआ न्यू गिनी सरकार के इशारे पर संयुक्त राष्ट्र के अध्ययन को प्रकाशन से रोक दिया गया है।
कोरोना के कारण टालनी पड़ी जनगणना
दरअसल पापुआ न्यू गिनी की जनसंख्या 2021 में ही होनी थी लेकिन कोरोना संकट के कारण इसे 2024 तक के लिए टालना पड़ा। इसे में सही जनसंख्या का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लेना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने पापुआ न्यू गिनी की जनसंख्या का पता लगाने के लिए सैटेलाइट इमेजिंग, हाउस डाटा और सर्वेक्षणों का उपयोग किया। नए डाटा आने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने पापुआ न्यू गिनी के जनसंख्या संबंधी दावे को गलत ठहरा दिया।
पीएम नेे कहा नहीं पता, कितनी है देश की जनसंख्या
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के साथ मिलकर यह गणना की है। इसके बाद पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारपे को यह स्वीकार करना पड़ा कि देश की जनसंख्या नीति में दोष है। पीएम ने कहा क उन्हें नहीं पता था कि देश में कितने लोग रह रहे हैं। उन्हें लगता था कि यह आंकड़ा दस मिलियन या एक करोड़ तक हो सकता है। हालांकि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह बहुत अधिक बताया जा रहा है। देश की जनसंख्या इससे कम हो सकती है।
देश की अर्थव्यवस्था खराब, सबको नौकरी देना असंभव
पापुआ न्यू गिनी के पीएम मारपे ने द ऑस्ट्रेलियन अखबार से बात करते हुए कहा, "चाहे वह 17 मिलियन हो, या 13 मिलियन, या 10 फिर मिलियन, तथ्य यह है कि मेरे देश की अर्थव्यवस्था इतनी छोटी है, कि सबको नौकरी देना संभव नहीं है। देश में संसाधन का दायरा इतना छोटा है कि मैं चाहकर भी सभी को शिक्षित नहीं कर सकते हैं। हालांकि मेरे अच्छी स्वास्थ्य सुविधा, बुनियादी ढांचे का निर्माण, कानून और व्यवस्था का माहौल तैयार करना मेरी प्राथमिकताएं हैं। इसकी देश को जरूरत है।"
दुनिया का सबसे हिंसक देश है पापुआ न्यू गिनी
ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में स्थित पापुआ न्यू गिनी दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक है। प्रशांत महासागर का यह देश अपनी आश्चर्यजनक प्रकृति के लिए जाना जाता है। भूमध्य रेखा के दक्षिण में स्थित यह देश इंडोनेशिया के साथ एक भूमि सीमा साझा करता है। यह देश दुनिया के सबसे खतरनाक और हिंसक राष्ट्रों में से एक है, जिसके बड़े क्षेत्र में आदिवासी गिरोहों का शासन है। इस देश में घरेलू हिंसा और ब्लात्कार की दर सबसे अधिक है।
अचानक सबसे गरीब देशों में हुआ शुमार
अब अचानक देश की जनसंख्या में आए इस उछाल से यहां की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त प्रभाव दिख सकता है। दोगुना जनसंख्या होने से अब देश की प्रतिव्यक्ति आय सीधे आधी हो चुकी है। ऐसे में देश के लोगों का औसत वेतन 1770 डॉलर हो चुका है। यह आंकड़ा इसे दुनिया के सबसे गरीब देशों में एक ठहराने के लिए काफी है। पापुआ न्यू गिनी बस एक रात में अब सूडान और सेनेगल जैसे देशों की बराबरी पर आ चुका है।
कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम होंगे प्रभावित
पापुआ न्यू गिनी का पड़ोसी देश ऑस्ट्रेलिया हर साल अपने पड़ोसी देश को करीब 600 मिलियन डॉलर देता है। यदि नया अनुमान सही है, तो अंतरराष्ट्रीय सहायता कार्यक्रम पहले की अपेक्षा अधिक अप्रभावी हो जाता है। इस नए जनसंख्या आंकड़े के खुलासे के बाद देश में 10,000 लोगों पर केवल एक डॉक्टर नजर आते हैं।
रूसी
राष्ट्रपति
पुतिन
ने
क्रीमिया
ब्रिज
पर
चलाई
मर्सिडीज
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यूक्रेन
ने
विस्फोट
कर
उड़ाया
था
पुल