अमेरिका में प्रचंड धूप से हाहाकार, झुलसे पक्षियों के पंख, कनाडाई समुद्र में पानी उबलने से करोड़ों जीव मरे
अमेरिका में गर्मी की वजह से सैकड़ों बेबी बर्ड्स के पंख झुलस गये हैं तो कनाडा के समुद्र में पानी उबलने से करोड़ों समुद्री जीव मारे गये हैं।
वॉशिंगटन, जुलाई 13: अमेरिका में भयानक गर्मी और धूप की वजह से लोग त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा खामियाजा मासूम जीवों को भुगतना पड़ रहा है। सैकड़ों पक्षियों के पंख गर्मी की वजह से झुलस गये हैं तो सैकड़ों पक्षी गर्मी की वजह से मारे जा चुके हैं। कनाडा में भीषण गर्मी और धूप की वजह से समुद्र का पानी उबलने लगा, जिससे करोड़ों सेशल्स मारे गये हैं।
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अमेरिका में पक्षियों के पंख जले
स्काई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में भीषण गर्मी की चपेट में आकर बेबी बर्ड्स के पंख झुलस गये और सैकड़ों बेबी बर्ड्स मारे गये हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, घोसलों में रहने वाले पक्षियों के छोटे छोटे बच्चों की हालत गर्मी की वजह से काफी ज्यादा खराब हो गई, सैकडों पक्षियों के पंख जल गये और वो जमीन पर गिर गये, जिससे उनकी मौत हो गई। ज्यादातर पक्षी, जो स्वेन्सन और कूपर के बाज थे, वो गर्मी की वजह से ऊंचे ऊंचे पेड़ों से जनीन पर गिर गये और बुरी तरह से घायल हो गये हैं। ब्लू माउंटेन वाइल्डलाइफ रिहैबिलिटेशन सेंटर ने कहा कि उसे 13 चूजों को जानबूझकर मारना पड़ा, क्योंकि वो बुरी तरह से घायल हो गये थे। केंद्र के कार्यकारी निदेशक लिन टॉमपकिंस ने कहा, "हमने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा है।" उन्होंने कहा कि ''हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले साल ऐसा कुछ ना हो, लेकिन जलवायु परिवर्तन का हम कुछ नहीं कर सकते हैं और अगर ज्यादा गर्मी पड़ती है तो फिर से ऐसी ही स्थिति बन सकती है।
भयानक गर्मी से त्राहिमाम करते लोग
अमेरिका एक ठंडा देश है और अमेरिका में टेंप्परेचर ज्यादा से ज्यादा 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है और अमेरिकी लोग गर्मी के अभ्यस्त नहीं हैं। लेकिन, ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से अमेरिका में इस बार सारे रिकॉर्ड टूट गये और अमेरिकी इतिहास में ये दूसरा मौका है, जब सबसे ज्यादा गर्मी पड़ रही है। अमेरिका के पेंडलटन में राष्ट्रीय मौसम विभाग के मुताबिक पेंडलेटन में तापमान 29 जून को 117F पर पहुंच गया, जो 1898 में निर्धारित 119F के रिकॉर्ड से कुछ ही कम है। वहीं, नेशनल वेदर सर्विस ने कहा कि रविवार को कैलिफोर्निया की डेथ वैली में तापनाम 130F तक पहुंच गया था। और भयानक लू चल रही थी। वहीं, मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि इस हफ्ते में गर्मी और ज्यादा खतरनाक हो सकता है। फिलहास अमेरिका में औसतन तापमान 40 डिग्री सेल्सियस (105 F) के आसपास रहता है।
भीषण गर्मी के साइड इफेक्ट्स
अमेरिका में एसी का इस्तेमाल काफी कम किया जाता है, लेकिन इस बार की गर्मी में एसी की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई, जिसका नतीजा ये हुआ कि बिजली संकट पैदा हो गई। आप यकीन नहीं कर पाएंगे कि अमेरिका के कई प्रमुख शहरों में काफी देर के लिए बिजली काटी जाने लगी। वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क जैसे शहरों में भी लो शेडिंग का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बिना बिजली के गर्मी का सामना करना लोगों के लिए और मुश्किल साबित हो रहा है। वहीं, वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अमेरिका के पश्चिमी हिस्से में कई जंगल पूरी तरह से सूखे हुए हैं, जिनमें आग लगने का भयानक खतरा है। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि अगर उन जंगलों में आग लगती है, तो उसे बुझाना काफी मुश्किल होगा। इससे पहले ही ओरेजन के जंगल में लगी आग की वजह से एक लाख 53 हजार एकड़ में जंगल खत्म हो गई है।
जलवायु परिवर्तन से खतरा
खुद का विकास करने के बाद अमेरिका भले ही ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज को लेकर लेक्चर दे रहा है, लेकिन पश्चिमी देशों ने अंधाधुंध पेड़ काटे और औद्योगिक विकास को लेकर वनों का दोहन किया। वहीं, खतरनाक ग्रीन हाउस गैस बनाने वाली फैक्ट्रियों का निर्माण किया है, जो अब भी चल रही हैं। वहीं, ग्रीनपीस की रिपोर्ट के मुताबिक, एशियाई तटीय शहरों के लिए खतरा बढ़ रहा है। समुद्र के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक 7 एशियाई शहरों पर जलमग्न होने का खतरा है। जिन शहरों का रिपोर्ट में जिक्र किया गया है उनमें बैंकॉक, हांगकांग, टोक्यो, सियोल, जकार्ता , ताइपे और मनीला है। रिपोर्ट के मुताबिक मौसम की घटनाओं में अत्यधिक गर्मी, हीटवेभ, अतयाधिक बारिश, चक्रवात जैसी घटनाएं शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक इन शहरों पर आने वाले सालों में उष्णकटिबंधी चक्रवात, तूफान की लहरें, उच्च ज्वार, समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी जैसी घटनाएं और बढ़ सकती है। हीटवेव, वॉर्मिंग के चलते समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी के इन शहरों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है।
कनाडा में करोड़ों समुद्री जीव ने तोड़ा दम
ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय में जूलॉजी विभाग के प्रोफेसर क्रिस्टोफर हार्ले ने रविवार को किट्सिलानो बीच पर अनगिनत मृत मसल्स को देखा है। उन्होंने मसल्स के खोल को खुला हुआ और धीरे धीरे सड़ते हुए देखा है। जीव विज्ञानी हार्ले समुद्री तटों के पास पाए जाने वाले चट्टानों और समुद्री जीवों पर क्लाइमेट चेंज के असर का स्टडी करते हैं और उन्होंने कहा है कि कनाडा में अभी जो विनाशकारी गर्मी पड़ रही है, उससे करोड़ों मसल्स मारे गये हैं और वो समुद्र के तट पर पहुंच गये हैं और अब सड़ रहे हैं। दरअसल, भीषण गर्मी की वजह से कनाडा के तटों पर समुद्र का पानी काफी गर्म होकर खौलने लगा, जिसकी वजह से करोड़ों समुद्री जीव के मरने की संभावना है। क्रिस्टोफर हार्ले ने स्थिति की समक्षा करते हुए आशंका जताई है कि इस विनाशकारी गर्मी की वजह से एक अरब से ज्यादा समुद्री जीव मरे होंगे।