UN की रिपोर्ट में लश्कर और जैश को नहीं माना गया आतंकी संगठन, पीओके को बताया आजाद कश्मीर
भारत की ओर से यूनाइटेड नेशंस हाई-कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स (ओएचसीआर) की जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़ी रिपोर्ट पर कड़ा एतराज जताया गया है। भारत ने कहा है कि रिपोर्ट में उन शब्दों का प्रयोग ही नहीं हुआ है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हुई है।
न्यूयॉर्क। भारत की ओर से यूनाइटेड नेशंस हाई-कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स (ओएचसीआर) की जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़ी रिपोर्ट पर कड़ा एतराज जताया गया है। भारत ने कहा है कि रिपोर्ट में उन शब्दों का प्रयोग ही नहीं हुआ है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हुई है। जबकि यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की ओर से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को आतंकी संगठन माना गया है, इस रिपोर्ट में 38 बार इन संगठनों के लिए 'आर्म्ड ग्रुप' यानी 'हथियारों से लैस संगठन' इस शब्द का प्रयोग किया गया है। वहीं पीओके को रिपोर्ट में 26 बार 'आजाद जम्मू कश्मीर' के तौर पर बताया गया है। वहीं लश्कर और जैश के आतंकी सरगनाओं को रिपोर्ट में सिर्फ 'लीडर' कहकर संबोधित किया गया है।
49 पेज की रिपोर्ट में गलतियां
इस रिपोर्ट को जैद राद अल हुसैन की ओर से तैयार किया गया है। हुसैन ह्यूमन राइट्स के कमिश्नर हैं और भारत की ओर से इसका भी विरोध दर्ज कराया गया है। 49 पेज की इस रिपोर्ट को गुरुवार को जारी किया गया था जिसमें कोई भी करेक्शन नहीं है। सूत्रों की मानें तो जैद ने चार जून को भारत के साथ एक एडवांस कॉपी शेयर की थी और इसमें उन्होंने 'तथ्यात्मक गलतियां' होने की बात कही थी। यूएन की ओर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लश्कर और जैश को आतंकी संगठन माना गया है।
जैद ने किया रेजोल्यूशन का उल्लंघन
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के रेजोल्यूशन 1267 के अनुसार इन्हें आतंकी संगठन करार दिया गया था। वहीं कश्मीर के लिए यूएन हमेशा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य शब्दावली का प्रयोग करता आया है, पहली, पाकिस्तान-एडमिनिस्ट्रेटेड कश्मीर और इंडियन-एडमिनिस्ट्रेटेड कश्मीर। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यह रिपोर्ट यूएन की आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति के एकदम विपरीत है। इस रिपोर्ट में कश्मीर के जून 2016 से अप्रैल 2018 तक के हालातों के बारे में लिखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आजाद जम्मू कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान में पिछले दो वर्षों का दौरा हिंसा से भरा रहा है।
भारत ने क्या कहा
भारत की ओर से इस बात का ध्यान दिलाया गया है कि यूएन रेजोल्यूशन 48/141 में कहा गया है कि सदस्य देशों की सीमा और संप्रभुता में मानवाधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए। लेकिन आजाद कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान जैसे शब्दों का प्रयोग करके जैद ने रेजोल्यूशन का उल्लंघन किया है क्योंकि भारत इन दोनों जगहों को अपना आंतरिक हिस्सा मानता है। सूत्रों की मानें तो जैद जो जॉर्डन की रॉयल फैमिली से आते हैं, 31 अगस्त को अपना पद छोड़ने वाले हैं। यह रिपोर्ट उनका नजरिया पेश करती है औ यूएन ह्यूमन राइट्स काउंसिल के नजरिए को पेश नहीं करती है। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यह यूएन की रिपोर्ट नहीं है। यह रिपोर्ट हाई कमिश्नर के ऑफिस की है जो अलग है। हमें दोनों में अंतर करना चाहिए।