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डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर बैन पर UN का बयान, सोशल मीडिया कंपनियों की ताकत ने चिंता में डाला

सोशल मीडिया कंपनियों की बढ़ती ताकत पर यूनाइटेड नेशंस ने चिंता जताई है। डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर बैन पर UN ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को रेगुलेट करना जरूरी है।

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Worried about power of social media companies: पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया कंपनियों की ताकत में जिस कदर इजाफा हुआ है उसने यूनाइडेड नेशंस को भी चिंता में डालकर रख दिया है। यूनाइडेट नेशंस के जनरल सेक्रेटरी एंटेनियो गुटेरस ने सोशल मीडिया कंपनियों की बढ़ती हुई ताकत पर चिंता जाहिर करते कहा है कि एक ग्लोबल कानून बनाकर इन कंपनियों की बढ़ती ताकत पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है।

UN

सोशल मीडिया कंपनियों पर लगाम जरूरी

यूनाइडेट नेशंस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एंटेनियो गुटेरस ने साल 2021 के लिए कई प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा गया है, लेकिन सोशल मीडिया कंपनियों की बढ़ती ताकत चिंता की बात है। UN के सभी सदस्य देशों को इसको लेकर ध्यान देने और एक ग्लोबल कानून बनाने की जरूरत है। ताकि, इनके ताकत पर अंकुश लगाया जाए। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया में रहने लगे हैं जहां चंद कंपनियों के हाथ में काफी ज्यादा शक्ति दे दी गई है।

दरअससल, UN महासचिव से डोनाल्ड ट्रंप को ट्विटर से स्थायी तौर पर बैन कर देने को लेकर सवाल पूछा गया था। उनसे पूछा गया कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ट्विटर और फेसबुक से बैन कर देना कितना सही है? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 'दुनिया भर की शक्ति को किसी एक या चंद हाथों में दे देना चिंता करने योग्य बात है। और अब वक्त आ गया है जब सोशल मीडिया कंपनियों को रेगुलेट करने के लिए एक ग्लोबल कानून बनाया जाए।

शक्ति का संतुलन जरूरी-UN

UN महासचिव ने कहा कि शक्ति का संतुलन करना बेहद जरूरी है। और हम जितनी जानकारियां अपने बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हैं, हम खुद पर से उतना ही संतुलन खोते जा रहे हैं। सिर्फ हमारी जानकारियों को एडवर्टाइजिंग कंपनियों को दे देना ही खतरनाक नहीं है, बल्कि उससे भी ज्यादा खतरनाक है हमारे विचार को बदलने की शक्ति रखना। अगर इसके खिलाफ कानून नहीं बनाया गया तो एक दिन लोकतांत्रित शक्ति भी खतरे में पड़ सकता है।

EU भी कर चुका है ग्लोबल कानून की मांग

इससे पहले यूरोपीय यूनियन भी सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ ग्लोबल कानून बनाने की अपील कर चुका है। यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डे लीन(URSULA VON DER LEYEN) ने दावोस वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका में कैपिटल हिल हिंसा के पीछे डिजिटल दुनिया के पीछे की काली दुनिया है। और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। लिहाजा, हमें सोशल प्लेटफॉर्म चलाने वाली बड़ी कंपनियों को लेकर पूरी दुनिया के लिए एक सामान्य नियम बनाने होंगे।

दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डे लीन ने कहा 'हमें डिजिटल दुनिया के गहरे पक्षों को संबोधित करना चाहिए। हममें से कई लोगों के लिए अमेरिकी संसद पर हमला किसी बड़े झटके से कम नहीं था। सोशल मीडिया पर पनपे ऐसे तत्व लोकतंत्र को चुनौती देने का माद्दा रखते हैं, लिहाजा हमें इनके खिलाफ सामूहिक तौर पर आवाज उठानी चाहिए। हमें देखना होगा कि सोशल मीडिया पर ऐसे तत्व पनपने नहीं चाहिए। आज के जमाने में सोशल मीडिया के जरिए समाज पर काफी असर डाला जाता है, लिहाजा हमें इसके काले पक्ष को लेकर एक सामान्य नियम बनाने ही होंगे'

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English summary
United Nations has expressed concern over the increasing strength of social media companies
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