मक्की वैश्विक आतंकी घोषित: अपना ही 7 महीने पुराना फैसला बदलने पर चीन ने क्या बहाना बनाया?
चीन ने कहा कि मक्की को पाकिस्तान में भी दोषी ठहराकर सजा सुनाई गई है। ऐसे में वैश्विक आतंकी लिस्ट में उसे शामिल करना आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई को दर्शाता है।
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संयुक्त राष्ट्र ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी की लिस्ट में डाल दिया है। इससे पहले चीन ने मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अड़ंगा लगा दिया था, लेकिन इस बार उसने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए। इसके बाद UNSC में मक्की के खिलाफ प्रस्ताव पारित पर उसे वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया। इस बीच चीन ने अपने कदम पर प्रतिक्रिया दी है। चीन ने पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए तकनीकी रोक हटाने के अपने कदम का बचाव किया है।
चीन ने फैसला बदलने पर क्या कहा?
चीन ने कहा कि आतंकवादियों की सूची वैश्विक आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ाने के लिए अनुकूल है। चीन ने इस दौरान अपने आतंकवादी विरोधी प्रयासों का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान की भी तारीफ की है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। वेनबिन से ये भी पूछा गया कि क्या चीन बाकी 4 पाकिस्तान के आतंकियों के मसले पर भी ये ही फैसला करेगा? इस पर उन्होंने कहा कि 1267 समिति आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय तंत्र है और संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में आतंकवादियों या आतंकवादी संगठनों की सूची आतंकवादी खतरों के जवाब में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी सहयोग बढ़ाने के लिए अनुकूल है। वेनबिन ने कहा कि मक्की को पाकिस्तान में भी दोषी ठहराकर सजा सुनाई गई है। ऐसे में वैश्विक आतंकी लिस्ट में उसे शामिल करना आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई को दर्शाता है।
भारत ने भी फैसले का किया स्वागत
बता दें कि इस सूची में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने, उन पर यात्रा और हथियार संबंधी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। इससे पहले जून 2022 में मक्की को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल करने की केशिशों पर चीन ने अडंगा लगा दिया था। इस बीच भारत ने मंगलवार को अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि देश आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आईएसआईएल और अल-कायदा प्रतिबंध समिति के फैसले का स्वागत करते हैं।
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