हर 11 मिनट में होती है एक ‘श्रद्धा’ की मौत, परिवार वाले या फिर प्रेमी ही ले लेते हैं जान: एंटोनियो गुटेरेस
संयुक्त राष्ट्र संघ के चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि हर 11 मिनट में एक महिला की हत्या की जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि ज्यादातर मामलों में पार्टनर या घरवालों ने ही महिलाओं या लड़कियों की जान ले लेते हैं।
भारत में श्रद्धा हत्याकांड (Shraddha Murder Case) काफी समय से चर्चा में है। पुलिस के मुताबिक मुंबई की रहने वाली श्रद्धा की हत्या उसके की प्रेमी आफताब ने दिल्ली में कर दी। श्रद्धा हत्याकांड से जहां पूरा देश सदमे में था इसी बीच आयुषि यादव की हत्या ने लोगों चौंका दिया। बेटी के प्रेमसंबंध से नाराज होकर आयुषि के पिता ने गोलीमार को उसकी हत्या कर दी। इसके अलावा ऐसे और भी कई मामले सामने आए हैं जिसमें पार्टनर, बॉयफ्रेंड या पति ने ही अपनी प्रेमिका या पत्नी की जान ले ली है। अब यूएन चीफ ने भी कहा है कि हर 11 मिनट में एक महिला की हत्या हो रही है जिसमें अपराधी उनके परिवार वाले ही हैं।
हर 11 मिनट पर होती है एक महिला की हत्या
संयुक्त राष्ट्र संघ के चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि हर 11 मिनट में एक महिला की हत्या की जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि ज्यादातर मामलों में पार्टनर या घरवालों ने ही महिलाओं या लड़कियों की जान ले लेते हैं। यूएन चीफ गुटेरेस ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली इस तरह की हिंसा मानव अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा दुनियाभर में मानवाधिकार उल्लंघन का सबसे बड़ा मामला है।
25 नवंबर मनाया जाता अंतरराष्ट्रीय हिंसा दिवस
एंटोनियो गुटेरेस ने सरकारों से अपील की है कि वे इसके लिए नेशनल एक्शन प्लान बनाएं। एंटोनियो गुटेरेस ने यह बयान 25 नवंबर को होने वाले 'एलिमिनेशन ऑफ वायलेंस अगेंस्ट वूमन' से पहले कही। हर साल नवंबर की 25 तारीख को 'अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस' मनाया जाता है। गुटेरेस ने इस दिवस को लेकर दिए अपने संदेश में ये बातें कहीं। बता दें कि दुनिया के 155 देशों ने घरेलू हिंसा एवं 140 देशों ने कार्यस्थल पर होने वाली हिंसा के खिलाफ कानून बनाए हैं। लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं।
महिला अधिकार से जुड़े संगठनों की फंडिंग में हो इजाफा
एंटोनियो गुटेरेस ने यह भी कहा कि महिलाएं ऑनलाइन उत्पीड़न का भी शिकार हो रही हैं। महिलाओं के खिलाफ हेट स्पीच, पोर्नोग्राफी, यौन उत्पीड़न और तस्वीरों से छेड़छाड़ जैसे अपराध आम हो चले हैं। गुटेरेस ने आगे कहा, 'ऐसे अपराधों की वजह से महिलाओं और लड़कियों का जीवन सीमित हो जाता है और उनके मौलिक अधिकारों और आजादी का हनन होता है।' यूएन महासचिव ने दुनियाभर की सरकारों से अपील की है कि महिला अधिकार से जुड़े संगठन और आंदोलनों की फंडिंग में 2026 तक 50 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए।