यूक्रेनी जनता की ताकत: मानव दीवार बना रोका रूसी सेना को, एटॉमिक रेडिएशन का बढ़ा खतरा
कीव, 04 मार्च। युद्ध विनाश का कारण है। लेकिन कभी-कभी किसी दुराग्रह के कारण युद्ध अनिवार्य हो जाता है। तब किसी देश को अपनी संम्प्रभुता की रक्षा के लिए युद्ध की विभीषिका में कूदना पड़ता है। यूक्रेन यही कर रहा है। वह जानता है कि रूस उससे शक्तिशाली है। फिर भी वह अपने देश की रक्षा के लिए लड़ रहा है। इस संकट की घड़ी में यूक्रेन के देशवासियों ने भी अदम्य साहस का परिचय दिया है।
जब रूसी सेना जापोरिज्जया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर कब्जा करने के आगे बढ़ने लगी तो यूक्रेन के हजारों नागरिक सड़क पर उतर गये। उन्होंने पावर प्लांट जाने वाली सड़क को मानव दीवार बना कर रूसी सैनिकों को आगे बढ़ने से रोक दिया। रूसी सेना इतनी बड़ी संख्या में जमा निहत्थे लोगों पर गोली चलाने से सहम गयी। उसने आगे बढ़ने का इरादा छोड़ दिया। यूक्रेन के नागरिक अब राष्ट्र के लिए कोई बलिदान देने को तैयार हैं। इस बीच रूसी सेना की गोलीबारी में जापोरिज्जया न्यूक्लियर पावर प्लांट में आग लग गयी है जिससे पूर्वी यूरोप में एटॉमिक रेडिएशन का खतरा बढ़ गया है।
जापोरिज्जया परमाणु बिजली संयंत्र
जापोरिज्जया दक्षिणी यूक्रेन का एक महत्वपूर्ण शहर है। यह डेनिपर नदी के किनारे बसा है। यहां यूक्रेन का न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित है। यह पूरे यूरोप के 10 सबसे बड़े परमाणु शक्ति केन्द्र में से एक है। इस परमाणु बिजली घर से 5 हजार 700 मेगावाट बिजली बनती है। यूक्रेन की कुल परमाणु बिजली का आधा उत्पादन यहीं होता है। इसके नजदीक ही यूक्रेन का थर्मल पावर प्लांट भी स्थापित है। बिजली आपूर्ति के लिहाज से जापोरिज्जया यूक्रेन का अहम शहर है। जब पुतिन ने रूसी सेना को परमाणु युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा तो उसने जापोरिज्जया के परमाणु बिजली घर पर कब्जा करने की योजना बनायी। पावर सप्लाई पर नियंत्रण कर रूस, यूक्रेन को पंगु करना चाहता था। रूसी सेना जापोरिज्जया में दाखिल हो चुकी थी। जब पावर प्लांट में काम कर रहे कर्मचारियों को इस बात की सूचना मिली कि रूसी सेना ने इस तरफ कूच कर दिया है तो उन्होंने विरोध करने का फैसला किया। वे हाथ में यूक्रेनी झंडा लेकर प्लांट के बाहर खड़े हो गये। ये बात आम जनता तक पहुंच गयी। फिर क्या था, क्या क्या बुजुर्ग, क्या जवान, सारे लोग सड़क पर उतर गये। उनके हाथों में देश का झंडा था।
परमाणु बिजली घर की रक्षा के लिए मानव दीवार
जनता का जोश और जब्बा देखने लायक था। किसी को कोई डर नहीं। जो सड़क पावर प्लांट की तरफ जाती थी। उसको मानव दीवार बना कर अवरुद्ध कर दिया। थोड़ी थोड़ी दूर पर लॉरी, कार और दूसरे वाहन लगा कर सड़क को जाम कर दिया गया। हजारों निहत्थे लोग केवर आत्मबल से रूस के बेरहम सैनिकों का सामना करने के लिए खड़े थे। इतने लोगों को मारने के बाद ही रूसी सेना पावर प्लांट तक पहुंच सकती थी। ऐसा जघन्य अपराध करने से रूसी सेना सहम गयी। अपने देश के सबसे बड़े ऊर्जा केन्द्र की रक्षा के लिए यूक्रेनी कोई कीमत चुकाने को तैयार थे। इस परमाणु बिजली घर की रक्षा के लिए नेशनल गार्ड के जवान तैनात थे। लेकिन स्थानीय लोगों ने खुद आगे आ के मोर्चा संभाल लिया।
आग से खेल रहा है रूस
रूसी सेना जब जापोरिज्जया परमाणु बिजसी संयंत्र पर कब्जा नहीं जमा सकी तो उसने गोलीबारी शुरू कर दी। इससे पावर लांट में आग लग गयी है। इस आग से एटॉमिक रेडिएशन का खतरा बढ़ गया है। अगर ऐसा हुआ तो इस युद्ध का नक्शा ही बदल जाएगा। अगर विस्फोट हुआ तो चेर्नोबिल से 10 गुना अधिक तबाही हो सकती है। रेडियोधर्मी पदार्थों का विकिरण पूर्वी यूरोप तक फैल सकता है। एक हफ्ता पहले ही रूस ने यूक्रेन के चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट पर कब्जा जमा लिया था। लेकिन जापोरिज्जया में रूस को प्रबल विरोध का सामना करना पड़ा। जापोरिज्जया में भारत के कई छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। युद्ध शुरू होने के बाद वे फंस गये थे। इसलिए भी यह शहर चर्चा में आ चुका है। रूस जिस तरह यूक्रेन के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर कब्जा जमाने के लिए आपाधापी कर रहा है वह एक बड़े संकट का कारण बन सकता है। 1986 में चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र में एक हादसा हुआ था। इससे बड़े पैमाने पर एटॉमिक रेडिएशन (परमाणु विकिरण) हुआ था। इसका असर कई साल तक रहा। इसकी वजह से करीब 6 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा था। परमाणु विकिरण से कई प्रकार बिमारियां होने लगीं और इससे हजारों लोग मारे गये थे। उस समय यूक्रेन (चेर्नेबिल) सोवियत संघ के अधीन था। कम्युनिस्ट शासन था। इसलिए मरने वाले लोगों की वास्तविक संख्या का पता नहीं लग पाया था। इसी तरह 2011 में जापान के फुकुशिमा परमाणु संयत्र में दुर्घटना हुई थी। अगर रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान किसी परमाणु बिजली घर से एटॉमिक रेडिएशन फैला तो आसपास के दोशों को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
‘जनता की ताकत’
यूक्रेन का दावा है कि जापोरिज्जया परमाणु घर पर अभी भी उसका नियंत्रण है। लेकिन दो दिन पहले रुसी मिडिया में कहा गया था कि इस परमाणु बिजली घर पर रूस का कब्जा है और रूसी विशेषज्ञों ने संयंत्र में काम भी संभाल लिया है। यह रूस प्रोपगैंडा वॉर था। रूस अभी भी इस प्लांट को अपने नियंत्रण में लेने के लिए गोलीबारी कर रहा है। पावर प्लांट में आग लगने के बाद यूक्रेन ने रूस को चेतावनी दी है कि अगर उसने गोलीबारी बंद नहीं की तो दुनिया एक और परमाणु दुर्घटना के लिए तैयार रहे। इस संबंध में ब्रिटेन के अखबार 'द सन' ने सचित्र खबर प्रकाशित की है जिसमें हजारों लोग सड़क पर मानव दीवार बना कर जारोरिज्जया न्यूक्लियर पावर प्लांट को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उसने इस खबर का शीर्षक दिया है- 'पीपल पावर'।
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