इस्लामिक देश UAE में खत्म होगी सिनेमा से सेंसरशिप, अब जी भरकर एडल्ट फिल्में देख सकेंगे दर्शक
संयुक्त अरब सरकार ने फिल्मों में सेंसरशिप को खत्म करने की घोषणा की है और यूएई सरकार ने उदारीकरण की तरफ एक कदम और बढ़ा दिया है।
दुबई, दिसंबर 20: कभी कट्टर इस्लामिक देश रहे संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब अब धीरे धीरे मजहबी कट्टरता से बाहर आ रहे है और देश में सभ्य समाज का निर्माण कर रहे है, जहां हर वर्ग, हर मजहब के लिए आजादी हो और इसी कड़ी में अब संयुक्त अरब अमीरात ने फिल्मों से सेंसरशिप खत्म करने की घोषणा कर दी है। रविवार को संयुक्त अरब अमीरात सरकार की तरफ से कहा गया है कि, अब देश में फिल्मों की सेंसरशिप नहीं की जाएगी।
फिल्म से सेंसरशिप खत्म
संयुक्त अरब अमीरात ने रविवार को घोषणा की कि वह अब सिनेमाई रिलीज को सेंसर नहीं करेगा, यानि, अब देश के 21 साल की उम्र के ऊपर के दर्शक किसी भी तरह की फिल्म देख सकते हैं। सरकार ने वयस्क लोगों के लिए फिल्मों की रेटिंग तय करने की घोषणा कर दी है, जो यूएई सरकार द्वारा उठाया जाने वाला बड़ा उदारवादी कदम है। संयुक्त अरब अमीरात, जो सात अमीरात से बना है, खाड़ी क्षेत्र में सबसे ज्यादा उदार देश माना जाता है, जहां अब तक फिल्मों से एडल्ट सीन काट कर हटा दिए जाते थे और उसके बाद ही वो फिल्में देश में रिलीज हो पाती थीं, लेकिन अब सरकार ने तय किया है कि, फिल्मों से अब ऐसे दृश्य नहीं हटाए जाएंगे, हां, उनकी रेंटिग तय कर दी जाएगी, जैसा भारत समेत कई और लोकतांत्रिक देशों में होता है।
कानून में किया जाएगा संशोधन
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई सरकार ने रविवार को एडल्ट फिल्मों पर लगाए गये सेंसरशिप को खत्म करने की घोषणा कर दी है और अब कानून में संसोधन किया जाएगा। हाल के सालों में यूएई सरकार ने बड़े पैमाने पर मजहबी कट्टरता कानून को या तो रद्द कर दिया है या फिर कानूनों में परिवर्तन कर दिया है। वहीं, देश में आधुनिकीकरण को लेकर कई तरह के पहल किए जा रहे हैं, ताकि देश को आधुनिक देश बनाया जा सके। यूएई के साथ साथ सऊदी अरब की सरकार भी अपने देश में कट्टर कानूनों में लगातार संशोधन कर रही है।
देश में 21+ रेटिंग
संयुक्त अरब अमीरात के मीडिया नियामक प्राधिकरण ने ट्विटर पर घोषणा करते हुए कहा कि, वो देश में मोशन पिक्चर्स के लिए कंटेंट रेटिंग सिस्टम में 21+ आयु वर्ग की शुरुआत की है। घोषणा के मुताबिक, "इस वर्गीकरण के अनुसार, अब फिल्मों में दृश्यों को काटकर नहीं हटाए जाएंगे, बल्कि इसके जगह पर 21+ उम्र के दर्शक सीधे सिनेमा हॉल में इस तरह की फिल्में देख सकते हैं। वहीं, सिनेमाघरों में आयुवर्क को लेकर सख्ती से नियम को पालन किया जाएगा।'' यानि, 21 साल से कम उम्र के लोग ऐसी फिल्में नहीं देख सकते हैं। पहले यूएई में दिखाई जाने वाली किसी भी फिल्म से एडल्ट दृश्यों को ही हटा दिया जाता था और किस भी उम्र के दर्शक ऐसे दृश्य नहीं देख पाते थे।
प्रगतिशील छवि को बढ़ावा देता यूएई
आपको बता दें कि, पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात ने देश में उदारीकरण के प्रयासों के तहत कई कट्टर कानूनों में या तो संशोधन कर दिए हैं या फिर ऐसे कानूनों को हटा दिए हैं। यूएई सरकार के इन प्रयासों का मतलब दुनिया के सामने अपनी एक ऐसी छवि बनाना है, जिसमें कट्टरता की जरा सी भी बू नहीं आए। पिछले साल यूएई सरकार ने अविवाहित महिला-पुरूष के एक साथ एक घर में रहने पर लगाई गई पाबंदी हटा जदी थी, वहीं शराब पीने पर भी प्रतिबंध यूएई में हटा दिया गया है, वहीं अब लोगों को एक साथ लंबे वक्त तक रहने की भी आजादी दी जा रही है।
शनिवार-रविवार को छुट्टी
इस महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात ने घोषणा की थी, कि अब पश्चिमी देशों की तरह ही संयुक्त अरब अमीरात में शनिवार और रविवार को छुट्टी दी जाएगी और देश में शुक्रवार को छिट्टी देने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। अब तक यूएई में शुक्रवार को छुट्टी देना अनिवार्य था, ताकि लोग जुम्मे की नमाज पढ़ सकें, लेकिन अब इस तरह की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। यूएई सरकार के इस फैसले पर विशेषज्ञों ने कहा कि, पश्चिमी देशों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए सरकार ने कदम उठाया है, ताकि देश को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाया जाए। अब एक जनवरी से संयुक्त अरब अमीरात खाड़ी का एकमात्र ऐसा देश बन जाएगा, जहां अब शुक्रवार और शनिवार नहीं, बल्कि शनिवार और रविवार को छुट्टी दी जाएगी। आपको बता दें कि, संयुक्त अरब अमीरात की आबादी एक करोड़ है, जिनमें 90 फीसदी लोग विदेशी हैं।
सऊदी अरब में भी धार्मिक परिवर्तन
यूएई के साथ साथ सऊदी अरब में भी धार्मिक कट्टरता से आजादी दिलाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है और सऊदी अरब के प्रिंस सलमान देश में मिशन 2030 चला रहे हैं, जिसके तहत हर उन कट्टरवादी सोच पर प्रहार किया जा रहा है, जो देश के विकास में बाधक है। देश के बच्चे, दूसरे देशों की संस्कृति को जान पाएं और उनके साथ एक साथ रह सकें, इसके लिए सऊदी अरब के स्कूली किताब में हर धर्म के सब्जेक्ट को शामिल किया गया है, जिनमें गीता और रामायण भी हैं। इसके साथ ही सऊदी अरब में लाउडस्पीकर पर नमाज पढ़ने पर यह कहकर पाबंदी लगाई गई है, कि लाउड स्पीकर पर नमाज पढ़ने से दूसरे लोगों को दिक्कत होती है।