'टिटमस' टेस्ट के बाद ही अमेरिका में आने देंगे ट्रंप
वाशिंगटन। नवंबर माह में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में अगर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप जीत जाते हैं। तो हो सकता है कि अमेरिका जाने वाले लोगों को टिटमस टेस्ट से गुजरना पड़े।
यह योजना डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद से निटपने के लिए तैयार की है। इस बात का खुलासा ट्रंप ने किया है। ट्रंप ने बताया कि आतंकवाद से निपटने के लिए विचारधारा का टेस्ट होगा।
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ट्रंप ने कहा कि इस टेस्ट के जरिए यह जानने की कोशिश की जाएगी कि कौन अमेरिकी संविधान, विचारधारा, वैल्यू को मानता है और कौन नहीं।
ट्रंप ने कहा कि शीत युद्ध के समय हम विचारधारा का स्क्रीनिंग टेस्ट करते थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह की धमकियों का हम लोगों को सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इस तरह का नए स्क्रीनिंग टेस्ट को डेवलप किए जाने की जरूरत है। ट्रंप ने यह सब यंग्सटॉउन में एक भाषण के दौरान कहा।
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मध्य एशिया से आने वाले मुस्लिमों के लिए उन्होंने ट्रंप आयडोलॉजिकल टेस्ट की बात कही। वहीं दूसरे क्षेत्र से आने वाले लोगों को इस टेस्ट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ट्रंप के इस प्रस्ताव में अभी यह साफ नहीं हो पाया था कि यह टेस्ट सिर्फ प्रवासियों पर ही होगा। यह भी पयर्टकों और शॉर्ट टर्म के वीजा पर आए लोगों पर भी होगा।
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ट्रंप प्रशासन के दौरान केवल उन्हीं लोगों को अमेरिका में प्रवेश दिया जाएगा जो अमेरिका के विचार और यहां के लोगों का सम्मान करते हैं। आपको बताते चलें कि न्यूयॉर्क में पले-बढ़े ट्रंप के दादा-दादी जर्मनी से अमेरिका आए थे।