9/11 की तेहरवीं बरसी से पहले ओबामा बताएंगे ISIS को हराने की रणनीति
वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा बुधवार रात को इस्लामिक स्टेट आतंकी संगठन को हराने के लिए अपनी रणनीति की घोषणा कर रहे हैं। लेकिन वे इससे पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि उनकी योजना में ज़मीनी कार्रवाई शामिल नहीं है। मंगलवार को व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के अनुसार, ओबामा ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी को उनके पास आईएस आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई का पूर्ण अधिकार है।
जारी किए गए बयान के अनुसार, बराक ओबामा, उप राष्ट्रपति जो बाइडेन और कांग्रेस के नेताओं के बीच आईएस को लेकर गहन चर्चा हुई और उन्होंने आईएस से निपटने और उसे अंतत: समाप्त करने के प्रयास पर समर्थन जाहिर किया। ओबामा ने कहा कि, अमेरिका आईएस के खतरे को समाप्त करने के लिए एकजुट है।
यह बैठक बुधवार शाम ओबामा के भाषण से पहले हुई है, जब वह आतंकवादी संगठन के खिलाफ लड़ाई की योजना पेश करेंगे।
9/11 से ठीक एक दिन पहले
आपको बता दें, ओबामा बुधवार यानि की 10 सितंबर की शाम को आईएस को हराने की रणनीति की घोषणा करेंगे। मतलब, अमेरिका में व्लर्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले की तेहरवीं बरसी से ठीक एक दिन पूर्व।
दहल गया था अमेरिका
11 सितंबर 2001 को अलकायदा आतंकी संगठन ने अमेरिका को एक ऐसा जख्म दिया था, जिसे अमेरिका आज तक भूल नहीं पाया है। अलकायदा ने अमेरिका के ट्विन टॉवर्स और पेंटागन को हाइजैक किए जेट्स से दहला दिया था। इस हमले में लगभग 3 हजार लोगों की जान गई थी। लिहाजा, राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए यह एक गंभीर विषय है कि 13 वर्ष पहले की तरह ठीक इसी समय इस साल भी एक आतंकी संगठन ने अमेरिका की नाक में दम कर रखा है। उस वक्त अलकायदा था और आज आईएसआईएस, जो कभी अलकायदा की महत्वपूर्ण शाखा था।
अमेरिका पर हमले की दे चुका है धमकी
आईएसआईएस ने पिछले महीने ही दो अमेरिकी पत्रकारों का सिर कलम किया था। साथ ही बराक ओबामा को अमेरिका पर हमले की धमकी भी दी है। वहीं, खुद ओबामा और अमरिकी रक्षा मंत्री हेगल भी मान चुके हैं कि आईएस खत्म करना आसान नहीं है। ये किसी भी और आतंकी संगठन से ज्यादा मजबूत हैं।
एनबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के 47 प्रतिशत नागरिक मानते हैं कि वे मौजूदा समय में 9/11 से समय से भी कम सुरक्षित हैं और उन्हें खतरा महसूस होता है।
ओबामा आज घोषित करेंगे रणनीति
बहरहाल, आज ओबामा अपनी रणनीति घोषित करने वाले हैं कि किस तरह आईएस का खात्मा किया जा सके। गौरतलब है कि, अमेरिका ने हवाई हमलों से इराक में कई जगहों से आईएस आतंकियों को पीछे हटाया है और अमेरिकी सेना सीरिया की ओर भी निकल चुकी है। वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जेम्स कैमरन भी पूरी तरह से अमेरिका का साथ देने की बात कह चुके हैं, जबकि नाटो सम्मेलन में दस अन्य देशों ने भी आईएस के खिलाफ अमेरिका का साथ देने की बात कही है।