दुनिया की सबसे 'ख़तरनाक जगह', जहां दोनों कोरिया मिले
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की सीमा पर इस इलाके में दाखिल होने से पहले आनेवालों को एक दस्तावेज़ पर दस्तखत करने होते है.
दस्तावेज़ में इलाके के ख़तरनाक़ होने के बारे चेतावनी दी हुई है और साथ ये भी कहा गया है कि यहां आने वाला शख़्स घायल हो सकता है या फिर उसकी मौत भी हो सकती है. ये वो जगह है जिस पर दो देशों की हिस्सेदारी है और
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की सीमा पर इस इलाके में दाखिल होने से पहले आनेवालों को एक दस्तावेज़ पर दस्तखत करने होते है.
दस्तावेज़ में इलाके के ख़तरनाक़ होने के बारे चेतावनी दी हुई है और साथ ये भी कहा गया है कि यहां आने वाला शख़्स घायल हो सकता है या फिर उसकी मौत भी हो सकती है. ये वो जगह है जिस पर दो देशों की हिस्सेदारी है और कुछ लोगों के लिए ये दुनिया की सबसे अशांत जगह है.
इसका नाम पनमुनजोम है और कोरियाई प्रायद्वीप की ये एकमात्र जगह है जहां उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और अमरीकी सैनिक हर दिन हर रात एक दूसरे से रूबरू होते हैं. साल 1953 के कोरियाई युद्ध के बाद से यहां युद्ध विराम लागू है.
किम जोंग उन पर नरम पड़ा ट्रंप का रुख?
दक्षिण कोरिया में खेलेगा उत्तर कोरिया
'युद्ध विराम वाला गांव'
पनमुनजोम ही वो जगह है जहां दो साल की खामोशी, युद्ध के तनाव और परमाणु हमले की धमकी के बाद दोनों कोरियाई देशों के बीच मंगलवार को वार्ता हो रही है. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की तरफ़ से शांति की पहल के बाद इस वार्ता की दिशा में कोशिशें शुरू हुईं.
फरवरी में होने वाले विंटर ओलिंपिक (शीतकालीन ओलिंपिक) के लिए उत्तर कोरिया ने अपनी टीम भेजने की बात कही है. और इसके साथ ही पनमुनजोम में दोनों देशों के बीच बातचीत के दरवाज़े खुल गए. इस इलाके में कथित तौर पर हथियार रखने की इजाज़त नहीं है लेकिन इसके बावजूद यहां तनाव का माहौल रहता है.
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की सीमा से लगा पनमुनजोम चार किलोमीटर चौड़ा और 238 लंबा है. इसे लेकर दोनों देशों के बीच विवाद भी है. पूरी दुनिया को पनमुनजोम में चल रही गतिविधियों में दिलचस्पी रहती है. यहां आबादी ना के बराबर ही है लेकिन फिर भी इसे 'युद्ध विराम वाला गांव' कहा जाता है.
जब अपने ही शहर पर गिरी किम जोंग की मिसाइल
उत्तर और दक्षिण कोरिया में होगी सीधी बातचीत
संयुक्त निगरानी क्षेत्र
दुनिया में ऐतिहासिक और भूराजनीतिक नज़रिये से पनमुनजोम अपनी तरह की अनोखी जगह है. 1948 में जब उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया वजूद में आए तो दोनों मुल्कों को अलग करने वाली भौगोलिक लकीर को ही उनकी अंतरराष्ट्रीय सीमा माना गया. 1953 में हुए युद्ध विराम के बाद पनमुनजोम अस्तित्व में आया.
इसे ख़ास तौर पर असैन्यीकृत किया गया यानी वो जगह जहां सेना नहीं रह सकती. और तभी से पनमुनजोम दोनों मुल्कों के बीच एक अशांत क्षेत्र बना हुआ है. शांति समझौते की शर्तों के तहत अमरीका की दो सैनिक टुकड़ियां दक्षिणी सिरे पर चौकसी करती हैं. उनके पीछे दक्षिण कोरियाई सैनिकों का सपोर्ट रहता है.
पनमुनजोम में एक ऐसी जगह भी है जहां दोनों पक्षों के सैनिक स्थाई रूप से एक दूसरे के सामने मौजूद रहते हैं. इसे ज्वॉयंट सिक्योरिटी एरिया कहा जाता है. यहीं पर मार्च, 1991 तक संयुक्त राष्ट्र की कमांड और उत्तर कोरिया के बीच वार्ता हुई थी. ज्वॉयंट सिक्योरिटी एरिया में अनोखा कॉन्फ्रेंस रूम है जो दोनों देशों की ज़मीन पर है.
बीबीसी विशेष: उत्तर कोरिया से बच भागे, लेकिन...
दक्षिण कोरिया में कैसी है मुसलमानों की ज़िंदगी?
दोनों कोरियाई देश
कॉन्फ्रेंस रूम के एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचने वाला व्यक्ति हकीकत में दोनों देशों की सीमाएं पार कर रहा होता है. न्यूयॉर्क के थिंकटैंक एशिया सोसायटी के आइजैक फिश स्टोन पनमुनजोम की यात्रा कर चुके हैं. वे बताते हैं कि कॉन्फ्रेंस रूम में एक ऐसी लकीर है जो दोनों कोरियाई देशों को एक दूसरे से अलग करती है.
आइजैक फिश स्टोन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि दोनों कोरियाई देश यहां आने वाले सैलानियों को कॉन्फ्रेंस रूम के भीतर एक दूसरे की सरहद पांच-छह फुट तक पार करने की इजाजत देते हैं. लेकिन हकीकत तो ये है कि इस पुराने गांव में अब कुछ भी नहीं बचा है.
सालों तक पनमुनगोम केवल दोनों देशों की अंतराष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाला केवल एक गांव ही था. लेकिन वक्त के साथ-साथ उत्तर कोरिया से दक्षिण की तरफ़ पलायन करने वाले लोगों के लिए ये एक दरवाज़े की तरह हो गया. यहां सैंकड़ों उत्तर कोरियाई लोगों ने अपनी जान गंवाई.
क्या ट्रंप के पास वाक़ई कोई 'परमाणु बटन' है?
खिलाड़ी के हारने पर उत्तर कोरिया क्या सज़ा देता है?
रिस्क टूरिज़्म
लेकिन जब उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव बढ़ने लगा और पनमुनजोम में दोनों देशों की वार्ताएं होने लगीं तो देसी और विदेशी सैलानियों की इस जगह में दिलचस्पी बढ़ने लगी. अब ये जगह एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर मशहूर है.
हालांकि पनमुनजोम घूम चुके लोगों के मुताबिक इस बात से फर्क पड़ता है कि आप सरहद के किस तरफ़ से आए हैं. आइजैक फिश स्टोन का कहते हैं कि पनमुनजोम की लोकप्रियता इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि दोनों देशों ने इसका इस्तेमाल अपने प्रॉपैगैंडा के लिए किया है. वे इसके जरिए खुद को दूसरे से बेहतर दिखलाने की कोशिश करते हैं.
अगर कोई यहां दक्षिण कोरिया की तरफ़ से आता है तो कई तरह के दस्तावेज़ों पर दस्तखत कराए जाते हैं और किसी दुर्घटना की सूरत में दक्षिण कोरियाई सरकार इसकी ज़िम्मेदारी नहीं लेना चाहती लेकिन उत्तर कोरिया की तरफ़ से यहां आने पर माहौल उत्सव जैसा लगता है.
उ.कोरिया- द. कोरिया के बीच हॉटलाइन चालू
'किम जोंग, मेरे पास और बड़ा बटन है'
एकीककरण की उम्मीद
स्टोन फिश बताते हैं कि जब वे यहां एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के तौर पर पहुंचे थे तो पनमुनजोम में माहौल पार्टी जैसा था. उत्तर कोरिया के तरफ़ सीमा पर एक ऐसी जगह है जहां लोग सॉवरेनियर्स खरीद सकते हैं, जैसे की रिंग वगैरह. यहां आने वाले सैलानी उत्तर कोरियाई शराब का भी मजा ले सकते हैं.
ये शराब जिनसेंग से बनी होती है और यहां एक ऐसी शराब भी मिलती है जिसमें सांप का ज़हर होता है. पास ही दोरासान रेलवे स्टेशन है जहां से प्योंगयांग और सोल के लिए ट्रेन सेवाएं मिलती हैं. एक प्लेटफॉर्म है जहां दोनों देशों की सीमा लगती है. बहुत से लोगों को ये उम्मीद है कि एक दिन दोनों कोरियाई देश एक हो जाएंगे.
'उत्तर कोरिया की जेल में मैंने शव गाड़े'
द. कोरिया पर नरम क्यों हुए किम जोंग?
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)