क्या म्यांमार संकट के बीच UN के विशेष दूत के दौरे से निकलेगा कोई रास्ता?
म्यांमार की राजनीति में पिछले साल से उथल-पुथल मची हुई है। वहां मिलिट्री ने Aung San Suu की चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंककर, तख्तापलट कर दिया था।
नाएप्यीडॉ, 16 अगस्त : म्यांमार की राजनीति में वर्तमान में उथल-पुथल मची हुई है। इस देश में पिछले साल से ही देश की राजनीति में मिलिट्री का घोर दखल जारी है। सैन्य शासन वाले म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सूकी (Aung San Suu Kyi) को वहां की कोर्ट ने छह साल की सजा सुनाई है। आंग सान को भ्रष्टाचार के चार मामलों में दोषी पाया गया, जिसके बाद उनको यह सजा सुनाई गई। इन सबके बीच म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत नेलेन हेजर ने पिछले अक्टूबर में पद पर नियुक्त होने के बाद पहली बार दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र की यात्रा की। नेलेन हेजर की यह यात्रा सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नवीनतम आह्वान के बाद हुई।
म्यांमार संकट पर निकलेगा कोई रास्ता?
संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत नेलेन दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र का ऐसे समय पर दौरे पर थीं, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी)ने हिंसा और संघर्षग्रस्त देश उत्पन्न मानवीय संकट को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, "हेज़र बिगड़ती स्थिति और तत्काल चिंताओं के साथ-साथ अपने जनादेश के अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
अपदस्थ नेता आंग सान सूकी को सजा
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की बात करें तो म्यांमार इस वक्त घोर राजनीतिक संकट की दौर से गुजर रहा है। यहां देश की अपदस्थ नेता आंग सान सूकी को वहां की कोर्ट ने छह साल की सजा सुना दी है। वहां की स्थिति दयनीय हो चुकी है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत नेलेन हेजर के दौरे पर विशेष जानकारी नहीं दी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यूएन की विशेष दूत जेल में बंद पू्र्व नेता आंग सान सू की से मुलाकात करेंगी? सू की को भ्र्ष्टाचार के कई आरोपों में दोषी ठहराया गया था।
राजनीति का बड़ा चेहरा आंग सान सूकी
बता दें कि, 77 साल की आंग सान सूकी म्यांमार की राजनीति का बड़ा नाम रही हैं। लेकिन अब उन पर चुनाव उल्लंघन से लेकर भ्रष्टाचार तक के कुल 18 मामले दर्ज हैं। अब तक आंग सांग सू की खुद पर लगे आरोपों को फर्जी बताकर नकारती रही हैं। वे पहले से जेल में बंद हैं और उनको दूसरे केसों में 11 साल की जेल हो चुकी है।
म्यांमार में राजनीतिक संकट
म्यांमार के सैन्य शासकों ने देश में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए अप्रैल 2021 में पांच सूत्री आसियान योजना पर सहमति जताई, जिसमें हिंसा को तत्काल रोकना और सभी पक्षों के बीच बातचीत शामिल है। लेकिन देश की सेना ने योजना को लागू करने के लिए काफी कम प्रयास किए हैं। जिसके कारण म्यांमार बुरे दौर से गुजर रहा है। वहीं संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने इसे गृहयुद्ध करार दिया है।
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