दादी मां को आठ सालों तक बनाए रखा गुलाम, ऑस्ट्रेलिया में भारतीय दंपति की दिल दहला देने वाली कहानी
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में तामिलनाडु की बुजुर्ग महिला को आठ सालों तक बंधक बनाए रखने के आरोप में भारतीय कपल को सजा सुनाई गई है।
मेलबर्न, जुलाई 23: ऑस्ट्रेलियाई में एक भारतीय दंपति को दादी की उम्र की महिला को आठ सालों तक कैद रखने के जुर्म में आठ सालों की सजा सुनाई गई है। दंपति ने पूरे आठ सालों तक अपने घर में बुजुर्ग महिला को कैद कर रखा था और उनके साथ गुलामों जैसा सलूक करता था। ऑस्ट्रेलियन पुलिस के मुताबिक, काफी बुजुर्ग हो चुकीं दादी मां जैसी महिला को आरोपियों ने नौकर बना रखा था और उनकी स्थिति काफी खराब हो गई थी।
दादी मां को कर रखा था कैद
ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय दंपति कंदासामी और उनकी पत्नी कुमुथनी कन्नन को ऑस्ट्रेलियाई कोर्ट ने मानवता के खिलाफ जुर्म में दोषी ठहराया है और दोनों को आठ साल और 6 साल की कठोर सजा सुनाई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस तमिल दंपति ने मेलबर्न स्थिति माउंट बेवर्ली में अपने घर में महिला को कैद कर रखा और उनसे नौकरों का काम करवाया जाता था। एटॉर्नी के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई का ये पहला मामला है, जब किसी अदालत ने घरेलू दासता के मामले में सुनवाई करते हुए सजा सुनाई है और कोर्ट ने इस मामले को मानवता के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध ठहराया है और ये पहला मामला है, जब किसी को इतने लंबे अर्से तक गुलाम बनाकर रखा गया था।
दादी मां से क्रूरता की हद
ऑस्ट्रेलियन पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के घर से बेहद सनसनीखेज सीसीटीवी वीडियो मिला है, जिसमें दिख रहा है कि आरोपियों ने बूढ़ी महिला को एक जर्जर कमरे में रखा था और काम ना कर पा पाने पर उनके ऊपर उबलती हुई चाय फेंका जाता था। पुलिस ने कहा कि 'बेहद कमजोर हो चुकी बूढ़ी महिला काम करने में असमर्थ थी, जिसको लेकर उसे छड़ी से पीटा जाता था।' इन सबूतों को देखने के बाद बुधवार को विक्टोरिया के सुप्रीम कोर्ट ने 57 साल के कंडासामी को 6 साल की सजा और उसकी पत्नी कुमुथनी कन्नन को 8 साल की सजा सुनाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ये पूरा वाकया 2007 से 2015 के बीच का है, जिसका फैसला अब सुनाया गया है।
दादी ने सुनाई रुलाने वाली कहानी
ऑस्ट्रेलियन पुलिस के मुताबिक, बुजुर्ग महिला अंग्रेजी नहीं बोल पाती थी और एक ट्रांसलेटर की मदद से उसने पुलिस को अपनी रुलाने वाली कहानी सुनाई थी। बुजुर्ग महिला ने कहा कि ''उसे एक घंटा से ज्यादा सोने पर पीटा जाता था। उससे जबरदस्ती घर का खाना बनवाया जाता था, घर साफ करवाया जाता था और घर के बच्चों को 23 घंटों तक देखरेख करने के लिए कहा जाता था। बुधवार को पुलिस ने फैसला आने के बाद एक सीसीटीवी फूटेज जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जिस जर्जर घर में बुजुर्ग महिला को रखा जाता था, उसका किराया सिर्फ साढ़े तीन डॉलर था और उस घर की स्थिति काफी ज्यादा खराब थी।
कैसा था बुजुर्ग महिला का घर ?
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस के मुताबिक, जिस कमरे में बुजुर्ग महिला आठ साल तक खाती और सोती थी, वो एक कबाड़खाना था, जिसमें कई पुराने बक्से रखे हुए थे। कमरे में एक आलमारी रखी हुई थी और एक चारपाई को रखा गया था, जिसपर बुजुर्ग महिला आठ सालों तक सोती रही।
2005 में ऑस्ट्रेलिया आई थी महिला
रिपोर्ट के मुताबिक, 2005 में बुजुर्ग महिला को काम कराने के लिए ये दंपति भारत से लेकर ऑस्ट्रेलिया आया था और फिर ऑस्ट्रेलिया में उन्हें गुलाम बनाकर रखने लगा। रिपोर्ट के मुताबिक, 2007 में महिला का पासपोर्ट एक्सपायर हो गया था, जिसके बारे में उसे कुछ भी नहीं पता था और वो गुलामों की तरह रहने को मजबूर थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस बात को माना कि ''दंपति की योजना शुरूआत में बुजुर्ग महिला को गुलाम बनाने की नहीं थी, लेकिन धीरे धीरे उनके मन में महिला को बंधक बनाने का विचार आ गया था और उन्होंने मानवता के खिलाफ बहुत बड़ा अपराध किया है''। कोर्ट ने इस घटना को, बुजुर्ग महिला का अपमान, समाज के खिलाफ, अपमानजनक और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन' बताया है।
मुख्य आरोपी थी पत्नी
कोर्ट की ज्यूरी ने इस घटना की सुनवाई के दौरान पत्नी कुमुथनी को मुख्य आरोपी ठहराया और कहा कि उसी के इशारे पर बुजुर्ग महिला के साथ अत्याचार किया गया और महिला ने ही अपने पति के मन में बुजुर्ग महिला को बंधक बनाने की बात भरी थी। कोर्ट ने कहा कि ''महिला कुमुथनी बुजुर्ग महिला के पैरों पर खौलता हुआ पानी फेंक देती थी, उसे पीटती थी, चेहरे पर गर्म चाय फेंक देती थी और एक बार बुजुर्ग महिला के सिर पर गर्म करी भी फेंका गया था''। कोर्ट ने कहा कि ''दंपति ने बुजुर्ग महिला को 'दास' बनाकर रखा और करीब करीब उसकी जान ही ले ली थी। उसे सिर्फ एक घंटे सोने दिया जाता था, जो क्रूरतम है''। कोर्ट में बुजुर्ग महिला ने कहा कि, कभी कभी उसकी मालकिन गर्म कॉफी पी रही होती थी और उससे गुस्सा होकर उसके मुंह पर गर्म कॉफी फेंक दिया करती थी।''
महिला पर अत्याचार
कोर्ट में सुनवाई के दौरान बुजुर्ग महिला ने कहा कि ''खाना खाने के दौरान उसकी मालकिन कई बार कहती थी कि कढ़ी अच्छी नहीं बनी है और फिर उसके सिर पर उड़ेल देती थी।'' डॉक्टरों ने जांच के दौरान पाया कि पीड़ित महिला का वजन घटकर सिर्फ 40 किलो का रह गया था और वो कई बार बेहोश हो जाती होगी। जब महिला को रेस्क्यू किया गया था, उस वक्त भी वो घर में बेहोशी की हालत में मिली थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान महिला कुमुथनी को 'लगातार झूठ बोलने वाली महिला' कहा। कोर्ट में साबित हुआ कि 'एक बार बुजुर्ग महिला को बाथरूम में बंदकर कुमुथनी अपने बच्चों के साथ कंसर्ट चली गई थी'। सुनवाई के दौरान डॉक्टरों ने कहा कि ''बुजुर्ग महिला शारीरिक तौर पर काफी बीमार हो गई थी और उसे जल्द से जल्द इलाज की जरूरत है''। डॉक्टरों ने कोर्ट को बताया कि ''बुजुर्ग महिला को काफी कम खाना खाने में दिया जाता था, जिससे उसकी स्थिति काफी नाजुक हो गई थी।'' आपको बता दें कि, इस घटना के सामने आने के बाद पूरे ऑस्ट्रेलिया में तहलका मच गया था और फैसला आने के बाद ऑस्ट्रेलिया के लोगों ने खुशी जताई है। ऑस्ट्रेलिया के लोगों के बीच ये महिला 'दादी मां' के नाम से प्रसिद्ध हो गई थी, जिनकी देखभाल फिलहाल ऑस्ट्रेलियन सरकार कर रही है।
VIDEO: भारत के करीबी दोस्त ने बना डाला 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान, 1900 KM प्रति घंटे है रफ्तार