म्यांमार में सुषमा स्वराज: आंग सान सूची से मिलीं विदेश मंत्री, दोनों देशों के बीच 7 समझौतों पर हस्ताक्षर
नेपिता। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दो दिन के दौरे के लिए म्यांमार पहुंची हैं। दोनों देशों के बीच शुक्रवार को 7 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। भारत और म्यांमार के बीच द्विपक्षीय मुलाकात के साथ रोहिंग्या मुद्दा पर बातचीत होगी। सुषमा स्वराज ने अपनी म्यांमार स्टेट काउंसलर आंग सान सूची से मुलाकात की। म्यांमार के रखाइन प्रांत से पलायन हुए रोहिंग्याओं का मुद्दा पूरी दुनिया में छाया हुआ है, जिसके लिए सूची को आलोचना का सामना करना पड़ा है। म्यांमार से अब तक करीब 7 लाख रोहिंग्या मुसलमान पलायन हो चुके हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गुरुवार को म्यांमार पहुंची थीं, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति यू विन मिंत से मुलाकात कीं। म्यांमार भारत के लिए एक बड़ा स्ट्रैटजिक देश है, जिससे भारत के नॉर्थ वेस्टर्न राज्यों की सीमाएं लगती है। म्यांमार 1,640 किमी भारत के साथ बॉर्डर शेयर करता है।
म्यांमार में भारतीय राजदूत विक्रम मिश्री और म्यांमार के स्थायी विदेश सचिव यू मिंत थु ने राजधानी नेपिता पहुंचने पर सुषमा स्वराज की आगवानी की। भारत के एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए म्यांमार एक महत्वपूर्ण साझेदार मुल्क है।
रोहिंग्या संकट के बाद भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की म्यांमार की यह पहली यात्रा है। म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंसा के बाद अब तक करीब 7 लाख रोहिंग्या मुसलमान अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं। हिंसा के बाद म्यांमार के रोहिंग्या जनजाति के करीब 6 लाख लोगों ने बांग्लादेश में शरण ली है, जिसे यूएन ने अब तक का सबसे बड़ा मानवीय संकट माना है।