भारत के लिए श्रीलंका ने खारिज की चीन की ये अपील
श्रीलंका की ओर से इससे पहले चीन को कोलंबो बंदरगाह पर पनडुब्बी रखने की इजाजत दी गई थी। ये मामले अक्टूबर 2014 का है।
नई दिल्ली। श्रीलंका ने चीन की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कोलंबो बंदरगाह में एक पनडुब्बी को रखने के लिए कहा था। कोलंबो में दो अधिकारियों की ओर से चीन की अपील को खारिज कर दिया गया। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के दौरे के मद्देनजर श्रीलंकाई सरकार की ओर से ये कदम उठाया गया।
पीएम मोदी के श्रीलंका दौरे का असर
श्रीलंका की ओर से इससे पहले चीन को कोलंबो बंदरगाह पर पनडुब्बी रखने की इजाजत दी गई थी। ये मामले अक्टूबर 2014 का है। उस समय श्रीलंका के इस कदम को भारत सरकार के खिलाफ अहम कदम के तौर पर देखा जा रहा था। कहा ये भी गया था कि क्या श्रीलंका और चीन के बीच रिश्ते बदल रहे हैं। हालांकि अब मामला बिल्कुल बदल गया है और प्रधानमंत्री मोदी के श्रीलंका के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचने के दौरान श्रीलंका की ओर से चीन को साफ तौर से चीन की अपील ठुकरा दिया गया है।
पीएम मोदी गुरुवार को ही कोलंबो पहुंचे हैं। जहां उनकी अगवानी के लिए श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी, श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के साथ गंगारमाया मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की। दूसरी ओर श्रीलंका के अधिकारियों की ओर से कहा गया कि उन्होंने किसी भी समय चीन की पनडुब्बी रखने की अपील को मानने से इंकार कर दिया। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने चीनी पनडुब्बी को कोलंबो बंदरगाह में रखे जाने की अपील को खारिज किए जाने की पुष्टि की है। बता दें कि चीन ने 16 मई को पनडुब्बी की तैनाती के लिए श्रीलंकाई सरकार से अपील की थी हालांकि उनकी अपील को सिरे से खारिज कर दिया गया है।
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