श्रीलंका में बिगड़े हालात, कोलंबो में लगा कर्फ्यू, गोटाबाया सिंगापुर जाने को तैयार
जब गोटाबाया मालदीव पहुंचे तो वहां भी उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया। अब खबर है कि वे, वहां से सिंगापुर के लिए रवाना होंगे। कोलंबो में (Sri Lankan govt imposes a curfew in Colombo) कर्फ्यू लगा हुआ है।
कोलंबो, 14 जुलाई : श्रीलंका में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच देश में कर्फ्यू (Sri Lankan govt imposes a curfew in Colombo) लगा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में आज दोपहर 12 बजे 15 जुलाई के 5 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है। बता दें कि देश में आर्थिक संकट के बीच राजनीतिक संकट उत्पन्न होने से देश की हालात और भी अधिक खराब होते जा रहे हैं। वहीं, जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने आधिकारिक आवासों को खाली करने का ऐलान किया है। दूसरी तरफ राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है। वहीं, वे मालदीव से सिंगापुर जाने के लिए तैयार बैठे हैं। खबर है कि उनका एक निजी विमान उन्हें सिंगापुर ले जाने के लिए मालदीव पहंचा है।
कर्फ्यू लग गया है...
देश के राजनीतिक हालात बिगड़ गए हैं, कोलंबो मे कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अभी तक दिए बता दें कि, गोटाबाया राजपक्षे ने 2019 में प्रचंड जीत हासिल की थी,लेकिन देश की वर्तमान हालात को देखते हुए उन्होंने अपनी सारी पॉपुलैरिटी को एक ही झटके में गवां दिया। प्रदर्शन के बाद से राष्ट्रपति गोटाबाया के देश छोड़ने की कोशिश कर रहे थे।
अमेरिका ने गोटाबाया को वीजा देने से इनकार किया था
बता दें कि, अमेरिका ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के वीजा अनुरोध को खारिज कर दिया था। जानकारी के मुताबिक, गोटबाया श्रीलंका में मचे घमासान के बीच देश छोड़कर अमेरिका जाना चाहते थे। खबर के मुताबिक, गोटबाया राजपक्षे के पास श्रीलंका और अमेरिका की दोहरी नागरिकता थी, लेकिन उन्होंने 2019 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपनी अमेरिका की नागरिकता छोड़ दी थी।
मालदीव में प्रदर्शन
जब गोटाबाया मालदीव पहुंचे तो वहां भी उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया। अब खबर है कि वे, वहां से सिंगापुर के लिए रवाना होंगे।
परिवारवाद ने श्रीलंका को बर्बाद किया
बता दें कि, श्रीलंका में राजनीतिक हालात देश में आर्थिक संकट आने के बाद से काफी बिगड़ गए हैं। राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा हो चुका था, तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के आवास को जला दिया गया था। इससे वहां राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है।
अब क्या होगा देश का
इन हालातों में वहां की जनता क्या तय करती है, यह तो समय ही बताएगा। हालांकि, खबर है कि प्रदर्शनकारियों ने आधिकारिक आवासों से दूर जाने का फैसला किया है।