राजपक्षे परिवार की गलत नीतियों की कीमत जानवर भी चुका रहे! श्रीलंका में चारे की कमी से हो गई 7 घोड़ों की मौत
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पौष्टिक भोजन ना मिलने के कारण घोड़े कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ये सभी घोड़े पुलिस के माइंटेड डिवीजन के थे। इन घोड़ों की मौतें फरवरी, अप्रैल, अक्टूबर और नवंबर महीनों में हुई हैं।
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श्रीलंकाई पुलिस के 7 घोड़ों की मौत चारे की कमी से हो गई है। श्रीलंका पुलिस माउंटेड डिवीजन की एक अधिकारी ने दावा किया कि चारे के आयात पर लगे प्रतिबंध की वजह से पुलिस को घोड़ों को खिलाने के लिए भर पेट चारा नहीं मिल पा रहा है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पौष्टिक भोजन ना मिलने के कारण घोड़े कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ये सभी घोड़े पुलिस के माइंटेड डिवीजन के थे। इन घोड़ों की मौतें फरवरी, अप्रैल, अक्टूबर और नवंबर महीनों में हुई हैं।
चारे की कमी से हुई घोड़ों की मौत
पुलिस मीडिया के प्रवक्ता निहाल थलडुवा ने इस बात की पुष्टि की है कि सातों घोड़ों की मौत चारे की कमी से हुई है। निहाल थलडुवा ने कहा कि हाल में ही एक घोड़े की मौत आंतरिक चोटों से हो गई है। घोड़े में यह आंतरिक चोट चारे की कमी के कारण हुई थी। जबकि अन्य घोड़े कम पोषण स्तर के कारण कई बीमारियों से पीड़ित बताए जा रहे थे। उन्होंने बताया कि ये तमाम मौतें इसी साल हुई हैं।
हर घोड़े की कीमत 35 हजार डॉलर
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इनमें से हर घोड़े की कीमत लगभग 35 हजार डॉलर है। अभी माउंडेट डिवीजन के पास तकरीबन 50 घोड़े और हैं। थलदुवा ने कहा कि इन घोड़ों को जिंदा रखने की पूरी कोशिश की जा रही है। दरअसल इस साल आर्थिक संकट गहराने के बाद विदेशी मुद्रा बचाने के उद्देश्य से श्रीलंकाई सरकार ने कई वस्तुओं के आयात पर रोक लगा दी थी। उनमें पशुओं का चारा और चारा उत्पादन में काम आने वाली कई सामग्रियां भी थीं।
आयात पर लगी रोक के कारण पैदावार हई प्रभावित
उवर्रकों के आयात पर रोक लगने के कारण देश के अंदर चारे की पैदावार बेहद प्रभावित हुई थी। इसके परिणामस्वरूप कृषि उत्पादों में भारी गिरावट देखने को मिली। हालांकि श्रीलंका का वित्तीय संकट अभी भी गंभीर हाल में है, लेकिन हाल में ही चारे के आयात पर लगी रोक को आंशिक रूप से हटा लिया गया है। हालांकि इसके बावजूद अभी भी पुलिस के इन घोड़ों को पूरा भोजन नहीं मिल पा रहा है। पुलिस प्रवक्ता थलदुआ ने बताया कि कई अन्य घोड़े पर्याप्त चारा ना मिलने के कारण बीमारियों का शिकार हो चुके हैं।
घोड़ों की मौत की होगी जांच
इस बीच माउंटेड डिवीजन ने घोड़ों की मौत की जांच कराने का फैसला किया है। जांच का मकसद मौत के कारण को ठोस रूप से सुनिश्चित करना है। थलदुआ ने कहा कि इस पर शोध किये जाने की जरूरत है क्योंकि माउंटेड डिवीजन के पास सभी घोड़े यूरोप या ऑस्ट्रेलिया से लाए गए हैं। ऐसे घोड़े कई बार जलवायु परिवर्तन के कारण भी बीमार पड़ जाते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि वे यहां आने के इन घोड़ों ने अपना भोजन कम कर दिया हो।
दवाओं की कमी से हुई घोड़ों की मौत?
आपको बता दें कि श्रीलंका में आर्थिक संकट की वजह से जरूरी दवाइयों का भी अभाव है। हालांकि पुलिस प्रवक्ता ने इनकार किया कि घोड़ों की मौत दवा न मिलने के कारण हुई। उन्होंने कहा कि देश में भले ही दवा की कमी है लेकिन घोड़ों के इलाज के लिए डॉक्टर और दवा दोनों हैं।