क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

श्रीलंका ने चीन को दिया तगड़ा झटका, 'भारत पहले' की रणनीति पर चलेगा

Google Oneindia News

नई दिल्ली- चीन हिंद महासागर में भारत को घेरने के लिए श्रीलंका को अपनी गिरफ्त में लेने की कोशिशें कर रहा था। उसने भारत के पड़ोसी मुल्क के साथ एक बड़ा पोर्ट डील साइन किया था और माना जा रहा था कि इसके जरिए धीरे-धीरे चीन वहां अपनी नेवी की गतिविधियों को बढ़ाएगा। लेकिन, अब श्रीलंका ने बदले सियासी हालात में ड्रैगन को जोर का झटका दे दिया है और उस समझौते को आधिकारिक रूप से एक भूल बता दिया है। यही नहीं श्रीलंका की सरकार ने साफ किया है कि अगर उसे विदेश नीति में किसी एक को चुनना ही पड़ेगा तो उसके लिए 'भारत पहले' होगा और यही उसकी विदेशी नीति होगी।

Recommended Video

Sri Lanka का China को झटका, कहा- हमारे लिए 'India first' | वनइंडिया हिंदी
श्रीलंका ने चीन से दो टूक कहा- 'भारत पहले'

श्रीलंका ने चीन से दो टूक कहा- 'भारत पहले'

श्रीलंका की नई सरकार ने साफ किया है कि उसकी विदेश नीति 'तटस्ठ' होगी, लेकिन सामरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर उसका स्टैंड 'भारत पहले' वाला होगा। यह बात श्रीलंका के विदेश सचिव जयनाथ कोलोम्बागे ने कही है। श्रीलंका के एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कोलोम्बागे कहा है कि, 'राष्ट्रपति (गोटबाया राजपक्षे) ने कहा है कि सामरिक सुरक्षा के मामलों में हम 'भारत पहले' वाली नीति पर चलेंगे। हम भारत की रणनीतिक सुरक्षा के लिए एक खतरा नहीं बन सकते हैं और हमें बनना भी नहीं चाहिए। हमें भारत से लाभ लेने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जहां तक सुरक्षा का संबंध है आप हमारी पहली प्राथमिकता हैं, लेकिन आर्थिक तरक्की के लिए मुझे दूसरे लोगों से भी करार करना पड़ेगा।' उन्होंने साफ किया कि 'तटस्थ' विदेश नीति का पालन करते हुए भी श्रीलंका भारत के सामरिक हितों की रक्षा करेगा।

हंबनटोटा बंदरगाह चीन को लीज पर देना भूल- श्रीलंका

हंबनटोटा बंदरगाह चीन को लीज पर देना भूल- श्रीलंका

जयनाथ कोलोम्बागे श्रीलंका के ऐसे पहले विदेश सचिव हैं, जो सशस्त्र सेना में भी रह चुके हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल की लीज पर चीन को देना एक 'भूल' थी। गौरतलब है कि 2017 में चीन ने कर्ज की भरपाई न होने पर इस बंदरगाह को अपने अधिकार में ले लिया था। राष्ट्रपति गोटबाया पहले भी कह चुके हैं कि पिछली सरकार का यह फैसला गलत था। क्योंकि, सामरिक तौर पर आर्थिक रूप से एक महत्वपूर्ण बंदरगाह को इस तरह से 99 वर्षों के लिए लीज पर देना सही नहीं है।

ईस्टर्न कंटेनर टर्मिनल मुद्दे को सुलझाना चाहता है भारत

ईस्टर्न कंटेनर टर्मिनल मुद्दे को सुलझाना चाहता है भारत

गौरतलब है कि इसी महीने गोटाबाया के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे ने दो-तिहाई बहुमत के साथ चौथी बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। इसके बाद ही भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फौरन ही कोलंबो का दौरा किया था और वहां अपने समकक्ष दिनेश गुनवर्दने से मुलाकात की थी। वैसे राजपक्षे परिवार का अबतक का झुकाव भारत के मुकाबले चीन की तरफ रहा है, लेकिन बदले माहौल में भारत ने वहां पर आई लोकतंत्र में मजबूती को भारत के साथ रिश्तों के लिए एक अवसर के तौर पर देखा है। फिलहाल भारत को ईस्टर्न कंटेनर टर्मिनल के मुद्दे को सुलझाना है, जहां स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के चलते प्रोजेक्ट रुका हुआ है। सूत्रों के मुताबिक आपसी बातचीत में श्रीलंका ने भरोसा दिलाया है कि वह भारत के हितों की रक्षा करेगा, लेकिन जब तक यह हो नहीं जाता, भारत को उसपर दबाव बनाए रखने की जरूरत पड़ेगी। (तस्वीरें फाइल)

इसे भी पढ़ें- चीन के राजदूत सन विडोंग ने फिर बताया भारत को अपना दोस्‍त, बोले-खतरा नहीं अवसर हैं दोनों देशों के रिश्‍तेइसे भी पढ़ें- चीन के राजदूत सन विडोंग ने फिर बताया भारत को अपना दोस्‍त, बोले-खतरा नहीं अवसर हैं दोनों देशों के रिश्‍ते

Comments
English summary
Sri Lanka calls the port deal with China a mistake, will follow 'India first' strategy
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X