चीन को झटका, प्रशांत देशों ने सुरक्षा समझौते को नकारा...
चीन की विस्तारवादी सोच से हर कोई वाकिफ है। वहीं, वह अमेरिका को घेरने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहता है। हां, यह अलग बात है चीन को इससे ज्यादा फायदा नहीं हुआ है।
बीजिंग, 30 मई : चीन को ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका को घेरने के लिए प्रशांत महासागर के 10 देशों के साथ सुरक्षा समझौता करने की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। जानकारी के मुताबिक प्रशांत देशों के दौरे पर गए चीन के विदेश मंत्री वांग यी को खाली हाथ लौटना पड़ा है। वह इसलिए क्योंकि प्रशांत देशों ने चीन के साथ व्यापार और सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है।
प्रशांत
देश
अपने
रवैये
को
लेकर
एकजुट
चीन
इन
10
देशों
के
साथ
मुक्त
व्यापार,
पुलिस
सहयोग
और
आपदा
को
लेकर
व्यापक
समझौता
करना
चाह
रहा
था।
फिजी
के
प्रधानमंत्री
फ्रैंक
बेनिमरामा
ने
कहा
कि
प्रशांत
देश
अपने
रवैये
को
लेकर
एकजुट
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
हमेशा
की
तरह
से
पहले
हम
अपने
10
देशों
के
अंदर
नए
क्षेत्रीय
समझौते
को
लेकर
आपसी
बातचीत
से
आम
सहमति
बनाएंगे।
फिजी
के
प्रधानमंत्री
ने
यह
भी
कहा
कि
वह
चीन
के
साथ
जलवायु
परिवर्तन
और
उत्सर्जन
घटाने
पर
ठोस
प्रतिबद्धता
चाहते
हैं।
अमेरिका,
ऑस्ट्रेलिया
के
बिल
में
सेंधमारी
की
कोशिश
बता
दें
कि,
बीजिंग
ने
सुदूर
इलाकों
में
अपना
राजनयिक
प्रयास
तेज
कर
दिया
है।
बता
दें
कि,
ये
वो
क्षेत्र
हैं
जहां
दो
शक्तिशाली
देश
अमेरिका,
ऑस्ट्रेलिया
अपना
प्रभाव
बनाने
की
दिशा
में
अग्रसर
हैं।
वहीं,
चीन
ने
कहा
है
कि,
द्वीपों
के
साथ
उसका
सहयोग
किसी
तीसरे
देश
के
लिए
नहीं
है।
सोमवार
को
चीन
के
विदेश
मंत्री
वांग
यी
ने
चीनी
राष्ट्रपति
शी
जिनपिंग
के
संदेश
को
सबके
समक्ष
रखा।
शी
ने
अपने
लिखित
संदेश
में
कहा,
चीन
हमेशा
से
प्रशांत
द्वीप
देशों
के
लिए
एक
अच्छा
दोस्त,
भाई
और
भागीदार
रहेगा,
चाहे
अंतरराष्ट्रीय
स्थिति
कितनी
भी
बदल
जाए।
शी
जिनपिंग
ने
कहा,
चीन
सभी
देशों
की
समानता
के
लिए
प्रतिबद्ध
है।
वह
हमेशा
छोटे,
बड़े
देशों
के
साथ
मैत्रीपूर्ण
संबंध
विकसित
करने
की
दिशा
में
अपनी
सिद्धांतों
के
साथ
आगे
बढेगा।
इन
विषयों
पर
बनी
सहमति
फिजी
की
राजधानी
सुवा
में
आयोजित
बैठक
में,
विदेश
मंत्री
वांग
ने
कहा
कि
मीटिंग
में
पांच
क्षेत्रों
पर
सहमति
जताई
गई
है,
लेकिन
हर
क्षेत्र
में
आम
सहमति
बनाने
के
लिए
चर्चा
की
आवश्यकता
है।
रॉयटर्स
के
मुताबिक,
जिन
पांच
क्षेत्रों
पर
सहमति
बनी
है,
उनमें
कोविड
-19
महामारी
के
बाद
आर्थिक
सुधार
और
कृषि
और
आपदा
से
संबंधित
विषय
शामिल
थे।
लेकिन
इनमें
सुरक्षा
का
विषय
शामिल
नहीं
था।
बता दें कि, फिजी के अलावा समोआ, टोंगा, किरिबाती, पापुआ न्यू गिनी, वानुअतु, सोलोमन द्वीप, नीयू और वानुअतु के मंत्रियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया।
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