रहस्यमयी तरीके से विलुप्त हो रहा है शनि ग्रह का छल्ला, फिर भी कुछ वैज्ञानिक खुश क्यों हैं ? जानिए
न्यूयॉर्क, 31 मार्च: शनि ग्रह का बहुत सुंदर और दिव्य दिखने वाल छल्ला आखिरकार पूरी तरह से विलुप्त हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने लंबी रिसर्च के बाद इसकी भविष्यवाणी की है। दरअसल, शनि ग्रह के चारों और दिखने वाला यह छल्ला, जिस रहस्यमयी अंदाज में बना था, उसी तरह से वह समाप्त भी हो रहा है। खगोल विज्ञान के मुताबिक यह छल्ला ज्यादा पुराना नहीं है और जब यह बना होगा, उस समय धरती पर डायनासोर भी विलुप्त नहीं हुए होंगे और एक तरह से उन्हीं का साम्राज्य रहा होगा। खगोल वैज्ञानिकों ने इस छल्ले के पूरी तरह से गायब होने की एक पूरी टाइमलाइन बनाई है, लेकिन कुछ वैज्ञानिक शोध के इस नतीजे को लेकर खुश भी हो रहे हैं।
कब और किस चीज से बना है शनि का छल्ला ?
शनि ग्रह का छल्ला या रिंग चट्टान, बर्फ और धूल कणों से मिलकर बना हुआ है। वैज्ञानिक अनुमानों के मुताबिक यह छल्ला 1 करोड़ से लेकर 10 करोड़ साल पहले ही बना है, जो कि ब्रह्मांडीय तौर पर काफी युवा है। यानी ये ऐसे समय की बात है, जब डायनासोर भी पृथ्वी पर मौजूद थे। वैज्ञानिकों ने लंबे समय में ली गई तस्वीरों के विश्लेषण से अनुमान लगाया है कि यह एक विशेष प्राकृतिक घटना, जिसे 'रिंग रेन' या 'छल्ले की बारिश' की वजह से विलुप्त हो रहा है। प्रकृति की इस अद्भुत घटना की जानकारी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मिशन कैसिनी के तहत मिली है।
क्यों गायब हो रहा है शनि का छल्ला?
'रिंग रेन' की घटना तब होती है, जब ग्रह रिंग या छल्ले में मौजूद पदार्थों को अपनी ओर खींचने लगते हैं या वह छल्ले से बिखरने लगते हैं और उनका वाष्पीकरण शुरू हो जाता है। अगर इसे ज्यादा आसानी से समझें तो शनि ही अपने छल्ले को निगलता जा रहा है। मिशन कैसिनी के दौरान इस ग्रह को काफी विस्तृत तरीके से विश्लेषण किया गया है। खगोल वैज्ञानिकों ने इस दौरान छल्ले से ग्रह की ओर जा रहे पदार्थों की मात्रा का अनुमान लगाया है।
शनि का छल्ला बनने का कारण क्या है ?
पृथ्वी से स्थिर नजर आने वाला शनि का छल्ला क्यों बना, इसके कारणों के बारे में वैज्ञानिक अभी भी निश्चित तौर पर नहीं जानते। हालांकि, सबसे सशक्त सिद्धांत ये है कि अगर यह उतने ही युवा हैं, जितने की प्रतीत होते हैं तो संभवत: ये शनि के किसी पुराने चंद्रमा के उसके बहुत नजदीक आने की वजह से बने हैं, जो इसकी वजह से ब्रह्मांडीय छर्रों में बिखरने शुरू हो गए।
कब तक पूरी तरह से गायब होगा शनि का छल्ला ?
लेकिन, शनि के छल्लों के गायब होने का यह सिलसिला कोई 25-50 साल में पूरा नहीं होने वाला है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अभी जिस तरह से यह गायब हो रहा है तो उसमें 10 करोड़ साल में दिखना बंद हो सकता है। लेकिन, शनि के छल्ले के पूरी तरह से विलुप्त होने की यह पूरी प्रकिया समाप्त होने में मोटे तौर पर 30 करोड़ साल लग जाएंगे।
फिर भी कुछ वैज्ञानिक खुश क्यों हैं ?
कई वैज्ञानिक शनि के छल्ले के गायब होने की प्रक्रिया में लगने वाले समय को लेकर खुश हो रहे हैं। मसलन, जापानी स्पेस एजेंसी के ग्रह वैज्ञानिक जेम्स ओ डोनाघू ने एटलांटिक से इसके विलुप्त होने पर कहा है, 'यह बहुत, बहुत दुखद है।' लेकिन, इसमें एक अच्छी बात भी है, 'मैं बहुत ही खुश हूं कि हम लोग काफी भाग्यशाली हैं कि उन्हें पर्याप्त रूप से देख सकते हैं।'(तस्वीरें- सांकेतिक)