Salmonellosis: कच्चा प्याज खाने से 37 अमेरिकी राज्यों में फैली ये बीमारी, इसके कारण और लक्षण जानिए
वॉशिंगटन, 22 अक्टूबर: अमेरिका के 37 राज्यों में साल्मोनेला इंफेक्शन का प्रकोप फैल गया है। ज्यादातर बच्चे और बुजर्ग पेट से संबंधित इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक यह बीमारी कच्चा प्याज खाने की वजह से हो रही है। साल्मोनेलोसिस एक बैक्ट्रिया से होने वाला रोग है। अमेरिकी अधिकारियों ने लोगों को आगाह किया है कि वह एक खास देश से आयातित प्याज खाने से बचें और घरों में लाल, सफेद या पीले प्याज पड़े हों तो उन्हें फेंक दें। आइए जानते हैं कि साल्मोनेला इंफेक्शन कैसे होता है, इसके लक्षण और इलाज क्या हैं।
साल्मोनेला इंफेक्शन की चपेट में अमेरिका
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने लोगों को सलाह दी है कि वह बिना स्टिकर लगे या बिना पैकेट वाले लाल, सफेद या पीले प्याज फौरन फेंक दें। सीडीसी ने यह कदम तब उठाया है, जब देश में साल्मोनेला इंफेक्शन फैल गया है और वहां के 50 राज्यों में से 37 में 650 से ज्यादा लोग इसकी वजह से बीमार हो गए हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक उन्हें अभी तक यही पता चला है कि यह शिकायत उन प्याजों में ही मिल रही जो मेक्सिको के चिहुआहुआ से आयात की गई है और प्रोसोर्स कंपनी की ओर से पूरे अमेरिका में वितरित की गई है।
कच्चा प्याज खाने को माना जा रहा है कारण
सीडीसी की ओर से जारी बयान में कहा है गया है, 'बीमार लोगों से पूछने से पता चलता है कि 75% लोगों ने अस्वस्थ होने से पहले कच्चा प्याज खाया था या संभवतः कच्चे प्याज वाले व्यंजन खाए थे।' साल्मोनेला इंफेक्शन की वजह से अबतक कम से कम 129 लोगों को वहां अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ा है। हालांकि, सीडीसी ने कहा है कि अबतक इसकी वजह से किसी की जान नहीं गई है। ज्यादातर मामले अगस्त और सितंबर से आने लगे हैं, जिनमें अधिकतर टेक्सास और ओक्लाहोमा राज्यों में सामने आए हैं।
बच्चों और बुजुर्गों को है ज्यादा खतरा
कंपनी ने स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा है कि प्याज को लंबे वक्त तक स्टोर करके रखा जा सकता है, इसलिए संभव है कि यह अभी भी लोगों के घरों में और व्यापारियों के पास पड़ी हो। इसलिए उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वह ताजा लाल, सफेद या पीले प्याज खाने से परहेज करें, खासकर जो चिहुआहुआ से आयात किए गए हैं और प्रोसोर्स कंपनी ने वितरित किए हैं। यह इंफेक्शन छोटे बच्चों और बुजुर्गों को होने का डर ज्यादा रहता है।
साल्मोनेला इंफेक्शन और इसके लक्षण क्या हैं ?
साल्मोनेलोसिस या साल्मोनेला संक्रमण बैक्टीरिया से होने वाला एक जीवाणु-जनित रोग है जो आमतौर पर गैस्ट्रोनॉमिकल बीमारी की वजह बनता है। सीडीसी का कहना है कि कुछ मामलों में इससे टाइफाइड बुखार या पैराटाइफाइड बुखार भी हो सकता है। साल्मोनेला के लक्षणों में डायरिया, बुखार और पेट में ऐंठन जैसी तकलीफ शामिल हैं, जो आमतौर पर दूषित भोजन के जरिए संक्रमित होने के 6 घंटे से लेकर 6 दिन बाद शुरू हो सकते हैं। कुछ मामलों में उलटी, जी मचलना और सिर दर्द की शिकायत भी हो सकती है। वैसे सामान्य तौर पर इसके लक्षण 12 से 36 घंटों में ही दिखने लगते हैं।
क्या साल्मोनेलोसिस गंभीर रोग है ?
साल्मोनेला बैक्ट्रिया युरिन, खून, हड्डयों, जोड़ों और नर्वस सिस्टम (स्पाइनल फ्लूइड और ब्रेन) को भी संक्रमित कर सकता है, जिससे बीमारी गंभीर भी हो सकती है। उलटी और डायरिया की वजह से रोगियों में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए वक्त पर इलाज देना बहुत जरूरी है। (सभी तस्वीरें- सांकेतिक)