चीन पर एस. जयशंकर का बड़ा बयान, कहा- चीन ने धोखा दिया, इसलिए दोनों देशों के बीच बिगड़े संबंध
साओ पाउलो, 21 अगस्तः विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को ब्राजील में चीन को लेकर बड़ा बयान दे डाला। एस जयशंकर ने कहा कि चीन ने भारत के साथ अपने सीमा समझौते की अवहेलना की है। चीन ने बॉर्डर एरिया और गलवान घाटी में जो किया है वह सीमा समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है।
90 के दशक में चीन और भारत के बीच था समझौता
साओ पाउलो में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि अभी यह कोई छिपी बात नहीं है, हम बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं। 1990 के दशक में चीन के साथ हमारे समझौते थे। इसके जरिए सीमा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सैनिकों के लाने पर रोक लगा हुआ था। हम दोनों में से कोई भी प्रतिबंधित इलाकों में सैनिकों की तैनाती न करने पर सहमत हुए थे। हमारे बीच के इस समझौतों का चीन ने उल्लंघन किया।
चीन ने रिश्ता नहीं निभाया इसलिए संबंध खराब
एस जयशंकर ने कहा, "आप जानते हैं चीन में क्या हुआ। उस समस्या का समाधान नहीं किया गया है। यही वजह से है कि हमारे रिश्तों में उठापटक का दौर जारी है।" उन्होंने कहा कि हम रिश्ते दो तरफा रास्ता है। एक स्थायी संबंध एकतरफा रास्ता नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि रिश्ते भरोसे की बुनियाद पर बनते हैं। एक-दूसरे का सम्मान ही रिश्ते को आगे बढ़ाता है। हमें किसी रिश्ते को मजबूती देने के लिए एक-दूसरे के सम्मान की जरूरत होती है मगर चीन के मामले में ऐसा नहीं है।
द. अमेरिकी देशों की यात्रा पर हैं विदेश मंत्री
साओ पाउलो में एक भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि हम आजादी के अमृत महोत्व का जश्न मना रहे हैं और देश में मूड बहुत आशावादी है। यह एक ऐसा भारत है जो बड़ी चीजों में सक्षम है। हमने यूक्रेन-रूस संघर्ष के दौरान एक संगठित प्रयास के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर निकाला। एस जयशंकर दक्षिण अमेरिका में तीन देशों की यात्रा पर हैं। वह पराग्वे और अर्जेंटीना भी जाएंगे।
दो साल पहले हुई थी भीषण झड़प
गौरतलब है कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ 15 जून 2020 को भीषण झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जिसके बाद पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के बिंदुओं पर दोनों सेनाओं ने बल और भारी हथियार तैनात किए थे। चीन ने फरवरी 2021 में आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था कि भारतीय सेना के साथ संघर्ष में पांच चीनी सैन्य अधिकारी और जवान मारे गए थे। हालांकि यह माना जाता है कि मरने वाले चीनी सैनिकों की संख्या अधिक थी। दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर गलवान में शहीद हुए 20 सैन्य कर्मियों के नाम अंकित किये गये हैं।
चीन
में
शी
जिनपिंग
का
एकछत्र
राज
होगा
खत्म!
सबसे
बड़े
विरोधी
नेता
को
मिल
सकती
है
नंबर-2
की
कुर्सी