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एनर्जी डील और मिलिट्री के जरिए पुराने दुश्‍मन पाकिस्‍तान को गले लगा रहा है भारत का दोस्‍त रूस

दक्षिण एशिया में बढ़ रहे अमेरिकी प्रभाव को कम करने के मकसद से अब रूस शीत युद्ध के जमाने के अपने दुश्‍मन के साथ हाथ मिलाने को तैयार है। रूस, पाकिस्‍तान के साथ न सिर्फ सैन्‍य बल्कि कूटनीतिक और आर्थिंक संबंधों को भी आगे बढ़ा रहा है।

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इस्‍लामाबाद। दक्षिण एशिया में बढ़ रहे अमेरिकी प्रभाव को कम करने के मकसद से अब रूस शीत युद्ध के जमाने के अपने दुश्‍मन के साथ हाथ मिलाने को तैयार है। रूस, पाकिस्‍तान के साथ न सिर्फ सैन्‍य बल्कि कूटनीतिक और आर्थिंक संबंधों को भी आगे बढ़ा रहा है। रूस के इस कदम के साथ ही इस क्षेत्र में न‍ सिर्फ नए समीकरण देखने को मिलेंगे बल्कि रूस की एनर्जी कंपनियों के लिए भी एक नया बाजार तैयार हो रहा है। आपको बता दें कि अमेरिका और पाकिस्‍तान के बीच संबंध लगातर बिगड़ते जा रहे हैं और इन सबके बीच ही रूस ने पाकिस्‍तान को गले लगाने का फैसला किया है। 80 के दश्‍क में जब सोवियत- अफगान युद्ध की शुरुआत हुई थी तो उस समय पाकिस्‍तान ने अमेरिकी जासूसों को अफगान बॉर्डर पार कराने में मदद की थी। पाक और रूस के बीच उस समय से ही तनाव आ गया था और रूस ने पाकिस्‍तान से किनारा कर लिया था। अब जो घटनाक्रम सामने आ रहे हैं उसके बाद भारत का सिरदर्द बढ़ना लाजिमी है।

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अमेरिका का प्रभाव कम करने की कोशिश
रूस और पाकिस्‍तान जहां करीब हो रहे हैं तो वहीं चीन उस खाली जगह को भरने में लगा हुआ है जो अमेरिका के जाने के बाद खाली हो गई है। रूस और पाकिस्‍तान के बीच कुछ एनर्जी डिल और मिलिट्री सहयोग, संबंधों को मजबूत करने का काम करेंगे। पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्‍तगीर खान ने कहा है कि दोनों देशों को मिलकर साथ काम करना होगा और भविष्‍य के दरवाजे खोलने होंगे। उनकी मानें तो अभी तक दोनों देशों के बीच के संबंध अफगानिस्‍तान पर आधारित थे। आपको बता दें कि रूस पर आरोप लगते रहे हैं कि उसने अफगानिस्‍तान में तालिबान आतंकियों को पनपने में मदद की थी। अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता को लेकर रूस का का कहना है कि पह हमेशा से शांति वार्ता का पक्षधर रहा है।

पाक डिफेंस मिनिस्‍टर ने किया रूस का दौरा
पिछले माह पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री ख्‍वाजा आसिफ, रूस की यात्रा पर गए थे और दोनों देशों ने आईएसआईएस से लड़ने के लिए मिलिट्री सहयोग का ऐलान किया था। इसके अलावा दोनों देश साल 2016 से शुरू हुई मिलिट्री ट्रेनिंग एक्‍सरसाइज को आगे बढ़ाने पर भी राजी हुए थे और साथ ही रूस ने पाक को चार अटैक हेलीकॉप्‍टर्स बेचने पर भी रजामंदी जाहिर की थी। वहीं पाकिस्‍तान एयरफोर्स के लिए चीनी जेएफ-17 को रूस में बने इंजन देने के लिए भी सौदा हुआ है। रूस और पाकिस्‍तान दोनों ही 10 बिलियन डॉलर की एक एनर्जी डील को सील करने की कोशिशों में लगे हुए हैं। ख्‍वाजा आसिफ की ओर से भी बताया गया है कि चार से पांच पावर प्रोजेक्‍ट्स पर बात चल रही है और ये प्रोजेक्‍ट्स दोनों देशों के रिश्‍तों को मजबूत करने का काम करेंगे। रूस ने पिछले माह एक ऑनरेरी काउंसिल पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वा क्षेत्र में नियुक्‍त की है। यहां पर रूस की कंपनियां एक ऑयल रिफाइनरी और पावर स्‍टेशन के निर्माण के लिए बातचीत कर रही हैं।

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English summary
Pakistan's former adversary Russia is building military, diplomatic and economic ties that could upend historic alliances in the region and open up a fast-growing gas market for Moscow's energy companies.
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