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रूस ने यूक्रेन समर्थक यूरोपीय देशों की कस दी नकेल, गैस पर पुतिन के एक फैसले ने पलटी बाजी

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मास्को, 24 मार्च: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से पश्चिमी देशों ने ताबड़तोड़ प्रतिबंधों का ऐलान करके रूसी अर्थव्यस्था की कमर तोड़ने का इंतजाम कर दिया है। लेकिन, अब पलटवार के तौर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतने ने जो कदम उठाया है, वह अमेरिका और उसके समर्थक पश्चिमी देशों की परेशानी बढ़ाने वाला है। पुतिन ने ऐलान किया है कि वह अपने 'विरोधी' मुल्कों को आगे से सिर्फ रूबल में ही प्राकृतिक गैस बेचेगा, डॉलर या यूरो करेंसी में नहीं। पुतिन के इस घोषणा से रूसी मुद्रा मजबूत होने लगी है। पुतिन का यह फैसला रूसी मुद्रा को मजबूत करेगा, क्योंकि कई यूरोपीय देश प्राकृतिक गैस के लिए पूरी तरह से रूस पर ही निर्भर हैं और उनके पास फिलहाल इस शर्त को मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

विरोधी मुल्कों को रूबल में ही गैस बेचेंगे- पुतिन

विरोधी मुल्कों को रूबल में ही गैस बेचेंगे- पुतिन

बुधवार को कुछ देर के लिए रूसी मुद्रा रूबल तीन हफ्ते के सबसे ऊंचे स्तर यानी 1 अमेरिकी डॉलर के बदले 95 रूबल पर पहुंच गया। हालांकि, यह आखिरकार 100 रूबल पर जाकर स्थिर हो गया। दरअसल, यह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस ऐलान का असर है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह अब से रूस-विरोधी देशों को रूसी मुद्रा रूबल में ही गैस बेचेंगे। रूसी राष्ट्रपति ने इस आदेश को एक हफ्ते में तामील कराने को कहा है और लग रहा है कि इससे रूसी मुद्रा मजबूत होगी, क्योंकि कई यूरोपीय देश (जिनमें से अधिकतर यूक्रेन की आवाज उठा रहे हैं) एनर्जी सप्लाई केलिए अभी भी रूस पर ही निर्भर हैं।

पाबंदियों के बदले पुतिन का बदला

पाबंदियों के बदले पुतिन का बदला

गौरतलब है कि इस महीने रूबल 120 के स्तर तक गिर गया था और इंटरबैंक मार्के में तो यह 150 के स्तर तक चला गया था। 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से रूस को पश्चिमी देशों की ओर से अप्रत्याशित पाबंदियों का सामना करना पड़ रहा है और इससे उसकी अर्थव्यवस्था बहुत ज्यादा मुश्किलों के दौर से गुजरने लगी है। इस युद्ध की शुरुआत से पहले एक डॉलर के मुकाबले 80 रूबल का हिसाब चल रहा था। आपदा में अवसर की तलाश में जुटे पुतिन ने बुधवार को ही बड़े अधिकारियों के साथ बैठक में यह घोषणा की है। पुतिन ने कहा कि रूस 'विरोधी' देशों को रूबल में गैस बेचना शुरू करेगा, क्योंकि विदेश मूल्कों ने रूस की संपत्ति को फ्रीज करके मास्को के भरोसे को तोड़ दिया है। हालांकि, पिछली बैठक में पुतिन ने साफ किया है कि वह पुराने करारों के मुताबिक ही प्राकृतिक गैसों की सप्लाई जारी रखेंगे। 'बदलाव से सिर्फ भुगतान वाली मुद्रा प्रभावित होगी, जो कि अब रूसी रूबल में परिवर्तित हो जाएगा।'

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रूसी गैस की सबसे बड़े आयातकों की लिस्ट

रूसी गैस की सबसे बड़े आयातकों की लिस्ट

यूरोप के देश जो रूसी गैस पर सबसे ज्यादा निर्भर हैं, उनमें बेलारूस, बोस्निया और हर्जेगोविना, नॉर्वे और सर्बिया का 100% आयात मास्को के ही भरोसे है। वैसे बेलारूस तो रूस का खास दोस्त है। बुलगारिया, एस्टोनिया, लातविया जैसे देश भी 70 से 80% तक रूसी आयात के ही भरोसे हैं। हंगरी करीब 65%, फिनलैंड और लिथुआनिया करीब 55%, ग्रीस करीब 50%, रोमानिया लगभग 45% और इटली 40% रूसी गैस के ही भरोसे है। हालांकि, यूके, स्पेन कम मात्रा में आयात करता है। लेकिन, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, फ्रांस, बेल्जियम भी अपनी खपत का एक हिस्सा रूसी गैस पर निर्भर है। (यह जानकारी ओईसी-2019 पर आधारित है। )

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English summary
On Ukraine crisis, Russian President Vladimir Putin announced to sell natural gas to rival countries in roubles only, avenged the sanctions
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