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'कह दें चीन से, भारत के खिलाफ आक्रामकता बर्दाश्त नहीं', अमेरिकी सीनेटर्स ने विदेश मंत्री को भेजा संदेश

बाइडेन प्रशासन की नेशनल सिक्योरिटी पॉलिसी में चीन को लेकर कई सारी चिंताएं जताई गई हैं और अमेरिका के लिए आर्थिक, कूटनीतिक, सैन्य और तकनीकी शक्ति के लिए चीन को एकमात्र प्रतिद्वंदी ठहराया गया है।

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America-India News: भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता को लेकर अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर्स में गुस्सा बढ़ता जा रहा है और डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी के कई प्रभावशाली सीनेटर्स ने अमेरिका के विदेश मंत्री से दो टूक कहा है, कि वो चीन के सख्त लहजे में संदेश दें, कि भारत के खिलाफ आक्रामकता अमेरिका को बर्दाश्त नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, कई प्रभावशाली रिपब्लिकन ,सीनेटर्स ने बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से चीनी नेतृत्व को यह बताने के लिए कहा है, कि हिमालय में भारत और ताइवान के खिलाफ उनकी जबरदस्त आक्रामकता "अस्वीकार्य" है।

अमेरिकी सीनेटर्स ने दिखाया गुस्सा

अमेरिकी सीनेटर्स ने दिखाया गुस्सा

दरअसल, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन हाल ही में चीन की यात्रा करने वाले हैं और उससे पहले रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर्स ने एंटनी ब्लिंकन को चिट्ठी लिखकर चीन को संदेश देने के लिए कहा है। रिपब्लिकन सीनेटर्स ने बीजिंग की आगामी यात्रा से पहले ब्लिंकन और ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन को एक पत्र लिखा है। फ्लोरिडा के मार्को रुबियो के नेतृत्व में रिपब्लिकन सीनेटरों ने विदेश मंत्री से आग्रह किया है, कि वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को प्रोपेगेंडा फैलाने में जीतने न दें और सीसीपी को उसके घोर मानवाधिकारों के हनन, अनुचित व्यापार प्रथाओं, फेंटेनल संकट में अग्रणी भूमिका, और इंडो-पैसिफिक में सहयोगी और भागीदारों के प्रति उसकी आक्रामकता के लिए जवाबदेह ठहराएं"।

चीन के खिलाफ बढ़ता जा रहा आक्रोश

चीन के खिलाफ बढ़ता जा रहा आक्रोश

भारत, अमेरिका समेत विश्व की कई प्रमुख शक्तियों ने अब खुले और संपन्न इंडो-पैसिफिक की स्वतंत्रता बरकरार रखने के लिए तेजी से आवाज उठानी शुरू कर दी है। चीन लगभग सभी विवादित दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करते हैं, लेकिन चीन इन देशों को धमकाता रहता है। वहीं, बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी बनाए हैं, जिसको लेकर भी अमेरिका कई बार अपनी चिंताएं जता चुका है। वहीं, चीन का पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ क्षेत्रीय विवाद भी है। लिहाजा, रिपब्लिकन सांसद ने लिखा है, कि "सीसीपी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उससे आगे अपनी आक्रामकता बढ़ा दी है।" सांसद रूबियो के अलावा इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में सीनेटर चक ग्रासले, बिल कैसिडी, एरिक श्मिट, डैन सुलिवन, केविन क्रैमर, टेड बड, रिक स्कॉट, मार्शा ब्लैकबर्न, लिंडसे ग्राहम, शेली मूर कैपिटो, पीट रिकेट्स, जॉन होवेन और बिल हेगर्टी शामिल हैं।

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'चीन को रोकना सर्वोच्च प्राथमिकता'

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अमेरिका के सीनेटर्स की ये चिट्ठी काफी अहम मानी जा रही है। अमेरिका के सीनेटर्स ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, कि "यह स्पष्ट है, कि महासचिव शी जिनपिंग अपने भू-राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अमेरिका और हमारे सहयोगियों और साझेदारों के खिलाफ जबरदस्ती और आक्रामकता का उपयोग करने के लिए दृढ़ हैं। सीसीपी को इन लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।" उन्होंने ये भी लिखा है, कि बीजिंग में अनुचित व्यापार प्रथाओं और औद्योगिक जासूसी का भी एक लंबा इतिहास रहा है, जिसने अमेरिकी श्रमिकों और हमारी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है, लिहाजा चीन को इन सबको लेकर सख्त लहजे में जवाब देना जरूरी है।

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English summary
Senators of the Republican Party have written a letter to Foreign Minister Antony Blinken, calling China's aggression against India unacceptable.
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