आस्ट्रेलिया में समलैंगिक विवाह पर जनमत संग्रह
सर्वेक्षण के माध्यम से लोग राय जाहिर कर रहे हैं, नतीजा नवंबर में मिलेगा.
ऑस्ट्रेलिया में एक सर्वेक्षण में आम लोगों से पूछा जा रहा है कि समलैंगिक विवाह के लिए क्या क़ानून में बदलाव किया जाना चाहिए.
सर्वेक्षण में अपनी राय ज़ाहिर करने के लिए लोग स्वतंत्र हैं और ऐसा करने के लिए कोई बाध्यता नहीं है.
सर्वेक्षण में 'हां' का विकल्प चुनने के लिए देशभर में रैलियां निकाली जा रही हैं. शनिवार-रविवार को हज़ारों लोगों ने सड़कों पर निकलकर क़ानून में बदलाव के पक्ष में प्रचार किया.
यहां समलैंगिक विवाह को लेकर काफी पहले से बहस चल रही है. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ऐबट समलैंगिक विवाहों के ख़िलाफ़ रहे हैं.
इसके लिए उन्हें काफ़ी विरोध का सामना भी करना पड़ा.
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ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, शुक्रवार 13 अक्टूबर तक एक करोड़ नागरिकों ने वैवाहिक कानून सर्वेक्षण में मतदान किया है, जो कुल पंजीकृत मतदाताओं का 67.5% है.
ऑस्ट्रेलिया को उदारवादी देश माना जाता रहा है, लेकिन साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया ने विवाह अधिनियम 1961 में संशोधन करते हुए समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया था.
समलैंगिक होने को ग़लत क्यों माना जाता है
20 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया प्रांत ने पुरुष समलैंगिकता को क़ानूनी वैधता प्रदान की थी. तस्मानिया ऐसा करने वाला ऑस्ट्रेलिया का अंतिम राज्य था.
इसके बाद पूरे देश में इस बात पर बहस छिड़ गई और अब सर्वेक्षण के ज़रिए जनमत संग्रह कराया जा रहा है.