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पुतिन पर आजीवन नहीं हो सकेगा कोई मुक़दमा, रूसी संसद में बिल पास

रूस की संसद ने उस बिल का समर्थन किया है जिसके मुताबिक़ पुतिन राष्ट्रपति नहीं रहे तो भी उनपर और उनके परिवार के ख़िलाफ़ कोई आपराधिक मामला नहीं चल सकेगा.

By BBC News हिन्दी
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रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन
AFP
रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन

रूसी संसद के निचले सदन डूमा ने एक विधेयक को समर्थन दे दिया है जिसके मुताबिक़ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके परिवार पर उनके राष्ट्रपति नहीं रहने के बाद भी किसी भी तरह का आपराधिक मुक़दमा नहीं चलाया जा सकेगा.

ये उन संवैधानिक संशोधनों में से एक है जिसे जुलाई में एक जनमत संग्रह से सहमति दी गई थी.

पुतिन के समर्थक रूस के दोनों सदनों में बहुमत रखते हैं.

बतौर राष्ट्रपति पुतिन का कार्यकाल साल 2024 में पूरा हो जाएगा लेकिन किए गए संशोधनों के मुताबिक़ वह 2024 के बाद भी दो कार्यकाल यानी 12 साल तक बतौर राष्ट्रपति अपने पद पर बने रहेंगे.

इस बचाव विधेयक के आने के साथ ही पुतिन के राजनितिक भविष्य को लेकर दोबारा चर्चा शुरू हो गई है. साल 2000 से पुतिन रूस की सत्ता के शीर्ष पर हैं और इस दौरान उन्होंने भरपूर शक्ति का प्रयोग किया है.

पुतिन के आलोचक एलेक्सी नवेलनी ने इस विधेयक के आने के बाद ट्वीट किया , ''पुतिन को अभी बचाव विधेयक की क्या ज़रूरत है. ''

इसके बाद नवेलनी ने एक सवाल ट्वीट करते हुए पूछा, ''क्या तानाशाह जब मन चाहे तब पद छोड़ सकते हैं? ''

डूमा में इस विधेयक को तीन बार लाया जाना है. मंगलवार को पहली बार इसे पारित कर दिया गया.

सदन में पुतिन की समर्थक पार्टी यूनाइटेड रशिया पार्टी का बहुमत है. हालांकि वामपंथी सांसदों के 37 वोट इस विधेयक के खिलाफ़ पड़े हैं.

इसके अलावा डूमा में इस विधेयक को दो बार और पढ़ा जाएगा, इसके बाद ये विधेयक फ़ेडरेशन काउंसिल यानी उच्च सदन में जाएगा. इस विधेयक पर आख़िरी मुहर ख़ुद राष्ट्रपति पुतिन लगाएंगे.

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क्या होगा इस विधेयक में?

इस नए इम्युनिटी बिल यानि बचाव विधेयक के तहत पूर्व राष्ट्रपति और उनका परिवार किसी भी तरह की पुलिस तफ़्तीश, पूछताछ के दायरे से बाहर होगा. साथ ही उनकी संपत्तियां ज़ब्त नहीं की जा सकेगीं.

'असाधारण परिस्थितियो में किए गए बड़े अपराध या कथित राजद्रोह' के मामलों को छोड़ दें तो अपने जीवनभर में पूर्व राष्ट्रपति व उनके परिवार पर किसी भी अपराध के लिए मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता.

इस वक़्त केवल एक ही पूर्व रूसी राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ज़िंदा हैं और वो व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी हैं.

विधेयक के लेखकों में से एक और रूस के सांसद पावेल क्रिशनिकोव ने कहा, ''इस विधेयक का उद्देश्य एक राष्ट्रपति को 'गारंटी देना है जो राज्य और समाज की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण' है.

इस साल जुलाई में संवैधानिक परिवर्तनों के लिए किए गए जनमत संग्रह के मुताबिक़ पुतिन 2024 के बाद 6-6 साल के दो कार्यकाल तक अपने पद पर बने रहेंगे. यानी 2036 तक पुतिन ही रूस के राष्ट्रपति होंगे.

विपक्ष इस जनमत संग्रह के नतीज़ों के ख़िलाफ़ है, उनका कहना है कि पुतिन ''आजीवन राष्ट्रपति बने रहना चाहते हैं. ''

हालांकि इस आरोप को पुतिन ख़ारिज करते रहे हैं.

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English summary
Putin will not have a case for life, bill passed in Russian Parliament
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