सारी ताकत युद्ध की तैयारी में झोंक दें! जंग जीतने की क्षमता बढ़ाएं, शी जिनपिंग ने सेना से कहा
सरकारी मीडिया सीसीटीवी के मुताबिक, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन अब सैन्य प्रशिक्षण और किसी भी युद्ध की तैयारी को व्यापक रूप से मजबूत करेगा।
चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) का कहना है कि बीजिंग किसी भी तरह के युद्ध की तैयारी के लिए सैन्य प्रशिक्षण को मजबूत करेगा। केंद्रीय सैन्य आयोग ने स्काई न्यूज ऑस्ट्रेलिया को सूचना दी कि बीजिंग और ताइवान के साथ चल रहे तनाव के बीच शी जिनपिंग ने संयुक्त अभियान कमांड सेंटर की यात्रा के दौरान यह घोषणा की। चीन को लगता है कि देश की सुरक्षा तेजी से अस्थिर हो रही है और ऐसे में सैन्य सुरक्षा को मजबूत करना आवश्यक हो गया है।
चीन सेना को मजबूत करेंगे शी जिनपिंग
वहीं, सरकारी मीडिया सीसीटीवी के मुताबिक, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन अब सैन्य प्रशिक्षण और किसी भी युद्ध की तैयारी को व्यापक रूप से मजबूत करेगा।सरकारी मीडिया संस्थान सिन्हुआ ने शी के हवाले से कहा, कि राष्ट्रपति ने कहा है कि पीएलए को अपनी सारी ऊर्जा युद्ध की तैयारियों में समर्पित कर देना चाहिए। युद्ध की तैयारी करके चीनी सेना को अपनी क्षमता को और अधिक बढ़ाना चाहिए।
युद्ध की तैयारी करेंगे शी जिनपिंग
रिपोर्ट के मुताबिक शी जिनपिंग ने सशस्त्र बलों को 20वीं सीपीसी राष्ट्रीय कांग्रेस के मार्गदर्शक सिद्धांतों को पूरी तरह से अमल में लाने के लिए कहा है। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना को और आधुनिक बनाने के लिए ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया। स्काई न्यूज ऑस्ट्रेलिया की रिपोर्ट के अनुसार, शी जिनपिंग ने सेना को राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करने और पार्टी और लोगों द्वारा सौंपे गए विभिन्न कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने का भी निर्देश दिया।
सेना को आधुनिक बनाएंगे शी जिनपिंग
चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग में सैनिकों को संबोधित करते हुए सेना की वर्दी पहने हुए शी पहले भी इसी तरह की टिप्पणी कर चुके हैं। उनकी कही एक-एक बात से ताइवान और अमेरिका के साथ तनाव बढ़ने का कारण बनता है। बता दें कि, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन ने ताइवान के खिलाफ कठोर रुख अख्तियार किया है। चीन का दावा है कि एक दिन ताइवान चीन के साथ जुड़ जाएगा। अगर ताइपे नहीं माना तो बलपूर्वक उसे हासिल कर लिया जाएगा।
अमेरिका और चीन में ठनी
चीन की इस धमकी के बाद से अमेरिका चीन को झुकाने के प्रयासों में जुट गया है। इन्हीं प्रयासों के तहत वाशिंगटन ने हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी को ताइवान भेजा था। जिसके बाद बीजिंग और वाशिंगटन के बीच ठन गई थी। इसके बाद एक के बाद एक कई अमेरिकी प्रतिनिधियों ने ताइवान का दौरा कर चीन को उकसाने का काम किया। चीन ने धमकी दी थी कि अमेरिका उसे उकसाने का प्रयास कर रहा है। वह एशियाई क्षेत्र में अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहा है।
जर्मनी चांसलर का चीन दौरे से टेंशन बढ़ी?
इन सबके बीच चीन ने सैन्य अभ्यास के नाम पर ताइवान को डराने का काम किया। इस पर अमेरिका भड़क गया और उसने सदैव ताइवान की रक्षा करने की कसम खाई। इसके बाद से चीन और अमेरिका के बीच काफी समय तक नहीं खत्म होने वाली एक गहरी खाई उत्पन्न हो गई है। अभी हाल ही में जर्मनी चांसलर ने ओलाफ शोल्ज ने चीन की यात्रा की थी जिसका अर्थ था कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश चीन के साथ उनका देश व्यापार जारी रखना चाहता है। यह यात्रा लगभग तीन वर्षों में किसी G7 नेता द्वारा चीन की पहली यात्रा थी। यह यात्रा जर्मनी में गहराती मंदी के बीच हुई थी। शायद जर्मन चांसलर की चीन यात्रा से कई यूरोपीय देश खुश नहीं हुए होंगे।