इन महिलाओं को नहीं मिलेगी फाइजर की कोरोना वैक्सीन, अगले हफ्ते बाजार में आने की उम्मीद
नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में Pfizer-BioNTech ने कोविड-19 वैक्सीन बना लेने का दावा किया था, जिसे अब ब्रिटेन सरकार ने मंजूरी दे दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले हफ्ते ये वैक्सीन आम जनता के लिए उपलब्ध हो जाएगी। वैसे तो ये वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित मानी जा रही है। साथ ही ट्रायल के दौरान 90 फीसदी से ज्यादा असरदार साबित हुई है, लेकिन इसे गर्भवती महिलाओं को नहीं दिया जाएगा।
Recommended Video
ये है वैक्सीन नहीं देने की वजह
ब्रिटेन के ज्वाइंट कमेटी ऑन वैक्सीनेशन एंड इम्यूनाइजेशन (JCVI) के मुताबिक ट्रायल के दौरान ये वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित पाई गई है, लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों पर इसका क्या असर पड़ेगा। दुनिया के कई अन्य देशों के ट्रायल डेटा पर उन्होंने नजर डाली, लेकिन वहां पर भी उनको इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली। ऐसे में गर्भवती महिलाएं और जो अगले दो-तीन महीने में मां बनना चाहती हैं, उन्हें ये वैक्सीन नहीं दी जाएगी। इसके लिए जिम्मेदार संस्थानों को एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
बच्चों को भी नहीं दी जाएगी वैक्सीन
JCVI ने कहा कि ऐसा नहीं है गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन लेने की मनाही हमेशा के लिए है। वो इस दिशा में ट्रायल कर रहे हैं, जैसे ही उनके नतीजे आएंगे वैसे ही नई एडवाइजरी जारी कर दी जाएगी। तब तक सभी गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वो वैक्सीन ना लें। इसके अलावा 16 साल से कम उम्र वाले बच्चों पर भी स्टडी जारी है। ऐसे में उनको भी वैक्सीन नहीं दी जाएगी।
मंजूरी देने वाला पहला देश बना ब्रिटेन
वैक्सीन बनाने वाली दोनों कंपनियों जर्मन कंपनी बायोनटेक और अमेरिकी कंपनी फाइजर का कहना है कि उन्हें कोई गंभीर सुरक्षा मुद्दा दिखाई नहीं दिया था। जिसके बाद वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए इजाजत मांगी गई थी। मंगलवार को कंपनी ने ऐलान किया कि उनकी वैक्सीन को ईयू रेगुलेटरी ने इजाजत दे दी है। अभी ये 16 से 65 साल के लोगों को दी जाएगी। अगले हफ्ते इस वैक्सीन के बाजार में आने की उम्मीद है। ब्रिटेन मीडिया का दावा है कि कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देना वाला पहला देश ब्रिटेन ही है।
दावा- अस्थमा के मरीजों को कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं, कम होता है संक्रमण का खतरा