पॉन्जी स्कीम के जरीए निवेशकों की गाढ़ी कमाई डुबोने वाले बर्नार्ड एल मेडॉफ का अमेरिका की जेल में निधन
दुनिया के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी पॉन्जी स्कीम के मास्टमाइंड बर्नार्ड एल मेडॉफ का 14 अप्रैल को अमेरिका की एक जेल में निधन हो गया।
वॉशिंगटन, 15 अप्रैल। दुनिया के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी पॉन्जी स्कीम के मास्टमाइंड बर्नार्ड एल मेडॉफ का 14 अप्रैल को अमेरिका की एक जेल में निधन हो गया। एक दौर था जब वह अमेरिकी निवेशकों के बीच मुनाफा दिलाने की गारंटी के तौर पर जाना जाता था, दुनिया भर में उसकी ख्याति फैल चुकी थी, दुनिया भर में लोग उसके ग्राहक बन रहे थे। देखते ही देखते वह अरबों की दौलत का मालिक बन बैठा। निवेशकों ने उस पर इतना भरोसा किया कि उन्होंने अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई उसके एक इशारे पर निवेश कर दी और फिर जो हुआ उससे आज दुनिया वाकिफ है।
उसने सारे निवेशकों के रुपए उन्हें उच्च मुनाफे के सपने दिखाकर एक पॉन्जी स्कीम में निवेश कर दिये, जिसमें सारे निवेशकों का पैसा डूब गया। उसने निवेशकों को अपने जाल में फंसाकर उनसे 64.8 बिलियन डॉलर ठगे। बर्नार्ड को साल 2008 में गिरफ्तार किया गया और अदालत ने उसे 150 साल जेल की सजा सुनाई, लेकिन वह अपनी सजा पूरी नहीं कर सका और उससे पहले ही उसकी मौत हो गई।
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कई
बड़ी
हस्तियों
को
जाल
में
फंसाया
बर्नार्ड
के
ग्राहकों
में
अमेरिकी
लेखक
और
नोबेल
पुरस्कार
विजेता
एली
विसेल,
फिल्म
निर्माता
स्टीवन
स्पीलबर्ग,
अभिनेता
केविन
बेकन,
कायरा
सेडविक
जैसे
बड़े
नाम
शामिल
थे।
ज्यादा
मुनाफे
का
लालच
देकर
लोगों
को
फंसाया
दरअस्ल
उसने
निवेशकों
को
ऊंचे
रिटर्न
का
लालच
दिया।
वह
लगभग
16
सालों
तक
उस
पॉन्जी
स्कीम
को
चलाता
रहा।
हकीकत
यह
है
कि
उस
स्कीम
में
कोई
ऊंचा
रिटर्न
नहीं
था।
वह
नए
ग्राहक
जोड़ने
के
लिए
पुराने
निवेशकों
का
पैसा
उठाकर
उन्हें
दे
देता
था।
2008 में हुआ खुलासा
साल 2008 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट आई, जिसके बाद निवेशकों ने मेडोफ से अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन उसके पास कोई पैसा नहीं था। उसने लोगों से कहा कि उनका पैसा डूब चुका है। उसकी कंपनी का नाम इनवेस्टमेंट सिक्योरिटीज था जिसे उसने 1960 में लॉन्च किया था।
10 दिसंबर को मेडोफ ने अपने इस काले कारनामे का सच अपने परिवार को बताया, जिसपर उसका परिवार यकीन नहीं कर सका। उसके कहा कि जो दौलत, बंगला, गाड़ी उसके पास थे वह लोगों से पैसे ठगकर उसने कमाए थे।
उसकी गिरफ्तारी ने अमेरिका में उसके ग्राहकों और निवेशकों को भौचक्का कर दिया। उसका बेटा इस यकीन को बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसने साल 2010 में आत्महत्या कर ली, जबकि उसके दूसरे बेटे का साल 2014 में लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया।
उसकी
पॉन्जी
स्कीम
में
निवेश
करने
वाले
कई
निवेशकों
ने
पैसा
डूबने
पर
मौत
को
गले
लगा
लिया।
उसे
सजा
सुनाने
वाले
जज
ने
इस
जालसाजी
को
असाधारण
बुराई
करार
दिया।
इतना
ही
नहीं
कोर्ट
में
उसके
वकील
ने
यहां
तक
कहा
कि,
'मुझे
क्षमा
करें,
मैं
जानता
हूं
कि
मैं
तुम्हें
नहीं
बचा
सकता।'