PM Modi in UAE: भारत और यूएई ने नाम लिए बिना आतंकवाद पर बोला पाकिस्तान पर हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाड़ी देशों के दो दिवसीय दौरे पर हैं और रविवार को उन्होंने यूनाइटेड अरब एमीरेट्स (यूएई) के सुल्तान और यूएई की सेनाओं के डिप्टी कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहन से मुलाकात की। दोनों ने पाकिस्तान का नाम न लेते हुए उस पर हमला बोला है।
अबु धाबी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाड़ी देशों के दो दिवसीय दौरे पर हैं और रविवार को उन्होंने यूनाइटेड अरब एमीरेट्स (यूएई) के सुल्तान और यूएई की सेनाओं के डिप्टी कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहन से मुलाकात की। दोनों नेताओं की ओर से एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया है। इस बयान में दोनों देशों ने पाकिस्तान का नाम न लेते हुए उस पर हमला बोला है। भारत और यूएई दोनों ने ही किसी देश की ओर से आतंकवाद को मिलने वाले समर्थन की आलोचना की है और कहा है कि किसी भी तरह से आतंकवाद पर स्पष्टीकरण नहीं दिया जा सकता है। इसके हर स्वरूप को खत्म करने के लिए कोशिशें हर हाल में करनी होगी।
मजबूती
से
उठाने
होंगे
कदम
भारत
और
यूएई
के
संयुक्त
बयान
में
कहा
गया
है
कि
दोनों
पक्षों
की
ओर
से
इस
बात
को
अहमियत
दी
गई
है
कि
दोनों
देशों
का
समाज
अलग
है।
लेकिन
इसके
बाद
भी
भारत
और
यूएई
को
चरमपंथ
और
आतंकवाद
के
हर
स्वरूप
और
हर
तरह
के
चलन
को
खत्म
करने
के
लिए
एक
मॉडल
को
अपनाना
ही
होगा।
बयान
के
मुताबिक
भारत
और
यूएई
दोनों
ने
ही
आतंकवाद
के
खात्मे
के
लिए
उठाए
गए
कदमों
को
लेकर
एक-दूसरे
की
सराहना
की
लेकिन
साथ
ही
दोनों
देशों
ने
इस
बात
पर
भी
जोर
दिया
कि
अभी
इसके
खात्मे
के
लिए
काफी
काम
करना
है।
भारत
और
यूएई
दोनों
ने
ही
आतंकवाद
के
खिलाफ
लड़ाई
में
मजबूती
से
कदम
उठाने
के
लिए
प्रतिबद्धता
जाहिर
की।
पीएम
मोदी
और
सुल्तान
दोनों
ही
इस
बात
पर
रजामंद
हुए
हैं
कि
आतंकवाद
और
चरमपंथ
को
सिर्फ
सेनाओं
की
मदद
से
ही
नहीं
हराया
जा
सकता
है
बल्कि
इसके
खिलाफ
एक
संगठित
पहल
करनी
होगी।
इस
पहल
में
इंटरनेट
और
सोशल
मीडिया
के
जरिए
आतंकी
और
चरमपंथी
विचारधारा
को
रोकना
भी
शामिल
है।
धार्मिक
केंद्रों
पर
भी
लगानी
होगी
लगाम
इसके
अलावा
उन
धार्मिक
केंद्रों
पर
भी
लगाम
लगानी
होगी
जहां
से
युवाओं
को
बहकाया
जाता
है
और
फिर
उन्हें
आतंकी
संगठनों
में
भर्ती
के
लिए
तैयार
किया
जाता
है।
दोनों
नेताओं
ने
इस
बात
पर
भी
रजामंदी
जाहिर
की
कि
किसी
भी
देश
की
सरजमीं
का
प्रयोग
आतंकवाद
के
लिए
नहीं
होना
चाहिए
और
ना
ही
किसी
देश
को
आतंकवाद
को
अपनी
नीति
के
तौर
पर
प्रचारित
करना
चाहिए।
पीएम
मोदी
और
सुल्तान
अल
नाहन
ने
भारत
और
यूएई
के
बीच
शांति,
सुरक्षा
और
रक्षा
को
लेकर
जारी
प्रयासों
की
भी
सराहना
की।
इसके
अलावा
आने
वाले
वर्षों
में
इस
दिशा
में
और
प्रभावी
कदम
उठाने
का
ऐलान
किया।
दोनों
नेता
क्षेत्रीय
सुरक्षा,
स्थिरता,
शांति
और
समृद्धता
को
बढ़ाने
पर
भी
राजी
हुए।
इसके
अलावा
यूएई
ने
भारत
के
साथ
मैरीटाइम
सिक्योरिटी
जिसमें
एंटी-पाइरेसी
के
खिलाफ
अभियान
चलाना
भी
शामिल
है,
दोनों
देशों
की
सेनाओं
के
बीच
ट्रेनिंग
और
एक्सरसाइज
और
साइबर
स्पेस
और
दूसरे
अहम
क्षेत्रों
में
आपसी
तालमेल
को
बढ़ाने
पर
जोर
दिया।