एश्टाना में मोदी और जिनपिंग की हो सकती है मुलाकात, पाक पीएम नवाज शरीफ से नहीं मिलेंगे मोदी
एश्टाना। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के अनुरोध के बाद भारत को शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी एससीओ का पूर्ण सदस्य बनाया जाएगा। इस समिट का आयोजन गुरुवार को कजाखिस्तान की राजधानी एश्टाना में हो रहा है। यहां पर भारत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी मौजूद होंगे। साथ ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी यहां मौजूद रहेंगे।
पाकिस्तान भी बनेगा सदस्य
प्रधानमंत्री मोदी जहां चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ समिट से अलग द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं तो वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ उनकी कोई मुलाकात नहीं होगी। भारत की ही तरह पाकिस्तान को भी इसका पूर्ण सदस्य बनाया जाएगा। विदेश मंत्रालय में ज्वांइट सेक्रेटरी जीवी श्रीनिवास ने बताया कि इस बात के संकेत मिले हैं कि भारत को पूर्ण सदस्य बनाने से जुड़ी प्रक्रिया अपने अंतिमच चरण में है और मेमोरेंडम के अनुसार एससीओ में पहले से मौजूद सदस्य देश की ओर से सदस्य के बारे में ऐलान किया जाता है। श्रीनिवास ने बताया कि भारत और दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हो सकती है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच कोई भी मुलाकात शेड्यूल नहीं है। चीन से अलग भारत और कजाखिस्तान के बीच भी मुलाकात हो सकती है, जो भारत को यूरेनियम सप्लाई करने वाला सबसे बड़ा देश है।
पुतिन ने दिया था प्रस्ताव
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले से पूछा गया था कि पीएम मोदी और जिनपिंग समिट से अलग मुलाकात कर सकते हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, 'इस बात की संभावना है लेकिन अभी मुलाकात का शेड्यूल तैयार हो रहा है।' वहीं मोदी और शरीफ की मुलाकात पर उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहले ही कह चुकी हैं कि न तो भारत की ओर से इस तरह का कोई प्रस्ताव है और न ही किसी और की तरफ से इस तरह का कोई प्रस्ताव भेजा गया है। इस स्थिति में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। श्रीनिवास ने बताया कि भारत वर्ष 2005 से ही एससीओ का पर्यवेक्षक रहा है और वर्ष 2014 में इसने इसका पूर्ण सदस्य बनने के लिए अप्लाई किया था। एससीओ में अभी चीन, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं। हाल ही में जब पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात हुई तो पुतिन ने भारत को इसका सदस्य बनाने का समर्थन किया था।