'बदलाव के ब्रांड हैं प्रधानमंत्री मोदी', विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताई पीएम से पहली मुलाकात की कहानी
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि, वक्त अच्छा हो या खराब, प्रधानमंत्री मोदी हमेशा आपके साथ खड़े होते हैं।
न्यूयॉर्क, सितंबर 23: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, जो इस वक्त न्यूयॉर्क में हैं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई पहली मुलाकात के दौरान की कहानी बताई है। अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावास में एक कार्यक्रम के दौान अफगानिस्तान में मजार-ए-शरीफ पर हमले से जुड़ी बातचीत को याद करते हुए एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व कौशल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि, "बहुत बड़े फैसलों के परिणामों को संभालने के लिए पीएम मोदी के पास यह एक विलक्षण गुण है।" केंद्रीय मंत्री ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए और उन्हें संकट से निपटने का श्रेय दिया है।
एस. जयशंकर ने क्या कहा?
एस. जयशंकर ने पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान विदेश मंत्री का पद संभाला और पीएम मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान वो भारत के विदेश सचिव थे। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा कि, "मैं पीएम मोदी से मिलने से पहले से ही उनके स्पष्ट रूप से पसंद करता था। मैं कुछ स्तरों पर हूं, जैसा कि कई लोग शिकायत करेंगे, मैं एक माइक्रोमैनेजक हूं, जो बारीक चीजों पर ध्यान देता है। मैं दर्द में शांत रह सकता हूं, लेकिन उन्होंने जिस स्तर की तैयारी की थी, वह काबिले तारीफ थी," विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए कहा कि, पीएम मोदी "अपना दिन सुबह 7:30 बजे शुरू करते हैं ... और फिर आगे बढ़ते जाते हैं और गिरते नहीं हैं, जबकि उनकी जैसी भूमिका निभाने वाला कोई और हो सकता है कि थक जाए।" उन्होंने राजनीति को एक तरफ रखते हुए कहा कि, पीएम मोदी ने राष्ट्रीय नीति पर टिके रहने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, "वह यह भी पूछते हैं कि 'मुझे क्या नहीं कहना चाहिए', इसके अलावा उसे क्या कहना चाहिए, इस बारे में बात करने के अलावा वह फीडबैक भी मांगते हैं। "
'बदलाव के ब्रांड हैं पीएम मोदी'
पीएम मोदी के बारे में बोलते हुए एस. जयशंकर ने कहा कि, 'प्रधानमंत्री मोदी खुद एक बदलाव के प्रोडक्ट हैं और इसीलिए उनके जैसा व्यक्ति आखिरकार भारत का प्रधानमंत्री बना। और यही बताता है, कि भारत कितना बदल गया है।' अफगानिस्तान से एक और घटना का विवरण देते हुए भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि, "आधी रात हो चुकी थी, और अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में हमारे वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था। और हम लगातार फोन पर लगे हुए थे। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि क्या हुआ है।" लगातार हम फोन पर बने हुए थे। हम अपने दोस्त वार्ड लॉर्ड से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे, ताकि मदद पहुंचाई जा सके और आधी रात में ये सारी बातें लगातार चल रही थीं, हम लगातार फोन पर अधिकारियों से बात कर रहे थे, तभी मेरा फोन बजा और वो फोन प्रधानमंत्री मोदी का था'।
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क्या आप जाग रहे हो?
पीएम का पहला सवाल ये था, कि 'जागे हो?' मैंने कहा कि, हां सर। फिर प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'अच्छा, टीवी देख रहे हो?' तो मैंने कहा कि, हां सर..टीवी देख रहा हूं।' फिर पीएम ने मुझसे पूछा, कि 'क्या हो रहा है वहां?' भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि, फिर मैंने पीएम से वहां के हालात के बारे में बताना शुरू किया, कि वहां क्या हो रहा है और मैंने पीएम से कहा कि, हमारे लोगों तक मदद पहुंच रही है। जिसके बाद प्रधानमंत्री जी ने कहा कि, अच्छा, जब ये सारा कुछ हो जाए, तो मुझे फोन करना। तो मैंने सोचा कि, अभी तो इसमें 2-3 घंटे और लगेंगे, और उस वक्त देर रात हो चुकी थी, तो मुझे लगा कि उतनी रात को पीएम को फोन कैसे करूं।
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पीएम ने कहा, मुझे ही फोन करना
भारतीय विदेशमंत्री ने आगे कहा कि, मैंने पीएम मोदी से कहा, जी सर, जब ये काम हो जाएगा, तो मैं आपके यहां (पीएमओ) फोन करके बता दूंगा। तो पीएम ने कहा कि, नहीं, मुझे पर्सनल फोन करना। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि, ये किस्सा आपको इसलिए बताया है, कि इससे पता चलता है, कि आप जिनके अंदर काम कर रहे हैं, वो कितने संवेदनशील और एक्टिव हैं और इससे पता चलता है, कि देश में चाहे वो कोई अच्छा समय है, या फिर बुरा समय, आपकी पॉलिटिकल क्लास कितनी एक्टिव है और पीएम मोदी हर परिस्थिति में आपके साथ खड़े रहते हैं। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि, यही चीजें हकीकत में अंतर पैदा करती हैं।
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