मां से पैसे उधार लेकर पिज्जा हट की शुरुआत करने वाले फ्रैंक कार्ने का 82 साल में निधन
वॉशिंगटन। पिज्जा हट की शुरुआत करने वालों में शामिल फ्रैंक कार्ने का 82 साल की उम्र में निधन हो गया है। फ्रैंक ने बुधवार को 82 साल की उम्र में विचिता में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि उनका निधन न्यूमोनिया बीमारी की वजह से हुआ है। हाल ही में वह कोरोना वायरस बीमारी से उबरे थे लेकिन उन्हें अल्जाइमर भी था। पिछले एक दशक से वह इस बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी पत्नी और भाई के मुताबिक उन्होंने सुबह 4:30 बजे अंतिम सांस ली।
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19 साल में शुरू किया था बिजनेस
फ्रैंक और उनके भाई ने पिज्जा हट की शुरुआत की थी। उनकी उम्र 19 वर्ष थी और वह विचिता स्टेट यूनिवर्सिटी के छात्र थे। इसी समय उन्होंने अपने 26 साल के भाई डैन ने पिज्जा का बिजनेस शुरू किया। फ्रैंक और डैन ने अपनी मां से सन् 1958 में 600 डॉलर उधार लिए और परिवार की कार्ने मार्केट के करीब पिज्जा हट की शुरुआत की। कार्ने ने सन् 1992 में एक एंटरप्रेन्योरशिप कॉन्फ्रेंस में कहा था, 'जब आप कोई बिजनेस शुरू करते हैं और कॉलेज के समय उसका रास्ता खुलता है तो आप यह नहीं सोचते हैं कि अर्थव्यवस्था कैसी है। हमने भी इस बात की चिंता नहीं की कि व्हाइट हाउस में कौन है और बेरोजगारी की दर कैसी है। एक उद्यमी जिस बात के बारे में सोचता है वह है- क्या हमारे उत्पाद के लिए बाजार मौजूद है? क्या मैं इसे बेच सकता हूं?' सन् 1977 में पेप्सिको ने पिज्जा हट को 300 मिलियन डॉलर में खरीद लिया था। इतने वर्षों तक फ्रैंक लगातार कई अलग-अलग बिजनेस से जुड़े रहे जिसमें फूड कंपनीज से लेकर रियल एस्टेट, ऑयल एंड गैस, ऑटोमोटिव, रेंटल और कुछ और बिजनेस शामिल थे।
बिजनेस में हुआ खासा नुकसान
फ्रैंक की 20 में से बस 5 कंपनियां ही ऐसी थी जिनसे उन्हें अच्छी आय हुई। उनके भाई की मानें तो यह निश्चित तौर पर कोई बुरी बात नहीं है। डैन ने बताया 'पिज्जा हट से उन्होंने जितना कमाया था, उसका अधिकतर हिस्सा वह गंवा चुके थे। वह बिल्कुल भी निराश नहीं थे बल्कि कुछ अलग करने के लिए हमेशा ही उत्साहित रहते थे।' जब पेप्सिको ने पिज्जा हट का हेडक्वार्टर विचिता से डालास ले जाने का फैसला किया तो फ्रैंक ने इसे एक गलती करार दिया था। उन्होंने सन् 1990 में पापा जोन्स पिज्जा की फ्रैंचाइजी खरीदी और अपने एक प्रतिद्वंदी के ब्रांड को टक्कर देना शुरू कर दिया। फ्रैंक कार्ने के पास पापा जोन्स की सबसे बड़ी फ्रैंचाइजी थी और अल्जाइमर बीमारी का पता लगने तक लगातार काम करते रहे।