‘मुझे उस अजीब दुनिया के बारे में बताने से रोका गया’
कनाडा की पाउलीन डाकिन की ज़िंदगी की कहानी ऐसी ही है. अजीबोग़रीब डर की गिरफ़्त मे बीती ज़िंदगी. ऐसा डर जिसे पाउलीन ने सिर्फ़ सुना था. वो भी किसी और से नहीं अपनी मां से. यक़ीन न करने की कोई वजह नहीं बनती थी. जब पाउलीन सात बरस की थीं, तो उनकी मां उन्हें और भाई को छुट्टी पर घुमाने के लिए विनीपेग नाम के शहर लेकर गईं. लेकिन फिर पाउलीन कभी अपने घर नहीं लौटीं.
क्या ऐसा हो सकता है कि किसी की ज़िंदगी एक ऐसे डर से भागते हुए बीते, जिसका राज़ मालूम ही न हो.
कनाडा की पाउलीन डाकिन की ज़िंदगी की कहानी ऐसी ही है. अजीबोग़रीब डर की गिरफ़्त मे बीती ज़िंदगी. ऐसा डर जिसे पाउलीन ने सिर्फ़ सुना था. वो भी किसी और से नहीं अपनी मां से. यक़ीन न करने की कोई वजह नहीं बनती थी.
वो 1970 का दशक था. पाउलीन और उनके भाई को नित नए झटके मिलते थे. नई बातें पता चलती थीं. उन्हें अपनी ज़िंदगी के बारे में किसी से बात करने, किसी से सवाल करने की इजाज़त नहीं थी.
पाउलीन के परिवार में हमेशा ही ऊटपटांग की चीज़ें होती रहती थीं. पाउलीन के ज़हन में हमेशा ये ख़याल आता रहता था कि आख़िर उन्हीं के परिवार के साथ ये अजीबोग़रीब घटनाएं क्यों होती रहती हैं? लेकिन, इनके जवाब उन्हें कभी नहीं मिलती हैं.
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छुट्टी पर जाने के बाद नहीं लौटे घर
पाउलीन की मां रूथ और पिता वारेन उस वक़्त अलग हो गए थे, जब वो महज़ पांच बरस की थीं. वारेन एक कारोबारी थे. वो शराब बहुत पीते थे. शराब पीकर वो हिंसक हो जाते थे. रूथ से मारपीट करते थे. जब रूथ से बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया तो वो पति से अलग हो गईं.
जब पाउलीन सात बरस की थीं, तो उनकी मां उन्हें और भाई को छुट्टी पर घुमाने के लिए विनीपेग नाम के शहर लेकर गईं. लेकिन फिर पाउलीन कभी अपने घर नहीं लौटीं. विनीपेग पहुंच कर रूथ ने बताया कि वो वापस घर नहीं जाएंगे.
पाउलीन उन दिनों को याद करके कहती हैं कि उन्हें न तो अपने पिता और न ही अपने दोस्तों को अलविदा कहने का मौक़ा मिला था. अचानक ही कुछ रिश्ते हमेशा के लिए ख़त्म हो गए.
जब उन्होंने इस बारे में मां से बात की, तो तसल्लीबख़्श जवाब नहीं मिला. वो बस ये कहकर चुप हो गईं, कि वो कुछ बता नहीं सकतीं.
चार साल बाद पाउलीन के साथ फिर वही हुआ. उनका परिवार एक नए शहर में नई ज़िंदगी शुरू करने को मजबूर हो गया. परिवार में हमेशा डर का माहौल होता था.
11 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते पाउलीन ने छह अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई की थी. पिता से उनका कोई संपर्क नहीं रह गया था.
इस दौरान उनके परिवार में एक नया आदमी आ गया था. उसका नाम था स्टैन. पाउलीन की मां रूथ की मुलाक़ात स्टैन के साथ एक चर्च में हुई थी. जब वो मुश्किलों से गुज़र रही थीं और पाउलीन के पिता से निजात पाने की सलाह लेने गई थीं.
जब भी पाउलीन का परिवार अपने ठिकाने से अचानक ग़ायब हुआ, तब स्टैन उनके साथ ज़रूर रहा करते थे. स्टैन का परिवार भी उनके परिवार के साथ ही अलग-अलग शहरों में बसने पहुंच जाता था.
एक दिन मां ने राज़ बताया
जब पाउलीन 23 बरस की थीं, तो उन्होंने पढ़ाई पूरी कर ली थी और न्यू ब्रुन्सविक शहर में एक अख़बार के लिए काम करने लगी थीं.
एक दिन पाउलीन की मां ने उन्हें फ़ोन किया और कहा कि वो अपनी ज़िंदगी की सारी उथल-पुथल के बारे में बताने को तैयार हैं.
मां और बेटी की मुलाक़ात शहर से बाहर एक मोटेल में हुई. जैसे ही पाउलीन वहां पहुंचीं, रूथ ने उन्हें एक पर्चा पकड़ाया. इसमें लिखा था कि वो अपने सारे गहने उतारकर एक लिफ़ाफ़े में रख दें. कुछ बोले नहीं.
पाउलीन को ये बात एकदम अजीब लगी. फिर भी उन्होंने अपनी मां के कहे मुताबिक़, गहने उतारकर एक लिफ़ाफ़े में रख दिए.
इसके बाद उनकी मां रूथ उन्हें एक कमरे में ले गईं. वहां वो स्टैन को देखकर हैरान रह गईं.
स्टैन और रूथ ने बताया कि वो लोग पिछले 16 साल से एक माफ़िया के डर से भागे फिर रहे हैं क्योंकि इस माफ़िया का उनके पिता वारेन से झगड़ा हो गया था. रूथ ने ये भी कहा कि उन्होंने गहने उतारने के लिए इसलिए कहा क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं गहनों में उनकी जासूसी के लिए कोई यंत्र न लगा हो.
पाउलीन बताती हैं कि रूथ और स्टैन की बातें सुनकर वो हैरान रह गईं. उन्हें भरोसा ही नहीं हो रहा था कि ऐसा हो सकता है. फिर उन्हें एक-एक करके बचपन की बातें याद आने लगीं.
स्टैन ने बताया कि उसने एक माफ़िया को अपराध की दुनिया से बाहर आने में मदद की थी. इस बात का पता लगने पर उसके पुराने गिरोह के लोग उसके पीछे पड़ गए थे और उसे मार डाला था. उन्होंने स्टैन को भी मारने की कोशिश की. इसी वजह से रूथ के पीछे भी माफ़िया पड़ गया था क्योंकि रूथ के पति रहे वारेन का वास्ता ऐसे ही गैंग से था.
स्टैन ने बताया कि उनके पीछे हर वक़्त कोई न कोई निगरानी के लिए रहता था. कई दफ़े तो हमशक़्लों को भी उनके पीछे लगा दिया गया था ताकि माफ़िया उन्हें मार न डाले.
स्टैन ने दावा किया कि पाउलीन को कई बार मारने की कोशिश हुई. मगर ख़ुफ़िया एजेंटों ने ऐसा होने से रोक दिया और पाउलीन को पता भी नहीं चला.
ये सरकारी एजेंट स्टैन के ही कहने पर रूथ और उनके बच्चों की रखवाली में लगाए गए थे. कई बरस की भागमभाग के बाद पाउलीन की मां एक ख़ुफ़िया समुदाय के साथ रहने लगीं. ये ख़ुफ़िया समुदाय ऐसे ही लोगों का समूह था, जो माफ़िया के डर से अलग-अलग जगहों पर छिपकर, पहचान छिपाकर रहा करते थे.
स्टैन पहले से ही ऐसे ही एक समुदाय के साथ रहते थे. इसीलिए उन्होंने रूथ को भी ये ख़ुफ़िया ज़िंदगी जीने में मदद की.
रूथ ने अपने प्यार का किया इज़हार
उसी वक़्त स्टैन और रूथ ने बताया कि दोनों एक दूसरे से बरसों से प्यार करते थे. मगर एक दूसरे के प्रति अपने जज़्बात का इज़हार करने का मौक़ा ही नहीं मिला. पाउलीन से दोनों ने बताया कि वो शादी करने जा रहे हैं.
पाउलीन को पूरी कहानी पर यक़ीन ही नहीं हुआ. लेकिन जब उन्होंने बचपन के क़िस्सों को इस नए पर्दाफ़ाश से जोड़ा तो कुछ बातों के जवाब मिलते नज़र आए.
जैसे कि एक बार घर का पूरा खाना फेंक दिया गया था. अब पाउलीन को समझ में आया कि उनके खाने में ज़हर मिलाए जाने का अंदेशा था इसीलिए घर का पूरा खाना फेंक दिया गया था.
एक बार पूरा का पूरा परिवार अचानक पहाड़ी इलाक़े में रहने चला गया था. वहां वो पूरी रात रहे थे. स्टैन ने बताया कि उस दिन माफ़िया के हमले का अंदेशा था. इसीलिए बचने के लिए वो पूरे परिवार को पहाड़ों पर ले गए थे.
इसी तरह एक दिन बच्चों को घर आते ही पहनने के लिए प्लास्टिक के मोज़े दिए गए. फिर उन्हें अपने पैर रगड़कर साफ़ करने को कहा गया. घर में ख़तरनाक केमिकल फेंके जाने की ख़बर स्टैन को कहीं से लगी थी.
मोटेल से निकलते हुए पाउलीन से स्टैन ने कहा कि वो एक ट्रांसमीटर अपने साथ रखें. किसी मुसीबत में एक बटन दबाते ही इसकी ख़बर स्टैन को हो जाएगी.
पाउलीन जब मां रूथ और उनके नए पति स्टैन से मिलकर लौटीं तो मानो पूरी ज़िंदगी घूमती सी महसूस हुई. वो अपने ब्वॉयफ्रैंड के साथ रह रही थीं और शादी की तैयारी कर रही थीं. मगर अब पाउलीन को लगा कि उनकी ज़िंदगी तो बहुत ख़तरे में हैं.
पाउलीन को लगने लगा कि हर कार उनका पीछा कर रही है. वो खिड़कियों से बाहर झांकती रहती थीं. डर था कि दिल-दिमाग़ से निकल ही नहीं रहा था.
अब स्टैन और रूथ से पाउलीन को और भी अजब जानकारियां मिलने लगीं. उन्होंने पाउलीन को बताया कि उनकी ज़िंदगी में कई ऐसे लोग हैं जो असल में असली इंसान के हमशक्ल हैं. इनमें से एक तो उनकी बुआ ही थीं.
स्टैन ने पाउलीन को समझाया कि ये हमशक्ल महीनों तक असली इंसान के वीडियो देखकर उनके जैसे हाव-भाव और बर्ताव सीखते थे.
भाई की शादी में जब उनकी मौसी आईं तो पाउलीन की मां रूथ सदमें में आ गईं. उन्होंने कहा कि जो महिला उनकी मौसी बनकर आई है, वो हमशक्ल है. सब कुछ तो ठीक है, मगर उसके पैर रूथ की बहन जैसे कैसे हो सकते थे?
लेकिन स्टैन ने सब को भरोसा दिलाया कि ये सब आज की तकनीक की वजह से मुमकिन हो रहा है.
पाउलीन और उनकी मां को उनके पिता और उसके गॉडफ़ादर की तरफ़ से चिट्ठियां भी आती थीं. इनमें बताया जाता था कि उन्हें कहीं क़ैद करके रखा जाता है. इन चिट्ठियों की लिखावट देखकर कोई कह ही नहीं सकता था कि ये फ़र्ज़ी चिट्ठियां हैं. इसलिए इन पर यक़ीन न करने की कोई वजह ही नहीं थी.
पाउलीन को इन क़िस्सों पर शक होता था. मगर वो ख़ुद को ये कहकर समझाती थीं कि ये बातें ख़ुद उनकी मां रूथ और उनके पति स्टैन बता रहे हैं.
लेकिन इस उठापटक की वजह से पाउलीन का काम बहुत प्रभावित होने लगा था. आख़िर में उन्होंने तय किया कि अपनी ज़िंदगी की ये राज़ उन्हें समझने ही होंगे. इसके सिवा कोई चारा न देख कर पाउलीन ने अपने ब्वॉयफ्रैंड से रिश्ता ख़त्म किया और अपनी मां के साथ रहने का फ़ैसला किया.
स्टैन ने कहा कि वो जिस समुदाय के साथ रहते हैं, वहां पाउलीन को भी काम मिल जाएगा. उन्होंने ही पाउलीन के रहने का भी इंतज़ाम कर दिया.
एक बार फिर हुए अंडरग्राउंड
आख़िर में पाउलिन ने अपना घर बेच दिया और अपनी मां रूथ और उनके पति स्टैन के पास रहने के लिए न्यू हैलीफैक्स रहने आ गईं.
यहां स्टैन ने कहा कि माफ़िया को उनके बारे में पता चल गया है और उन सभी को अंडरग्राउंड होना पड़ेगा.
पाउलीन इसके लिए भी तैयार हो गईं. लेकिन स्टैन ने रोज़ कोई न कोई बहाना बनाकर अंडरग्राउंड होने की बात टालनी शुरू कर दी.
इसी दौरान पाउलीन की मुलाक़ात केविन से हुई, जिनसे उन्होंने शादी कर ली. पिता का फ़र्ज़ स्टैन ने निभाया क्योंकि पाउलीन को अपने असली पिता वारेन को वहां बुलाने की इजाज़त नहीं थी.
केविन ने भी तय किया कि सच का पता लगाने के लिए वो भी पाउलीन और रूथ के साथ अंडरग्राउंड होगा. लेकिन स्टैन दिनों-दिन इस बात को टालने लगा.
धीरे-धीरे करके इस इंतज़ार में पांच साल बीत गई. अब ये राज़ पाउलीन के बर्दाश्त से बाहर हो गया था. उन्होंने तय किया कि वो अपनी मां रूथ और स्टैन का स्टिंग ऑपरेशन करके सच का पता लगाएंगी.
एक दिन पाउलीन ने अपनी मां को फोन किया और कहा कि किसी ने उनके घर में सेंध लगा दी है. पाउलीन ने मां से पूछा कि उन्हें क्या करना चाहिए.
रूथ ने कहा कि वो स्टैन से पूछकर बताती हैं. स्टैन ने कहा कि वो पुलिस को इस बात की ख़बर कतई न दें. रूथ ने पाउलीन को फ़ोन करके घर आने को कहा.
मां के घर पहुंची तो पाउलीन को रूथ और स्टैन ने कहा कि दो लोगों को उसके घर में चोरी करने के जुर्म में गिरफ़्तार किया गया है. उनके पास से पाउलीन की तस्वीर भी मिली है. वो उसका काफ़ी दिन से पीछा कर रहे थे. उन्हें घर के भीतर कुछ ख़ास चीज़ों की तलाश थी.
सारी बात सुनकर उन्होंने स्टैन और रूथ को बताया कि उनकी सारी बातें झूठी हैं क्योंकि उसके घर में किसी ने चोरी नहीं की थी. उसने तो झूठ बोला था.
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पाउलीन का स्टैन पर शक़
जब पाउलीन ने अपनी मां को घेरकर सख़्त सवाल पूछे तो वो घबरा गईं. रूथ ने कहा कि उन्हें स्टैन की बातों पर भरोसा करना चाहिए. स्टैन ने दावा किया कि कोई ग़लतफ़हमी हो गई है.
इसके बाद पाउलीन ने महीनों तक मां को समझाने की कोशिश की कि स्टैन ने पिछले कई साल से एक झूठी कहानी उन्हें और पूरे परिवार को सुनाई है. लेकिन रूथ अपनी बेटी पर भरोसा करने को राज़ी ही न थी.
पाउलीन को ये यक़ीन था कि ये सारी साज़िश स्टैन की रची थी, उसकी मां इसमें शामिल नहीं थी.
लेकिन पाउलीन के पास अभी भी इस बात का जवाब नहीं था कि आख़िर में स्टैन ने ऐसा क्यों किया?
पाउलीन ने इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए एक मनोवैज्ञानिक की मदद ली.
मनोवैज्ञानिक ने बताया कि स्टैन असल में एक सिंड्रोम का शिकार है. इसका नाम है 'फोली ए ड्यू'. ये एक ऐसी दिमाग़ी बीमारी है जिसमें एक इंसान को एक ख़्वाबों की दुनिया में यक़ीन हो जाता है. फिर वो शख़्स अपने इस यक़ीन से दूसरों को भी रूबरू कराता है और उनका भी भरोसा जीत लेता है.
स्टैन ने यही काम रूथ के साथ किया था.
इस बात को जानने के बाद पाउलीन अपने पिता वारेन से दोबारा जुड़ीं. हालांकि अब वारेन बीमार थे. उन्होंने और शराब पीनी शुरू कर दी थी. पाउलीन ने पहले सोचा कि वो पिता को सच बता दें. फिर वो ये सोचकर ख़ामोश रह गईं कि इससे उनके पिता और भड़क जाएंगे और ये उनके लिए और नुक़सानदेह होगा.
पाउलीन और उनकी मां के रिश्ते फिर से सामान्य नहीं हो सके. लेकिन जब पाउलीन के बच्चे हुए तो रूथ के साथ उनका ताल्लुक़ कुछ बेहतर ज़रूर हुआ.
पाउलीन की मां रूथ को कैंसर हो गया था. आख़िरी दिनों में पाउलीन ने अपनी मां को माफ़ कर दिया था.
रूथ ने अपनी ज़िंदगी के आख़िरी 9 महीने बेटी पाउलीन के साथ ही गुज़ारे. आख़िरी वक़्त तक रूथ को स्टैन की कहानी पर भरोसा रहा था.
मां की मौत के कुछ साल बाद पाउलीन ने एक लेख में स्टैन की बीमारी के बारे में पढ़ा जिसमें एक शख़्स को सनक की हद तक किसी कोरी कल्पना पर यक़ीन हो जाता है. पाउलीन ने मेडिकल जर्नल में छपे लेख को लिखने वाले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक से इस बारे में बात की.
उनसे इस बीमारी को समझकर पाउलीन को अपनी ज़िंदगी की तल्ख़ सच्चाई के साथ जीने में मदद मिली. हालांकि स्टैन ने उनकी ज़िंदगी को जो नुक़सान पहुंचाया था, उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती थी.
पाउलीन को आज भी अपनी मां पर बहुत तरस आता है जिन्होंने आंख मूंदकर स्टैन पर भरोसा किया. स्टैन ने हमदर्दी जताकर उसकी मां की ज़िंदगी बर्बाद कर दी थी. हालांकि, स्टैन ने रूथ का ख़याल भी बहुत रखा.
लेकिन इस चक्कर में स्टैन ने पाउलीन और उनके भाई की ज़िंदगी को बहुत नुक़सान पहुंचाया.
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