इमरान के 'नए पाकिस्तान' में ISI के खिलाफ बोलना पड़ा महंगा, हाईकोर्ट का जज बर्खास्त
इस्लामाबाद। इमरान खान के नए पाकिस्तान में अपने खुफिया एजेंसी को विरोध करना हाईकोर्ट के एक जज सजा मिली है। इसी साल जुलाई में हुए आम चुनाव में पाकिस्तान में हाईकोर्ट के एक जज ने अपने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद जस्टिस शौकत सिद्दीकी को इमरान सरकार ने एक नोटिफिकेशन भेजकर तत्काल प्रभाव से गुरुवार को बर्खास्त कर दिया। पाकिस्तान सेना और खुफिया एजेंसियों के खिलाफ कोई भी बोलने की हिम्मत नहीं रखता है।
आम चुनाव के दौरान जस्टिस सिद्दीकी ने आरोप लगाया था कि आईएसआई नवाज शरीफ समेत देश के अन्य मामलों में फैसला उनके पक्ष में लाने के लिए देश के मुख्य न्यायाधीश पर दबाव बना रही है। रावलपिंडी बार एसोसिएशन को संबोधित करते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शौकत सिद्दीकी ने न्यायपालिका और मीडिया को 'नियंत्रित' करने का आरोप लगाते हुए खुफिया एजेंसी आईएसआई पर खुलेआम हमला बोला था।
रावलपिंडी में जस्टिस सिद्दीकी ने कहा था, 'आज न्यायपालिका और मीडिया 'बंदूकवालों' (सेना) के नियंत्रण में है। न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है। यहां तक कि मीडिया को सेना से निर्देश मिल रहे हैं। मीडिया सच बोल नहीं रहा है, क्योंकि यह दबाव में काम करना उनकी रूचि है।' उन्होंने कहा था कि कई मामलों को प्रभावित करने के लिए आईएसआई खुद न्यायपालिका में जजों की बेंच बनाती है।
पाकिस्तान में सिद्दीकी इकलौते नहीं है, जो सेना और आईएसआई की तानाशाही का शिकार हुए हैं। इससे पहले भी कई पत्रकारों, मानवाधिकार संगठनों के कार्यकर्ताओं और अपने अधिकारों की बात करने वालों को जेल में डालकर टॉर्चर किया जा चुका है।
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